इस्लामिक देशों में क्रिसमस डे के मौके पर क्रिश्चियन समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमलों ने दुनिया को चौंका दिया है। बांग्लादेश से लेकर सीरिया तक, इस दिन विभिन्न स्थानों पर कट्टपंथियों द्वारा क्रिश्चियन जनसंख्या को निशाना बनाया गया है। इन हमलों ने क्रिसमस के पवित्र दिन को रक्तपात और हिंसा का दिन बना दिया। ऐसी घटनाएं धार्मिक असहिष्णुता और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते कट्टरपंथी आक्रोश को उजागर करती हैं, जो अब पूरे विश्व में एक गंभीर मुद्दे के तौर पर देखि जा रही है.
17 क्रिस्चियन घरों को किया गया आग के हवाले
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर अत्याचारों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले हिन्दुओं को निशाना बनाने वाले कट्टरपंथियों ने अब ईसाईयों को भी निशाने में लेना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार क्रिसमस के दिन ईसाई समुदाय के 17-19 घरों को जला दिया गया। यह घटना बांग्लादेश के बंदरबन जिले के लामा उपजिले की है, जहां 25 दिसंबर को शाम के समय यह हमला किया गया। उस वक्त गाँव के लोग पास के चर्च में प्रार्थना करने गए थे और हमलावरों ने इस दौरान इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया।
इस हमले में 17-19 घर पूरी तरह जलकर खाक हो गए। पीड़ितों में से एक गुंगामणि त्रिपुरा ने कहा, “हमारे घर पूरी तरह जलकर राख हो गए हैं, कुछ भी नहीं बचा।” जब रात के करीब 12:30 बजे प्रार्थना करके लौटे लोग अपने घरों की ओर दौड़े, तब तक उनके घर पूरी तरह जल चुके थे। गाँव के सभी घर बांस और घास-फूस से बने थे, जिससे आग ने तेजी से विकराल रूप ले लिया।
ईसाई समुदाय के लोगों ने इस घटना में 15 लाख टका से ज्यादा का नुकसान बताया है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें कुछ समय से धमकियाँ मिल रही थीं, जिस कारण वे चर्च जाते वक्त गांव में किसी को अकेला नहीं छोड़ते थे।
सीरिया में क्रिसमस ट्री को आग के हवाले करने पर भड़के लोग
बांग्लादेश के साथ-साथ सीरिया से भी ऐसी हिंसा की रिपोर्ट्स आई हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया के एक ईसाई बहुल शहर में एक समूह ने क्रिसमस ट्री को आग के हवाले कर दिया, जिससे पूरे शहर में विरोध प्रदर्शन भड़क गए। सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो में एक समूह को हरे मैदान में स्थित एक सुंदर क्रिसमस ट्री को जलाते हुए देखा गया। इसके बाद सीरिया के ईसाई समुदाय ने सड़कों पर उतरकर अपनी नाराजगी जताई।
यह घटना सीरिया के हमा के पास स्थित ईसाई बहुल शहर सुक़ैलबियाह में हुई। हालांकि, विरोध प्रदर्शन सीरिया के कई अन्य हिस्सों, जिनमें दमिश्क भी शामिल है, में भी हुए।
X पर साझा की गई वीडियो में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को नारे लगाते हुए, क्रॉस और सीरियाई राष्ट्रीय ध्वज लेकर देखा गया। उन्होंने यह दावा किया कि वे अपनी जन्मजात आस्था के साथ अपने देश में जीना चाहते हैं और ईसाइयों के खिलाफ अन्याय को तुरंत रोका जाना चाहिए। राजधानी में प्रदर्शन ओर्थोडॉक्स पैट्रिएरकेट के मुख्यालय के पास समाप्त हुआ, रिपोर्ट्स के मुताबिक।
Protest tonight in Damascus by Christian community after reports surfaced that a Christmas tree was lit on fire in Homs. pic.twitter.com/OpN9U1yhhO
— Mohamad El Chamaa (@MohamdEch) December 23, 2024
हालांकि ईसाई समुदाय से संपर्क करते हुए HTS ने यह दावा किया है कि इस घटना को विदेशी उपद्रवियों ने अंजाम दिया है और इसमें किसी भी सीरियाई नागरिक का हाथ नहीं था।