मध्य प्रदेश के खरगोन में कन्या छात्रावास में रह रही जनजातीय समाज की मासूम बच्चियों के साथ ज्यादती करने और धर्मांतरण की कोशिश का मामला सामने आया है। यहां की वार्डन पर छात्रावास में रहने वाली मासूम बच्चियों को जबरन ईसाई मजहब की पुस्तक बाइबिल पढ़ाने का आरोप लगा है। इतना ही नहीं बच्चियों ने वार्डन पर काम करवाने, इल्ली वाला खाना खिलाने तथा मारपीट करने का भी आरोप लगाया है। मामले का खुलासा वार्डन से परेशान होकर बच्चियों के हॉस्टल से भागने के बाद हुआ।
घटना खरगोन जिले के भीकन गांव के आदिवासी कन्या छात्रावास की है। सोमवार (27 जनवरी, 2025) को हॉस्टल वार्डन की शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर, कपड़े सुखाने के बहाने बच्चियां हॉस्टल छोड़कर भाग गईं। बच्चियों को भागते देख स्थानीय ग्रामीणों ने उन्हें रोका तो बच्चियों ने रो-रोकर पूरा हाल सुना दिया। इसके बाद मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।
छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने वार्डन रीता खरते पर धर्मांतरण के प्रयास का आरोप लगाया है। पीड़ित छात्राओं ने कहा है कि वार्डन उन्हें सुबह-शाम बाइबिल पढ़ने और ईसाई महजब से जुड़ी प्रार्थनाएं करने के लिए मजबूर करती है। साथ ही हॉस्टल में झाड़ू लगवाने, बाथरूम व बर्तन साफ करने का भी आरोप लगाया है। पीड़ित छात्राओं ने कहा है कि काम करने से मना करने पर वार्डन रीता खतरे उनके साथ मारपीट करती है।
छात्राओं ने यह भी कहा कि हॉस्टल वार्डन रात 11 बजे तक गेंहू की सफाई कराती है। सुबह का नाश्ता व खाना भी अच्छा नहीं दिया जाता। कई बार इल्ली वाला खाना खिलाया जाता है। वार्डन कहती है कि यही खाना मिलेगा।
मामला सामने आने के बाद भीकनगांव के ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (BEO) दिनेशचंद्र पटेल ने छात्रावास की जांच की। इस दौरान हॉस्टल में बाइबिल और मजहबी प्रार्थनाओं से भरी कॉपियां बरामद हुईं। इसके अलावा बच्चियों की कॉपी पर भी ईसाइयत से जुड़ी बातें लिखी मिलीं। आरोप सही पाए जाने के बाद BEO ने कार्रवाई करते हुए हॉस्टल वार्डन रीता खरते को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।