मंगलवार (14 जनवरी 2025) को देश की राजधानी दिल्ली सेक्युलरिज्म नाम के शब्द से उपजे दोगलेपन का शिकार बनी। यहाँ एक अदालत पर न्यायिक अभिरक्षा में आए आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने मीडिया वालों को बाकायदा चुनावी बाइट दी। ताहिर हुसैन वही है जिसे दिल्ली पुलिस ने साल 2020 दंगों का मास्टरमाइंड माना था। IB स्टाफ अंकित शर्मा की निर्मम हत्या में भी उसका नाम उछला था। उसी ताहिर हुसैन की मीडियाबाजी ने याद दिलाई अप्रैल 2024 में बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए मनीष कश्यप की। तब जेल कस्टडी में मीडिया से बात करने की वजह से मनीष पर न सिर्फ एक और FIR लाद दी गई थी बल्कि उनको तमिलनाडु पुलिस के हवाले भी कर दिया गया था।
पिछले कुछ समय के अंदर आम आदमी पार्टी के कई नेता, विधायक, सांसद और यहाँ तक कि उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री तक जेल गए। इसमें से कई ने जेल से निकलने के बाद भी अरविन्द केजरीवाल के प्रति अपनी निष्ठा जारी रखी। लेकिन इस लिस्ट में ताहिर हुसैन का नाम नहीं है। हिंसा में नाम आने के बाद उपजे जनाक्रोश में आप पार्टी ने ताहिर हुसैन को पार्टी से बेदखल कर दिया। ताहिर हुसैन ने ही अपने पूर्व आका और संस्था पर पलटवार किया और जेल से ही ओवैसी की पार्टी AIMIM ज्वाइन कर ली।
Shameful… J*hadi Tahir Hussain, responsible for k*lling many Hindus during Delhi riots, gets parole to file his nomination for Delhi Assembly elections.
He was in AAP at that time and is contesting Delhi elections on AIMIM’s ticket this time.
Bloody Secularism!!! pic.twitter.com/XYxaeyEHNL
— Mr Sinha (@MrSinha_) January 14, 2025
वही AIMIM जिसके एक जूनियर आका 15 मिनट के लिए पुलिस को हटाने का ताव देते हैं। हालाँकि पुलिस एक पल के लिए भी नहीं हटी और उन्ही खाकी वालों ने ताहिर हुसैन को जेल भेज दिया। फ़िलहाल ताहिर हुसैन का पुलिस कस्टडी में दिया गया बयान वायरल है। 9 सेकेण्ड के इस वीडियो में ताहिर हुसैन ‘मुस्तफाबाद जीतेगा, इंसाफ जीतेगा’ जैसी राजनैतिक बयानबाजी करते सुनाई दिए। ताहिर के साथ चल रहे पुलिसकर्मियों को ये बयानबाजी पसंद नहीं आ रही थी। हालाँकि ताहिर अपनी धुन में बोलता रहा।
ताहिर हुसैन के इस बयान पर सोशल मीडिया में भले हलचल हो लेकिन राजनैतिक तबका खामोश है। इसी ख़ामोशी की वजह से बिहार से आई एक पुरानी चीख सुनने को मिल गई। यह चीख लगभग 1 साल पुरानी है। चीखने वाले का नाम मनीष कश्यप है जो एक यूट्यूबर है। मनीष कश्यप तमिलनाडु पुलिस ने आईटी एक्ट में केस दर्ज कर रखा था। इन्ही विवादों के चलते मनीष कश्यप को बिहार पुलिस ने तमाम नक्सलियों और दुर्दांत आतंकियों के खिलाफ होने वाले एक्शन से ज्यादा सक्रियता दिखाते हुए पकड़ लिया था।
तब मनीष कश्यप ने पुलिस कस्टडी से तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पिता लालू के बाद में कुछ टिप्पणी कर दी थी। इस टिप्पणी के बाद समाजवादी, वामपंथी और कथित लिबरल गिरोह मनीष कश्यप के खिलाफ अन्न-जल त्याग कर हमलावर हो गया था। हंगामा इस कदर काटा गया था कि न सिर्फ मनीष कश्यप पर एक नई FIR दर्ज कर ली गई बल्कि उनको सीधे बिहार से हजारों किलोमीटर दूर तमिलनाडु की जेल में भेज दिया गया था।
पटना कोर्ट पेशी पर आए ब्राह्मण शेर मनीष कश्यप ने दहाड़ते हुए कहा की लालू का परिवार मुझे झुकाना चाहता है लेकिन मैं फौजी का बेटा हूं चारा चोर का नही।
ऐसे मौके पर मां की ममता अपने आंसुओं पर काबू नही कर पाई।
मां जी को सादर प्रणाम कर आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने बहादुर पुत्र को जन्म… pic.twitter.com/nq4n5hHtLt— मनोज दीक्षित (@MANOJKU70095732) October 7, 2023
यह घटना बिहार के बेऊर जेल की है। तब मनीष कश्यप को कस्टडी में ले कर जा रहे 5 पुलिसकर्मियों को तब सस्पेंड कर दिया गया था। बाद में मनीष कश्यप पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई कर दी गई थी। मनीष कश्यप के बयान को सरकार के खिलाफ हमला तक करार दे कर धर्मनिरपेक्ष अंदाज में संविधान की कथित तौर पर रक्षा कर दी गई थी।
अब दिल्ली में ताहिर हुसैन ने उसी तरह ही नहीं बल्कि उस से बड़ी हरकत की है। लेकिन इस मामले में कथित सेक्युलरवादी स्याह सन्नाटे में हैं। वो ताहिर हुसैन की वीडियो देख कर भी अनदेखा कर रहे हैं। ताहिर को अनदेखा करने वाला वही गिरोह है जो लगभग हर दिन संविधान बचाओ का शोर जोर-जोर से मचाता है। शायद उनके शोर में मनीष कश्यप ही संविधान के लिए संकट है और ताहिर हुसैन उस संकट का मोचक।
दिल्ली में UP और बिहारियों के अपमान का मुद्दा पहले से ही गर्म है। ऐसे में सवाल यह भी खड़ा हो सकता है कि कहीं मनीष कश्यप का बिहार से होना तो संविधान के नए नवेले कथित रक्षकों की चुप्पी का कारण तो नहीं है। ये दोगलापन आज का नहीं है। हम ऐसे कई ताहिर हुसैन और अनगिनत मनीष कश्यपों के बारे में TFI पर आगे भी खुलासा करते रहेंगे। एक जिम्मेदार मीडिया संस्थान होने के नाते इसे बताना और समझाना हमारा कर्तव्य भी है।