TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

सरकारी ठेकों में मुस्लिमों के लिए आरक्षण: कांग्रेस का तुष्टिकरण का नया दांव; क्या है भारत में आरक्षण का इतिहास?

आज जो आरक्षण है, वह 1993 में तब शुरू हुआ था जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री रामसे मैकडोनाल्ड ने सांप्रदायिक पुरस्कार पेश किया था

khushbusingh1 द्वारा khushbusingh1
16 March 2025
in चर्चित, राजनीति
भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के बजट को मुस्लिम लीग का बजट करार दिया है

भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के बजट को मुस्लिम लीग का बजट करार दिया है

Share on FacebookShare on X

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने इस साल के बजट में मुस्लिमों के लिए कई प्रावधान किए हैं। हज भवन और मुस्लिम बस्तियों को विकसित करने से लेकर कब्रिस्तान घेराबंदी करने के लिए तमाम प्रावधान किए गए हैं। हालाँकि, इन सबमें सबसे बड़ा विवाद सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान को लेकर हुआ है। इस फैसले की हर तरफ आलोचना हो रही है। वहीं, भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के बजट को मुस्लिम लीग का बजट करार दिया है। इन तमाम आरोपों एवं आलोचनाओं के बावजूद कांग्रेस सरकार इस मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं है, भले ही उस पर मुस्लिम तुष्टीकरण के कितने ही आरोप लगे हैं। शायद कांग्रेस चाहती भी यही है कि ये आरोप उस पर लगे, ताकि इसका वह राजनीतिक फायदा उठा सके।

राज्य सरकार के बजट में किए गए आरक्षण के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार (14 मार्च 2025) को कैबिनेट मीटिंग में कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योर्मेंट (KTPP) एक्ट में बदलाव को मंजूर कर लिया गया है। अब राज्य सरकार इस एक्ट में बदलाव के लिए संशोधन बिल विधानसभा के इसी बजट सत्र में पेश करेगी। अगर विधानसभा में यह संशोधन बिल पास हो जाता है तो सरकारी टेंडरों में मुस्लिमों को चार प्रतिशत आरक्षण देने का रास्ता साफ हो जाएगा। इस तरह कांग्रेस सरकार ने आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बहस को दोबारा छेड़ दिया है। इसके साथ ही संविधान में किए गए प्रावधानों का भी मजाक उड़ाया है, जिसमें धर्म के आधार पर आरक्षण देने की स्पष्ट मनाही है।

संबंधितपोस्ट

जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’

अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

और लोड करें

सिद्धारमैया सरकार के इस फैसले पर भाजपा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पार्टी कांग्रेस के इस निर्णय का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि सरकारी ठेकों में आरक्षण देना पूरी तरह असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर इसकी अनुमति दी जा सकती है, लेकिन धार्मिक आधार पर आरक्षण देना भाजपा को स्वीकार्य नहीं है।

भारत में आरक्षण की व्यवस्था

भारत में आरक्षण की व्यवस्था अंग्रेजों की देन है। अंग्रेज भारतीय लोगों को अलग-अलग जातियों में बाँटकर- बाँटो और राज करो की नीति पर काम कर रहे थे। जाति-आधारित आरक्षण प्रणाली का विचार मूलतः 1882 में विलियम हंटर और ज्योतिराव फुले द्वारा प्रस्तुत किया गया था। आज जो आरक्षण है, वह 1993 में तब शुरू हुआ था जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री रामसे मैकडोनाल्ड ने सांप्रदायिक पुरस्कार पेश किया था। इस पुरस्कार में मुसलमानों, सिखों, भारतीय ईसाइयों, एंग्लो-इंडियन, यूरोपीय लोगों और दलितों के लिए अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों का प्रावधान किया गया था। हालाँकि, महात्मा गाँधी ने इसका विरोध किया, जबकि भीमराव अंबेडकर ने इसका समर्थन किया था। इसलिए इस स्थिति से निपटने के लिए गाँधी और अंबेडकर के बीच लंबी बातचीत के बाद 1932 में पूना समझौते हुआ। इस समझौते के अनुसार, देश में एक ही हिंदू निर्वाचन क्षेत्र होगा, जिसमें दलितों के लिए सीटें आरक्षित होंगी।

आगे चलकर अंग्रेजों ने देश की स्वतंत्रता से लगभग 20 साल पहले आरक्षण की व्यवस्था लागू की थी। अछूत जातियों के उद्धार के नाम पर अंग्रेजों ने अनुसूचित जातियों के नाम से एक अनुसूची बनाकर आरक्षण लागू किया था। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भी इसकी लंबे समय से माँग कर रहे थे। भारत जब आजाद हुआ और देश का संविधान बना तो अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों की दो कैटेगरी बनाकर दोनों के लिए आरक्षण की व्यवस्था को चालू रखा गया। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC/ST) की परिभाषा भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 और 342 में दी गई है।

संविधान में इस बात का जिक्र नहीं है कि कौन सी जातियाँ SC/ST वर्ग में होगीं। हालाँकि, संविधान में ये जरूर कहा गया है कि किसी राज्य के राज्यपाल की सलाह पर राष्ट्रपति इन पर फैसला लेंगे। संविधान के अनुच्छेद 15 (4) व 15 (5) में शैक्षणिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों या फिर एससी-एसटी के लिए विशेष उपबंध की व्यवस्था है। बाद में 1990 के दशक में पिछड़ों के लिए भी आरक्षण लागू कर दिया गया। अनुच्छेद 16 (4) में पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था है। पिछड़े वर्गों का यह आरक्षण मंडल कमीशन की अनुशंसा पर भाजपा की समर्थन वाली वीपी सिंह की सरकार ने लागू किया था।

अंग्रेजों द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए शुरू की गई आरक्षण की व्यवस्था को भारत ने अपना लिया था। संविधान सभा ने सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों और सरकारी शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण तय किया था। इस आरक्षण को सिर्फ 10 वर्ष के लिए लागू किया गया था। उसमें कहा गया था कि 10 साल के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी। समीक्षा का अर्थ इस बात से लगाया जा सकता है कि इसका अर्थ ये था कि समाज के ऊपरी पायदान पर आ चुकी जातियों को इससे अलग किया जा सकता है। हालाँकि, भारत में हटाने की जगह 78 साल बाद भी इसे ढोया जा रहा है, क्योंकि लोकतंत्र लोगों की संख्या पर आधारित तंत्र है और जिन जातियों की जनसंख्या अधिक है, उन्हें राजनीतिक लाभ के लिए कोई दल आरक्षण से अलग नहीं कर रहा है।

वहीं, संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था को नकार दिया गया है। अल्पसंख्यकों को पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण मिल सकता है, लेकिन धार्मिक आधार पर नहीं। हालाँकि, कर्नाटक की सरकार ने संविधान की इस व्यवस्था को अपने राजनीतिक लाभ के लिए तिलांजलि दे दी। कांग्रेस सरकार ने जिस से धार्मिक आधार पर मुस्लिमों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की है, उसे कोर्ट में जरूर चुनौती दी जाएगी और उम्मीद है कि कोर्ट इसे रद्द भी करेगा, जैसा कि बिहार के मामले में हुआ था। बिहार में जातिगत जनगणना के नाम पर राजद की गठबंधन वाली नीतीश कुमार की सरकार ने आरक्षण की सीमा को राज्य में बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया था। हालाँकि, कोर्ट में चुनौती मिलने के बाद इस पर रोक लगा दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई निर्णयों में कहा है कि आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से अधिक नहीं किया जा सकता है। धार्मिक आधार पर आरक्षण बिल्कुल नहीं दिया जा सकता।

आरक्षण भारत में एक सुलगता सवाल है। लोगों का तर्क है कि आरक्षण की व्यवस्था लोगों की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति को सुधारने के लिए है। वहीं, आरक्षण का लाभ ले रहे लोगों का तर्क है कि आरक्षण का आर्थिक पक्ष नहीं, बल्कि सामाजिक पक्ष है। जो लोग समाज ने निचले पायदान पर रहे, जिनके साथ भेदभाव, छुआछूत हुआ उन्हें आरक्षण मिला। यह आरक्षण तब तक लागू रहना चाहिए, जब तक कि ऊँच नीच का भेद नहीं मिट जाता है। वहीं, आरक्षण का विरोध करने वालों का तर्क है कि आरक्षण का लाभ ले रहीं कई जातियाँ कथित सवर्ण जाति से भी आगे निकल चुकी हैं।

इनमें अहीर, कुर्मी, कुशवाहा, राजभर, जाटव, मीणा आदि जातियाँ शामिल हैं, जो आर्थिक तौर पर ही नहीं, बल्कि सामाजिक तौर पर भी बहुत आगे जा चुकी हैं। इसलिए संविधान में कहे गए आरक्षण की समीक्षा की बात की जानी चाहिए और जो जातियाँ सवर्णों के बराबर या उनसे आगे निकल चुकी हैं, उन्हें आरक्षण व्यवस्था से निकाला जाए। आरक्षण विरोधी लोगों का तर्क है कि ये जातियाँ वंचितों का भी हक खा रही हैं। वहीं, संख्या बल में अधिक होने के कारण इन्हें आरक्षण के दायरे से बाहर निकालने का साहस कोई भी सरकार नहीं जुटा पा रही है। आरक्षण का लाभ उठाने वाली ये जातियाँ तो अब निजी क्षेत्र में आरक्षण की माँग कर रही हैं, जो कि देश के लिए बड़ी समस्या बन गई है।

आरक्षण और ब्रेन ड्रेन

आरक्षण के कारण संविधान में दिए गए बराबरी के अधिकार की पूरी तरह अनदेखा किया जा रहा है। इसके अलावा, जो कुशल एवं मेधा-शक्ति से युक्त हैं, उन्हें भी नजरअंदाज किया जा रहा है। इसके कारण आम लोगों में आक्रोश तो है ही, देश में ब्रेन ड्रेन की समस्या उत्पन्न हो गई है। जो मेधावी एवं प्रतिभाशाली हैं, वो देश के बाहर जाकर पढ़ाई कर रहे हैं और देश में अवसर की कमी के कारण बाहरी देशों के लिए काम कर रहे हैं। इससे आखिरकार अपने देश को ही नुकसान हो रहा है। विज्ञान, तकनीक, अर्थशास्त्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले प्रतिभाशाली देश के बाहर अवसर का तलाश कर रहे हैं।

आखिरकार इससे देश और देश की जनता को ही नुकसान हो रहा है। आज विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों के प्रबंधक ऐसे लोग हैं, जिन्हें देश में कम अवसर मिला और वे बाहर जाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते दिनों से जाति के नहीं बल्कि आर्थिक आधार पर आरक्षण की वकालत तेज हुई है। मेधावी लोगों से ही देश की तरक्की होती है। मेधावी गरीब या अमीर किसी भी वर्ग में हो सकते हैं। अगर कोई अमीर वर्ग का मेधावी है तो उसे पढ़ाई या शोध में किसी तरह की समस्या नहीं आएगी, लेकिन गरीब तबके का है तो यह उसके लिए सपना होगा। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सरकार को आरक्षण वित्तीय सहायता के रूप में देनी चाहिए। उनकी पढ़ाई लिखाई से लेकर शोध तक का खर्च सरकार को उठाना चाहिए।

वहीं, जातिगत आरक्षण के कारण कम होनहार लोग अध्यापक, इंजीनियर या डॉक्टर बन रहे हैं। इसे कुशलता में भारी कमी के रूप में देखा गया है। इतना ही नहीं। कई बार तो ये भी देखा गया है कि आरक्षण की वजह से कम नंबर मिलने के बावजूद किसी अकुशल छात्र को IIT या IIM या AIIMS में नामांकन मिल जाता है, लेकिन वो पढ़ाई के दबाव को सहन नहीं कर पाता और कई बार उन्हें इसे लेकर अवसादग्रस्त भी देखा गया है।ऐसे मामले लगातार आ रहे हैं, जो आरक्षण व्यवस्था की वर्तमान स्थिति पर सवाल खड़े करता है। ऊपर से कर्नाटक जैसे राज्य धार्मिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था करके कोढ़ में खाज का काम कर रहे हैं।

जिस देश में आरक्षण को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा हो वहाँ संविधान के दायरे से बाहर निकल धार्मिक आधार पर आरक्षण दिया जा रहा है, जो विभाजन को गहरा करेगा। भाजपा सरकार से पहले इस देश ने मुस्लिम तुष्टिकरण की चरम राजनीति को देखा है, जिसमें कहा जाता था कि इस देश के संसाधनों पर मुस्लिमों का पहला हक है। जब मुस्लिमों के त्योहार आदि आते थे तो हिंदुओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए जाते थे। यहाँ तक कि सांप्रदायिक बिल लाने की भी तैयारी थी, जिसमें दंगा होने की स्थिति में सारी जिम्मेदारी हिंदुओं पर डालने की तैयारी थी। ऐसे में अगर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को आरक्षण की व्यवस्था करती है तो संविधान का उल्लंघन ही नहीं, बल्कि समाज को धार्मिक आधार पर विभाजित कर राजनीतिक स्तर पर लाभ लेने की कोशिश कही जा सकती है।

(इस लेख में प्रस्तुत किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं) 

स्रोत: कर्नाटक, मुस्लिम आरक्षण, कांग्रेस, सिद्धारमैया, बीजेपी, आरक्षण, Karnataka, Muslim Reservation, Congress, Siddaramaiah, BJP, Reservation
Tags: BJPCongressKarnatakamuslim reservationreservationSiddaramaiahआरक्षणकर्नाटककांग्रेसबीजेपीमुस्लिम आरक्षणसिद्धारमैया
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मोहम्मद शमी की बेटी ने खेली होली तो इस्लामी कट्टरपंथियों ने दी गालियां, बीवी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थी बधाई

अगली पोस्ट

वो इंजीनियर जिसने देश हित में छोड़ दिया था घर, गरीबों की सेवा कर करोड़ों लोगों की प्रेरणा बनने वाले सीताराम अग्रवाल की कहानी

संबंधित पोस्ट

उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान
चर्चित

उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

11 December 2025

लंबे वक्त से अटके भाजपा संगठन बदलाव को आख़िरकार हरी झंडी मिल गई है। पार्टी के संगठन चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने अध्यक्ष...

नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है
चर्चित

हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

1 December 2025

हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल करते हुए 20 IAS-IPS अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किए हैं। यह फेरबदल...

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा
राजनीति

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

27 November 2025

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार में दिन-रात मेहनत कर विजय सुनिश्चित करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के कंधों पर अब बंगाल फतह की सबसे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited