रमजान का महीना चल रहा है, और इस्लाम के ठेकेदार हर कोने से अपनी भावनाएँ आहत करने के बहाने ढूंढ रहे हैं। पहले मोहम्मद शमी के मैदान में ड्रिंक्स लेने पर बवाल खड़ा कर दिया, और अब गुलमर्ग में हुए फैशन शो को लेकर नया हंगामा शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर इसके वीडियो वायरल होते ही इस्लाम के कथित ठेकेदार मौलवियों और हुर्रियत नेताओं ने इसे “इस्लाम पर हमला” बताना शुरू कर दिया, मानो रमजान में फैशन शो से धर्म खतरे में पड़ गया हो।
अब इस विवाद को और भड़काने के लिए सीएम उमर अब्दुल्ला भी कूद पड़े हैं। हुर्रियत नेता मीरवाइज के भड़काऊ ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने लिखा, “आपका गुस्सा पूरी तरह जायज है।” यही नहीं, उन्होंने अधिकारियों को तुरंत जांच के आदेश देते हुए 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा, मानो फैशन शो से इस्लाम सच में खतरे में पड़ गया हो!
गुलमर्ग में फैशन शो पर बवाल
गुलमर्ग में Elle India के 15वें वर्षगांठ समारोह के तहत 7 मार्च को खुले आसमान के नीचे एक फैशन शो आयोजित किया गया, जिसे लेकर इस्लाम के ठेकेदारों ने हंगामा खड़ा कर दिया। जैसे ही इस इवेंट की वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आई, कट्टरपंथी नेताओं ने इसे मजहब पर हमला बताना शुरू कर दिया। हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने इस फैशन शो को “शर्मनाक” करार देते हुए कहा, “रमज़ान के पवित्र महीने में गुलमर्ग में इस तरह की अश्लीलता को बढ़ावा दिया जा रहा है। कश्मीर की सूफी परंपरा और धार्मिक मान्यताओं के बीच इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं।”
The shock & anger are totally understandable. The images I have seen show a complete disregard for local sensitivities & that too during this holy month. My office has been in touch with the local authorities & I’ve asked for a report to be submitted within the next 24 hours.… https://t.co/xwY17ZdeAt
— Office of Chief Minister, J&K (@CM_JnK) March 9, 2025
इस पूरे मामले में सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी अपनी मजहबी निष्ठा निभाने में देर नहीं की। उन्होंने मीरवाइज उमर फारूक के ट्वीट का समर्थन करते हुए लिखा, “आपका गुस्सा पूरी तरह जायज है। मैंने जो तस्वीरें देखी हैं, उसमें स्थानीय समुदाय की पूरी तरह अनदेखी की गई है, और वह भी इस पाक महीने में…। मेरा कार्यालय स्थानीय लोगों के संपर्क में है और 24 घंटे के भीतर इस पर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।”
मगर इस्लामिक नैतिकता के स्वघोषित संरक्षक सिर्फ मीरवाइज ही नहीं थे। आवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने भी इस फैशन शो पर सवाल उठाते हुए कहा, “रमज़ान के पाक महीने में इस तरह के कार्यक्रम की इजाजत किसने दी? बर्फ पर अर्धनग्न पुरुषों और महिलाओं को कैटवॉक करवाना क्या हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का अपमान नहीं? पर्यटन विभाग और गुलमर्ग विकास प्राधिकरण (GDA) के अधिकारी इस पर सफाई दें।” ऐसे में सवाल यह उठता है कि मजहबी उबाल भी हमेशा वहीं क्यों आता है, जहाँ मुस्लिम कट्टरता को बचाने का मौका मिलता है?