केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से जुड़ी एक ऐसी घटना सामने आई है, जो न सिर्फ विचारधारा के लिए खुद को समर्पित बताने वाले वामपंथियों की पोल खोलती है, बल्कि देश के एक बड़े मीडिया संस्थान के कथित पत्रकारिता के उच्चतम आदर्शों की भी परतें उधेड़ कर रख देती है। संक्षेप में कहें तो The Hindu में पिनराई विजयन का एक इंटरव्यू छपता है, मुस्लिमों की नाराज़गी के बाद उस इंटरव्यू के कुछ शब्दों को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा नकार दिया जाता है, फिर The Hindu माफीनामा छापता है और कहता है कि ये सब PR एजेंसी का किया-धरा है। आइए, एक-एक कर इस घटना के सारे पहलुओं को समझते हैं।
शोभना K नायर ने लिया केरल CM का इंटरव्यू
सोमवार (30 सितंबर), 2024 को The Hindu समाचार-पत्र में ये इंटरव्यू छपा। इस इंटरव्यू का शीर्षक CM के बयान को ही रखा गया था। उन्होंने कहा था – CPI(M) ने केरल में हमेशा RSS व अन्य हिंदूवादी ताक़तों का कड़ा विरोध किया है। इंटरव्यू के किस सवाल को लेकर पूरा विवाद हुआ, उससे पहले ये जानना ज़रूरी है कि इस इंटरव्यू को लिया किसने। वरिष्ठ पत्रकार शोभना K नायर ने ये इंटरव्यू लिया था। उन्होंने LJP के संस्थापक पर ‘रामविलास पासवान: The Weathervane of Indian Politics’ नामक पुस्तक भी लिख रखी है। इसमें राजनीति के मौसम वैज्ञानिक कहे जाने वाले रामविलास पासवान के राजनीतिक करियर का विस्तृत विवरण है।
कॉन्ग्रेस के संचार विभाग के महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने इस किताब की तारीफ़ की है, जो इस पुस्तक की कवर पर भी छपी हुई है। शोभना K नायर फ़िलहाल The Hindu में बतौर डिप्टी एडिटर कार्यरत हैं। The Hindu की वेबसाइट पर आपको उनके लगभग 125 लेख मिल जाएँगे। कुल मिला कर ये कि वरिष्ठ पत्रकार हैं। ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ और ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से लेकर ‘द टेलीग्राफ’ और ‘मुंबई मिरर’ तक में कार्य कर चुकी हैं। पिछले 7 वर्षों से वो इतने बड़े मीडिया संस्थान में हैं और 2 साल पहले ही उन्हें कंपनी ने प्रमोट किया है तो कुछ देख कर ही किया होगा।
कहानी का एक और किरदार – विधायक PV अनवर
अब आएँगे The Hindu में प्रकाशित केरल के सीएम पिनराई विजयन के इंटरव्यू पर, लेकिन उससे पहले हमें इस कहानी के एक और किरदार के बारे में जानना पड़ेगा। उनका नाम है – PV अनवर, वायनाड के निलम्बूर से निर्दलीय विधायक। वो विधायक जो कभी पिनराई विजयन को अपने पिता की तरह मानते थे, लेकिन अब वो कहते हैं कि केरल में सत्ताधीश वामपंथी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS मिले हुए हैं। जिस दिन पिनराई विजयन का इंटरव्यू अख़बार में छपता है, उसी दिन अनवर के आरोप भी छपते हैं। अनवर ने कहा कि कोझिकोड में रियल एस्टेट कारोबारी मोहम्मद अत्तूर उर्फ़ मामी के गायब होने के पीछे केरल के ADGP अजीत कुमार का हाथ है। 21 अगस्त, 2023 को वो गायब हुए थे। 1 साल से जाँच चल रही है, कोई नतीजा नहीं निकला। पुलिस को पता चला कि उन्होंने अपने घर पर बड़ी मात्रा में कैश रखा हुआ था। क्राइम ब्रांच इस मामले की जाँच कर रही है। अनवर का कहना है कि उन्हें पुलिस अधिकारी अजीत कुमार पर भरोसा नहीं है, क्योंकि वो RSS के आदमी हैं।
PV अनवर ये भी कहते हैं कि RSS ने केरल में अजीत कुमार का इस्तेमाल कर के अपने एजेंडे के हिसाब से कई कार्यों को अंजाम दिया है। अब वापस आते हैं इंटरव्यू पर। इंटरव्यू में पिनराई विजयन से केरल पुलिस और RSS के कनेक्शन को लेकर सवाल पूछा गया। देखिए, RSS को कितना अछूत बना दिया गया है इससे कनेक्शन रखना भी ये लोग अपराध में गिनते हैं। जो संगठन 100 वर्षों से देश भर में अपने कैडर के जरिए राष्ट्र-निर्माण में जुटा है, उसके प्रति इनकी नफरत इतनी तगड़ी है कि कहीं RSS का नाम भर आ जाने से ये इतने घबरा जाते हैं, लेकिन ISIS और अलकायदा से इन्हें इतना डर नहीं लगता होगा।
पिनराई विजयन के किस बयान पर मचा हंगामा
खैर, जब पिनराई विजयन से ये सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि लेफ्ट, खासकर CPI(M) RSS और उसकी नीतियों का कड़ा विरोध करती रही है। सीएम आगे कहते हैं कि हमारे कई कॉमरेड RSS के खिलाफ खड़े होने का साहस कर के अपनी जान गँवा चुके हैं। अनवर के आरोप को उन्होंने अफवाह बताते हुए कहा कि केरल में कोई इस पर यकीन नहीं करता। उन्होंने आगे कहा कि हमें ये समझना पड़ेगा कि इस तरह के बयान क्यों दिए जा रहे हैं। इसके बाद उन्होंने अपनी थ्योरी देते हुए कहा कि केरल में अल्पसंख्यक समाज की एक बड़ी जनसंख्या है और लंबे समय तक वो UDF, यानी कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ रहे। पिनराई विजयन आगे कहते हैं कि अब ये ट्रेंड बदल गया है और अल्पसंख्यक समूह LDF, यानी लेफ्ट गठबंधन पर विश्वास करते हैं। केरल के सीएम का मानना है कि इसी कारण UDF वाले झूठा आरोप लगा कर ये अफवाह फैला रहे हैं कि LDF सरकार RSS को लेकर सॉफ्ट है। उन्होंने इसे राजनीतिक लाभ के लिए चलाया गया अभियान करार दिया।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने The Hindu की पत्रकार शोभना K नायर को इंटरव्यू देते हुए आगे जो कहा, वो जानने लायक है। क्योंकि, सारा विवाद इन्हीं शब्दों को लेकर है। अनवर के आरोपों वाले सवाल के जवाब में वो आगे कहते हैं कि केरल में अन्य कट्टरपंथी तत्व भी सक्रिय हैं, जो सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा दे रहे हैं। आगे उनके शब्द ध्यान से देखिए, CM कहते हैं, “जब हम मुस्लिम कट्टरपंथी तत्वों पर कार्रवाई करते हैं तो ये ताकतें ये दिखाने की कोशिश करती हैं कि हम मुस्लिमों के खिलाफ कार्रवाई कह रहे हैं। उदाहरण के लिए, पिछले 5 वर्षों में मलप्पुरम में पुलिस ने 150 किलो सोना और 123 करोड़ रुपए हवाला की रकम जब्त की है। यह धन केरल में राज्य विरोधी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए आ रहा है। CM विजयन आगे कहते हैं, “ये जो आरोप हैं वो सरकार द्वारा की जा रही इन्हीं कार्रवाइयों की प्रतिक्रिया हैं। जहाँ तक अनवर का सवाल है, उनके दावों की जाँच के लिए हमने एक विशेष समिति का गठन कर दिया है।” तो ये था इंटरव्यू का वो हिस्सा, जिस पर सारा विवाद है। अब आगे ये होता है कि केरल का CMO इस बयान से पलट जाता है।
संपादक को CMO से चिट्ठी, बयान से पलटे मुख्यमंत्री
ये थी 30 सितंबर, 2024 की बात। अगले दिन, तारीख़ के साथ-साथ महीना भी बदल जाता है। CM का बयान भी बदल जाता है। केरल के मुख्यमंत्री के प्रेस सचिव PM मनोज The hindu के संपादक को एक चिट्ठी लिखते हैं, जिसमें मलप्पुरम वाले बयान को लेकर कहा जाता है कि ये Unattributed है, यानी सीएम ने ऐसा कहा ही नहीं। साथ ही अख़बार से निवेदन किया जाता है कि इसे पर न सिर्फ स्पष्टीकरण दिया जाए, बल्कि इसे सुधारा भी जाए। सीएमओ कहता है कि इंटरव्यू के इस हिस्से को लेकर उसे गंभीर चिंता है और मलप्पुरम वाले बयान ने गंभीर विवाद छेड़ दिया है। इस पत्र के अनुसार, चीफ मिनिस्टर ने किसी जगह का नाम लिया ही नहीं और न ही अपने इंटरव्यू में ‘राज्य विरोधी’ या ‘राष्ट्र विरोधी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। पत्र में आगे लिखा गया कि ये बयान न तो मुख्यमंत्री के विचार हैं, न ही केरल सरकार के रुख को दिखाते हैं। साथ ही उम्मीद जताई गई कि एक विश्वस्त अख़बार और पत्रकारिता के उच्चतम आदर्शों का पालन करने वाले The Hindu जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करेगा और इस संवेदनशील मुद्दे पर चीजें स्पष्ट करने में सहयोग करेगा।
आगे सलाह दे दी गई कि जनता के बीच इस मुद्दे को स्पष्ट करने के लिए चीफ मिनिस्टर के वास्तविक विचारों को प्रकट करना महत्वपूर्ण होगा, ताकि आगे और भ्रम न फैले। अब आते हैं 1 अक्टूबर, 2024 के अख़बार पर। जिस दिन मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से The Hindu को पत्र जाता है कि ये बयान CM का नहीं है, उसी दिन, उसी बयान को लेकर विधायक अनवर फिर से सीएम को हमलावर होते हैं। वो आरोप लगाते हैं कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मुस्लिमों को कट्टरपंथ से जोड़ कर देखा। The Hindu छापता है कि PV अनवर ने The Hindu में सीएम पिनराई विजयन के इंटरव्यू में दिए गए बयान को लेकर आपत्ति जताई है। अनवर कहते हैं कि दिल्ली में ध्यान आकर्षित करने के लिए एक राष्ट्रीय अख़बार को दिए गए इंटरव्यू में ये बातें कही गई हैं। The Hindu ने इस खबर में एक बार फिर से विजयन के मलप्पुरम में सोना और कैश की जब्ती वाले बयान को छापा। केरल में इस बयान को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन की खबर भी छापी गई। मलप्पुरम में 70% से भी अधिक जनसंख्या मुस्लिमों की है, ऐसे में इस बयान का विरोध कर सीएम पिनराई विजयन को मुस्लिम विरोध बताया है।
The Hindu अख़बार ने छापा स्पष्टीकरण
अब अगले दिन के अख़बार को देखते हैं। इस अख़बार में CMO की तरफ से भेजे गए पत्र का असर साफ़ दिखता है और एक स्पष्टीकरण छापा जाता है। विडम्बना ये देखिए कि एक तरफ सफाई छपती है और दूसरी तरफ विपक्षी UDF का आरोप – उसी बयान को लेकर, जिसे लेकर सफाई छपी है। इस सफाई में जो लिखा है, उसके बाद ये मामला एक अलग ही मोड़ ले लेता है। इसमें कहा जाता है कि PR कंपनी से जुड़े लोगों के कहने पर सीएम के साक्षात्कार में वो हिस्सा जोड़ा गया, जो सीएम ने कहा ही नहीं था। इसके लिए रिपोर्टर को दोषी ठहराए जाते हुए कहा जाता है कि उसने निर्णय लेने में गंभीर त्रुटि की। साथ ही संपादकीय निरीक्षण में गड़बड़ी के लिए भी माफ़ी माँगी गई।
‘बिना शर्त माफ़ी’ माँगते हुए The Hindu अख़बार ने लिखा कि Kaizzen नामक एक PR एजेंसी ने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली स्थित ‘केरल हाउस’ में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का साक्षात्कार किया, जहाँ उक्त PR एजेंसी के 2 प्रतिनिधि भी मौजूद थे। अख़बार का कहना है कि आधे घंटे तक चले इंटरव्यू के बाद कैजेन के ही लोगों ने मलप्पुरम में सोना और हवाला का पैसा जब्त होने वाली बात इंटरव्यू में सीएम के हवाले से जोड़ने के लिए कहा। बकौल अख़बार, सीएम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही थी, पीआर ने The Hindu को इसे लिखित में उपलब्ध कराया। समाचार-पत्र ने इसे चूक बताते हुए कहा कि वो पत्रकारिता के जिन कड़े नियमों का पालन करता है, ये उसमें कमी को प्रदर्शित करता है और वो इस गलती के लिए क्षमा चाहता है।
इसी क्लैरिफिकेशन के बाईं तरफ विपक्ष का बयान छपा था, जिसमें UDF ने कहा था कि मुख्यमंत्री को अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष VD सतीशन ने कहा कि केरल के CM ने जो बयान दिया, वो अल्पसंख्यकों को लेकर संघ परिवार द्वारा चलाए जा रहे भड़काऊ और विभाजनकारी अभियान का हिस्सा है। UDF ने इसे एक निराधार और अपमानजनक बयान करार दिया। एक तरफ UDF का आरोप और दूसरी तरफ स्पष्टीकरण, और बीच में The Hindu ने CM विजयन का ये बयान भी छाप दिया कि इंटरव्यू में मलप्पुरम वाली बात उन्होंने कही ही नहीं थी। उन्होंने ये भी कहा कि मलप्पुरम में ही कालीकट एयरपोर्ट है, ऐसे में वहाँ जब्त होने वाले सोना और कैश वाले केस उसी जिले में दर्ज किए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका अर्थ ये बिलकुल नहीं है कि तस्करी केवल मलप्पुरम के लोग ही कर रहे हैं।
The Hindu और पिनराई विजयन का घोड़ा-चतुर
अब इस नाटक का अगला भाग देखिए। 2 अक्टूबर, 2024 के अख़बार में छपता है कि सारी गड़बड़ी PR एजेंसी के कारण हुई, 4 तारीख़ के अख़बार में केरल के मुख्यमंत्री का बयान छपता है कि उन्होंने कोई पीआर एजेंसी हायर ही नहीं की है। यानी, इस मामले में सीएम पिनराई विजयन तो कन्फ्यूज्ड नज़र आते ही हैं, देश का इतना बड़ा अख़बार भी घोड़ा-चतुर खेल रहा होता है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनकी ही पार्टी के एक पूर्व विधायक ने उनसे संपर्क किया और कहा कि The Hindu उनका इंटरव्यू करना चाहता है, जिस पर वो तैयार हो गए, शोभना K नायर ने उन्हें बताया कि वो केरल के ही पालक्काड़ के ओट्टपालम से हैं। उनका कहना है कि इंटरव्यू के दौरान एक और शख्स कमरे में थे, जिसे उन्होंने The Hindu की एडिटोरियल टीम का हिस्सा समझा।
शोभना K नायर ने अपने ‘X’ हैंडल पर भी इस इंटरव्यू की पेपर कटिंग शेयर की है। उन्होंने उस इंटरव्यू पर उनकी प्रशंसा करने वालों को धन्यवाद भी दिया है। हालाँकि, इस पूरे प्रकरण पर उन्होंने सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
यानी, मुख्यमंत्री के कमरे में एक शख्स मौजूद था और उन्हें पता ही नहीं था कि वो कौन है। दूसरी बात, बड़ी चालाकी से अख़बार ने अपने ही एक वरिष्ठ पत्रकार पर ही सारा दोष मढ़ दिया। विजयन का कहना है पूर्व विधायक के बेटे को वो भी पार्टी कार्यकर्ता के रूप में जानते थे और इस खबर के बाद युवक ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया है। इसी दिन अख़बार में ये भी खबर छपती है कि IPS अधिकारी अजीत कुमार के खिलाफ त्रिसूर पुरम त्योहार के दिन हिंसा को लेकर जाँच का फैसला लिया गया है। परमेक्कावु भगवती मंदिर के सामने होने वाले इस त्योहार के दौरान पुलिस ने प्रतिमा ले जा रहे 7 हाथियों और श्रद्धालुओं को रोक दिया, साथ ही वेदिकेट्टु यानी आतिशबाजी की अनुमति नहीं दी। कलाकारों को भी वापस लौटा दिया गया। वडकुनाथन शिव मंदिर में मुख्य पुजारी को घुसने से रोक दिया गया और पुलिस कमिश्नर अंकित अशोकन श्रद्धालुओं को धक्का देते हुए चिल्लाए। मदथिलवरवु, यानी मंदिर तक जाने वाली शोभा यात्रा के दौरान ये हुआ।
ये पूरा प्रकरण न सिर्फ वामपंथियों की कथित विचारधारा की पोल खोलता है, बल्कि The Hindu की पत्रकारिता की पोल भी खोलता है। PR हायर करना, फिर इसे नकार देना, इंटरव्यू में कुछ कहना, फिर उसे भी नकार देना, अख़बार द्वारा गलती मानना, सीएम द्वारा अख़बार को गलती का एहसास दिलाना, फिर उसी अख़बार की प्रशंसा करना – इन सबसे क्या सन्देश निकलता है? ये तो वही वामपंथी हैं जो पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कहते हैं कि वो अपनी छवि चमकाने के लिए पैसे खर्च करते हैं।