गिद्ध देखे हैं आपने? हां वही जो लाशों को देखते ही शोर मचाना शुरू कर देते हैं। इनकी मंशा ‘चलो कुछ तो मिला’ वाली होती है। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद सोशल मीडिया में भी कुछ ‘गिद्ध’ नजर आए हैं। ये ‘गिद्ध’ हादसे पर दुखी होने की जगह VIP कल्चर का रोना रोते हुए इस दिव्य आयोजन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस सूची में पहला नाम कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी का है। राहुल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा है कि इस हादसे के पीछे का कारण प्रशासन का VIP मूवमेंट पर ध्यान होना जिम्मेदार है। राहुल ने यह भी लिखा कि VIP कल्चर पर लगाम लगनी चाहिए और सरकार को आम श्रद्धालुओं के जरूरतों की पूर्ति के लिए बेहतर इंतजाम करने चाहिए। साथ ही उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से पीड़ित परिवारों की मदद करने की अपील की।
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण कई लोगों के मौत और कईयों के घायल होने की ख़बर अत्यंत दुखद है।
शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं।
इस दुखद घटना के लिए कुप्रबंधन, बदइंतजामी और आम श्रद्धालुओं की जगह VIP…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 29, 2025
अब यहां राहुल गांधी से यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि क्या उन्हें यह पता है कि हादसा किस वक्त और कैसे हुआ? शायद उन्हें पता होता कि हादसा रात में 1 बजे के बाद हुआ और उस वक्त कुंभ क्षेत्र में VIP नहीं थे, शायद तब वह यह पोस्ट नहीं करते। इसके अलावा, सरकार ने 29 जनवरी को सभी प्रकार के VIP प्रोटोकॉल पर रोक लगाई थी। लेकिन ‘भारत के खिलाफ युद्ध’ छेड़ने का ऐलान कर चुके राहुल गांधी को इन सब बातों से कोई मतलब ही नहीं था, उन्हें तो वही करना था जो कांग्रेस हमेशा से करती आई है…यानी लाशों पर राजनीति।
यदि राजनीति नहीं कर रहे होते तो फिर वह सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से पीड़ित परिवारों की मदद करने की अपील नहीं करते, बल्कि प्रयागराज में मौजूद हर व्यक्ति से अपील कर सकते थे। लेकिन फितरत राजनीति की थी जो कि सोशल मीडिया पर भी साफ नजर आ गई।
चीन से फंडिंग लेकर भारत के खिलाफ खबरें चलाने का आरोप झेल रहे वामपंथी ‘पत्रकार’ अभिसार शर्मा ने अपने पोस्ट में लिखा कि पीएम मोदी और सीएम योगी ने कोई शोक संदेश जारी नहीं किया। साथ ही लिखा कि स्थानीय अधिकारी कह रहे हैं कि कोई गंभीर बात नहीं है।
महाकुंभ में मची भगदड़ में हुई मौतों पर गोदी मीडिया लीपापोती पर लग गया. ऐसा बर्ताव कर रहे हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं. अफसोस कि @myogiadityanath ने सिर्फ अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की, मगर सोशल मीडिया से कोई शोक संदेश नहीं? @narendramodi ने भी अब तक कोई शोक संदेश नहीं दिया.…
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) January 29, 2025
अब अगर अभिसार शर्मा प्रोपेगेंडा फैलाना छोड़कर सिर्फ कोई भी न्यूज देख लेते तो शायद उन्हें पता चल जाता कि प्रधानमंत्री मोदी कुंभ हादसे को लेकर सीएम योगी से सुबह से ही कई बार फोन पर बात कर जानकारी ले रहे थे। अब कोई भी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री हादसे की जानकारी लेने और मौके पर सारी व्यवस्थाएं ठीक कराने, घायलों का इलाज कराने को प्राथमिकता देगा इसके बाद शोक संवेदनाएं व्यक्त करने पर देगा। जाहिर है बाद में शोक व्यक्त करने के भी पोस्ट सामने आए।
अब बात अगर प्रशासनिक अधिकारियों के बयान की करें तो कोई भी हादसे के तुरंत बाद तो यह नहीं कहेगा कि बहुत बड़ा हादसा हो गया है। वह भी कोई जिम्मेदार अधिकारी तो कभी भी नहीं। इससे और भी अधिक अफवाह फैलने और श्रद्धालुओं के बीच पैनिक जैसी स्थिति बनने की संभावना बन सकती है। ऐसे में अभिसार शर्मा को प्रोपेगेंडा फैलाना छोड़कर कम से कम खुद भी एक पोस्ट कर दुख व्यक्त करना चाहिए था। लेकिन शायद इससे चीन का प्रोपेगेंडा सफल नहीं हो पाता।
‘पत्रकार’ साक्षी जोशी ने भी VIP का रोना रोया। काश कि उन्हें भी कोई यह बताता कि आधी रात को कोई VIP नहीं आया। बल्कि अचानक से भीड़ के बेकाबू होने की वजह से यह दुर्घटना हुई। लेकिन साक्षी को सच तो देखना और समझना तो था ही नहीं।
प्रशासन सिर्फ VIP की सेवा में लगा रहा और नोएडा चैनल्स वायरल गर्ल या IIT बाबा दिखाता रहा
अगर बदइंतज़ामी की खबरों पर गोदी मीडिया पर्दा न डालता तो ये भगदड़ नहीं होती और आज वो लोग ज़िंदा होते
उनकी मौत के ज़िम्मेदार ये सब लोग हैं #MahaKumbh2025 #Mahakumbh https://t.co/iST9QO7Wci— Sakshi Joshi (@sakshijoshii) January 29, 2025
राजद की प्रवक्ता कंचन यादव ने लिखा, “आज मीडिया गूंगा-बहरा हो गया है। जरा सोचिए, अगर यही समाजवादी पार्टी की सरकार में हुआ होता तो वही न्यूज चैनल मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगते नहीं थकते। लेकिन अब, सब चुप।”
महाकुंभ में बदइंतज़ामी की वजह से बेगुनाह लोगों की जान चली गई, लेकिन VVIP व्यवस्था में बीजेपी सांसद @dreamgirlhema मजे से कह रही हैं कि उन्हें नहा कर बहुत आनंद आया! शर्मनाक!
लाशों पर नहाने वालों के लिए आज मीडिया जैसे गूंगा-बहरा हो गया है। ज़रा सोचिए, अगर यही समाजवादी पार्टी की… pic.twitter.com/I6Z4TyyVgq
— Kanchana Yadav (@Kanchanyadav000) January 29, 2025
कंचन यादव को शायद यह नहीं पता कि अखिलेश यादव सरकार में आयोजित कुंभ में भी भगदड़ हुई थी। तब भी अखिलेश यादव के इस्तीफे की मांग नहीं हुई थी और अब भी किसी का इस्तीफा मांगने से पहले घायलों के इलाज और उनके परिवार के लोगों की चिंता की बात करनी चाहिए थी। लेकिन लाशों पर राजनीति करने वाले ‘गिद्ध’ हैं कि मानते नहीं।
वास्तव में देखें तो घर में होने वाले छोटे कार्यक्रम में भी कुछ कमियां या गड़बड़ी हो जाती है। इसका मतलब यह नहीं कि भव्य-दिव्य महाकुंभ का यह पूरा आयोजन ही खराब हो गया है। बेशक किसी के परिजनों के निधन से बड़ा दुख दूसरा नहीं हो सकता। लेकिन उनके दुख पर सांत्वना देने की जगह लाशों पर राजनीति करना घायलों तथा मृतकों के परिजनों के लिए और भी बड़े दुख की बात है।
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