TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए मोदी सरकार की देश को एक और सौगात; केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोप-वे प्रोजेक्ट्स को केंद्र सरकार की मंजूरी

जानें कैसे धार्मिक पर्यटन को पंख लगाएगी ये योजना

himanshumishra द्वारा himanshumishra
5 March 2025
in राजनीति
पर्वतमाला परियोजना के तहत केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोप-वे प्रोजेक्ट्स को केंद्र सरकार की मंजूरी

पर्वतमाला परियोजना के तहत केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोप-वे प्रोजेक्ट्स को केंद्र सरकार की मंजूरी (image Source:X)

Share on FacebookShare on X

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा सनातन संस्कृति और आस्था के केंद्रों के विकास की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। केंद्र सरकार ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी देकर श्रद्धालुओं की यात्रा को पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने का रास्ता खोल दिया है। राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब (12.4 किमी) तक रोपवे निर्माण को हरी झंडी दी गई है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस परियोजना की अहमियत पर जोर देते हुए बताया कि यह श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगी। वर्तमान में 8-9 घंटे की कठिन और थकाने वाली चढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन रोपवे बनने के बाद यह यात्रा मात्र 36 मिनट में पूरी की जा सकेगी। यह अत्याधुनिक रोपवे एक बार में 36 यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखेगा, जिससे दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को न केवल राहत मिलेगी, बल्कि यात्रा भी अधिक सहज और सुगम हो जाएगी।

संबंधितपोस्ट

नेपाल की सड़कों से उठी पीएम मोदी की गूंज: विपक्ष के सपने फिर अधूरे

मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

और लोड करें

सोनप्रयाग से केदारनाथ तक बनने वाले इस रोपवे और केबल कार परियोजना की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को सौंपी गई है। यह कदम प्रधानमंत्री मोदी के भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित और सशक्त करने के विजन का प्रतीक है। इस परियोजना से धार्मिक पर्यटन को एक नया आयाम मिलेगा, जिससे लाखों श्रद्धालु और पर्यटक लाभान्वित होंगे, और उत्तराखंड में पर्यटन को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

केदारनाथ रोपवे

केदारनाथ धाम, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनता है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 3,583 मीटर (11,968 फीट) की ऊंचाई पर स्थित यह पवित्र स्थल सोनप्रयाग से 21 किमी की दूरी पर है। फिलहाल, श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग से 5 किमी सड़क मार्ग से गौरीकुंड पहुंचने के बाद 16 किमी की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है। 2023 में यहां करीब 23 लाख श्रद्धालु पहुंचे, जिससे इस स्थल की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता साफ झलकती है।

श्रद्धालुओं की यात्रा को अधिक सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पर्वतमाला परियोजना के तहत केदारनाथ रोपवे परियोजना को मंजूरी दी है। यह रोपवे न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि केदारनाथ धाम तक सुगम पहुंच सुनिश्चित करेगा, जिससे सभी भक्त, विशेष रूप से बुजुर्ग और दिव्यांगजन, बिना किसी कठिनाई के दर्शन कर सकेंगे।

Kedarnath Ropeway
Kedarnath Ropeway

परियोजना की मुख्य विशेषताएँ
यह रोपवे 12.9 किमी लंबा होगा और इसे सोनप्रयाग से केदारनाथ तक सीधा संपर्क प्रदान करने के लिए विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना की कुल लागत ₹4,081 करोड़ निर्धारित की गई है। इसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की सहायक कंपनी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) के सहयोग से लागू किया जा रहा है।

परियोजना को डिज़ाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा, जिसमें 1,800 यात्री प्रति घंटा प्रति दिशा (PPHPD) की क्षमता होगी। रोपवे की रियायती अवधि 35 वर्ष तय की गई है, जिसमें 6 वर्ष निर्माण कार्य के लिए निर्धारित किए गए हैं।

वर्तमान में 8-9 घंटे की कठिन यात्रा करने वाले श्रद्धालु अब मात्र 36 मिनट में केदारनाथ धाम तक पहुंच सकेंगे। इस रोपवे में तीन प्रमुख स्टेशन होंगे – सोनप्रयाग, गौरीकुंड और केदारनाथ, जिससे यात्रा को चरणबद्ध और सुविधाजनक बनाया जाएगा।

परियोजना के लाभ
केदारनाथ रोपवे न केवल श्रद्धालुओं के लिए यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करेगा। इससे भीड़ प्रबंधन बेहतर होगा और तीर्थ यात्रा के दौरान संसाधनों पर पड़ने वाला दबाव कम होगा। यह परियोजना स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देगी, रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी और उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।

सबसे खास बात यह है कि बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए यह यात्रा पूरी तरह सुगम और सुविधाजनक होगी, जिससे वे भी इस पवित्र धाम के दर्शन कर सकेंगे। इससे पहले, कठिन चढ़ाई के कारण कई श्रद्धालु यात्रा करने से वंचित रह जाते थे, लेकिन रोपवे उनकी इस परेशानी को दूर करेगा।

संरचनात्मक ढांचा
यह परियोजना उत्तराखंड रोपवे अधिनियम, 2014 के तहत संचालित होगी, जो इसके निर्माण, संचालन और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करेगा। सरकार का उद्देश्य आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और आध्यात्मिक पर्यटन को आपस में जोड़ना है, जिससे श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित, सुगम और सुखद यात्रा अनुभव मिल सके।

केदारनाथ रोपवे न केवल एक आधारभूत विकास परियोजना है, बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है। यह आने वाले वर्षों में देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए तीर्थ यात्रा को अधिक सुलभ, सुविधाजनक और आनंददायक बनाएगा, साथ ही उत्तराखंड को धार्मिक और ईको-टूरिज्म के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाएगा।

हेमकुंड साहिब रोपवे 

हेमकुंड साहिब जी, उत्तराखंड के चमोली जिले में 15,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित, भारत के सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों में से एक है। यह वही पावन स्थान है, जहां दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने ध्यान किया था। केवल सिख श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं, बल्कि हिंदू धर्म में भी इसका गहरा आध्यात्मिक महत्व है, क्योंकि मान्यता है कि भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण ने भी यहीं तपस्या की थी।

यह पवित्र गुरुद्वारा साल में केवल पांच महीने (मई से सितंबर) तक खुला रहता है और इस दौरान हजारों श्रद्धालु यहाँ दर्शन के लिए पहुंचते हैं। 2023 में ही करीब 1.77 लाख तीर्थयात्री इस स्थान पर पहुंचे थे। हेमकुंड साहिब के मार्ग में घांघरिया मुख्य पड़ाव के रूप में स्थित है, जो इस तीर्थ यात्रा का हिस्सा होने के साथ-साथ विश्व धरोहर स्थल – फूलों की घाटी का प्रवेश द्वार भी है। यह प्राकृतिक चमत्कार अपनी अनूठी जैव विविधता और अद्भुत दृश्यावली के लिए दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है।

परियोजना की प्रमुख विशेषताएँ
हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना, जिसकी अनुमानित लागत ₹2,589.04 करोड़ है, इस ऊँचाई वाले तीर्थ स्थल को सुगम और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। 12.4 किमी लंबे इस रोपवे को दो प्रमुख चरणों में विकसित किया जाएगा:

  • गोविंदघाट से घांघरिया (10.55 किमी)
  • घांघरिया से हेमकुंट साहिब (1.85 किमी)

परियोजना को डिज़ाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल के तहत विकसित किया जा रहा है, जिससे इसका निर्माण और संचालन लंबे समय तक सुचारू रूप से चलता रहे। रोपवे की यात्री क्षमता प्रति घंटे प्रति दिशा (PPHPD) न्यूनतम 1,100 यात्री होगी, और इसका रियायती कार्यकाल 35 वर्ष तय किया गया है, जिसमें 6 वर्ष निर्माण कार्य के लिए निर्धारित किए गए हैं।

वर्तमान में श्रद्धालुओं को कई घंटे कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन रोपवे बनने के बाद पूरी यात्रा मात्र 42 मिनट में पूरी हो जाएगी। इस रोपवे में तीन प्रमुख स्टेशन – गोविंदघाट, घांघरिया और हेमकुंड साहिब होंगे, जिससे यात्रा को और सुविधाजनक बनाया जाएगा।

Hemkund Sahib Ropeway
Hemkund Sahib Ropeway

परियोजना के लाभ
हेमकुंड साहिब रोपवे श्रद्धालुओं की यात्रा को अधिक सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएगा। अभी तक तीर्थयात्रियों को सीमित समय (4-5 घंटे) के भीतर दर्शन करने का अवसर मिलता था, लेकिन इस रोपवे के शुरू होने के बाद दर्शन का समय बढ़कर 10 घंटे (सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक) हो जाएगा। इससे भक्तों को बिना किसी जल्दबाज़ी के शांति और श्रद्धा के साथ अपने आराध्य के दर्शन करने का अवसर मिलेगा।

इसके अलावा, यह परियोजना स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी, क्योंकि तीर्थ यात्रा और पर्यटन में वृद्धि से स्थानीय व्यापारियों और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए यह रोपवे किसी वरदान से कम नहीं होगा, क्योंकि अब वे भी बिना कठिन चढ़ाई के इस पवित्र स्थल तक पहुँच सकेंगे।

संरचनात्मक ढांचा
हेमकुंड साहिब रोपवे का संचालन उत्तराखंड रोपवे अधिनियम, 2014 के तहत किया जाएगा, जो इस परियोजना की सुरक्षा, संचालन, लाइसेंसिंग और किराया प्रबंधन के लिए कानूनी रूपरेखा प्रदान करता है। सरकार इस परियोजना के माध्यम से तीर्थ पर्यटन को अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से जोड़ने का प्रयास कर रही है, जिससे श्रद्धालुओं को सुरक्षित, पर्यावरण-अनुकूल और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिल सके।

यह रोपवे श्रद्धालुओं के लिए तीर्थ यात्रा को अधिक सहज बनाने के साथ-साथ उत्तराखंड को धार्मिक और ईको-टूरिज्म के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभाएगा। यह केवल एक बुनियादी ढांचा परियोजना नहीं, बल्कि आस्था और प्रगति का संगम है, जो आने वाले वर्षों में देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं को एक नया और यादगार अनुभव प्रदान करेगा।

स्रोत: केदारनाथ, हेमकुंड साहिब, पर्वतमाला परियोजना, अश्विनी वैष्णव, नरेंद्र मोदी, Kedarnath, Hemkund Sahib, Parvatmala Project, Ashwini Vaishnaw, Narendra Modi
Tags: Ashwini VaishnawHemkund SahibKedarnathNarendra ModiParvatmala Projectअश्विनी वैष्णवकेदारनाथनरेंद्र मोदीपर्वतमाला परियोजनाहेमकुंड साहिब
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

संभल में हिंदुओं पर हुए अत्याचारों की लिस्ट कितनी लंबी है?

अगली पोस्ट

21-23 मार्च को बेंगुलरु में होगी RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक, शताब्दी वर्ष की तैयारियों पर होगा ज़ोर

संबंधित पोस्ट

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक
चर्चित

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

15 September 2025

दिल्ली की अदालत में सोमवार सुबह का दृश्य किसी ऐतिहासिक मुकदमे जैसा था। खचाखच भरे कक्ष में वकीलों की फुसफुसाहट और दर्शकों की उत्सुक निगाहें...

डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य
आयुध

“डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

15 September 2025

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जब ‘डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ को मंजूरी दी, तो यह केवल कागज़ पर हुआ प्रशासनिक बदलाव नहीं था। यह उस...

मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान
क्राइम

मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

15 September 2025

मुजफ्फरपुर, उत्तर बिहार का एक प्रमुख केंद्र रहा है। व्यापार, शिक्षा और राजनीति का यह गढ़ लंबे समय से अपराधियों के लिए भी सुरक्षित ठिकाना...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

00:08:27

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited