ट्रंप की पाकिस्तान से तेल डील और बलूच विद्रोही ‘आतंकी’, क्या संसाधन युद्ध की है तैयारी?
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

ट्रंप की पाकिस्तान से तेल डील और बलूच विद्रोही ‘आतंकी’, क्या संसाधन युद्ध की है तैयारी?

ट्रंप प्रशासन ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और उसकी आत्मघाती इकाई, मजीद ब्रिगेड को आतंकवादी संगठन घोषित किया है।

Vibhuti Ranjan द्वारा Vibhuti Ranjan
12 August 2025
in AMERIKA, अर्थव्यवस्था, एशिया पैसिफिक, विश्व
ट्रंप का पाकिस्तान तेल सौदा और बलूच विद्रोहियों पर अमेरिकी आतंकवाद का ठप्पा

तेल डील से जटिल विद्रोह में फंस सकता है अमेरिका।

Share on FacebookShare on X

ट्रंप प्रशासन ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और उसकी आत्मघाती इकाई मजीद ब्रिगेड को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। ट्रंप प्रशासन के इस कदम के दूरगामी भू-राजनीतिक परिणाम हो सकते हैं। यह कदम पाकिस्तान के “विशाल” तेल भंडारों का दोहन करने के लिए इस्लामाबाद के साथ साझेदारी की घोषणा के कुछ ही दिनों बाद उठाया गया है। इस घटनाक्रम ने यह आशंका जताई है कि अस्थिर, संसाधन संपन्न बलूचिस्तान प्रांत वैश्विक शक्ति संघर्ष का नवीनतम अखाड़ा बन सकता है, जहां वाशिंगटन की आर्थिक महत्वाकांक्षाएं पाकिस्तान के घरेलू संघर्षों और भारत के खिलाफ बयानों से टकरा रही हैं।

अमेरिकी घोषणा ने मजबूत की पाकिस्तान की स्थिति

11 अगस्त को अमेरिका ने एक कार्यकारी आदेश के तहत बीएलए और मजीद ब्रिगेड को अपनी विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादियों (एसडीजीटी) की सूची में डाल दिया। यह 2019 में किए गए इसी तरह के कदम की याद दिलाता है और अमेरिका से जुड़ी किसी भी वित्तीय संपत्ति को अवरुद्ध करता है, साथ ही अमेरिकी व्यक्तियों और व्यवसायों को इन समूहों से जुड़ने से रोकता है।

संबंधितपोस्ट

पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

और लोड करें

“संसाधनों के दोहन को रोकना है बीएलए का उद्देश्य”

बीएलए जो मुख्य रूप से बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय है, अपनी गतिविधियों को पाकिस्तानी राज्य के खिलाफ क्षेत्र की दशकों पुरानी आत्मनिर्णय की लड़ाई का हिस्सा बताता है। इसने अक्सर पाकिस्तानी सैन्य संपत्तियों, चीनी नागरिकों और प्रांत में बीजिंग के अरबों डॉलर के निवेश से जुड़े बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया है। समूह का कहना है कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य संसाधनों के दोहन का विरोध करना है, जिससे स्थानीय बलूच आबादी गरीब और हाशिए पर हैं।

मजीद ब्रिगेड: बीएलए की फिदायीन (आत्मघाती) शाखा ने हाल ही में हुए एक ट्रेन अपहरण सहित कई हाई-प्रोफाइल हमलों की जिम्मेदारी ली है। इस्लामाबाद लंबे समय से इन कार्रवाइयों को आतंकवाद करार देता रहा है, जबकि बलूच राष्ट्रवादियों का तर्क है कि ये एक दमनकारी राज्य के खिलाफ प्रतिरोध के कार्य हैं। बलूचिस्तान को आतंकवादी घोषित करने की अपनी नीति को और कड़ा करके वाशिंगटन ने पाकिस्तान के कूटनीतिक नैरेटिव को प्रभावी रूप से मज़बूत किया है, जिससे इस्लामाबाद को बलूच संघर्ष को बाहरी समर्थन वाले उग्रवाद के रूप में चित्रित करने में और अधिक बल मिला है, और अक्सर भारत पर उँगली उठाता रहा है।

बलूच अस्वीकृति और ऐतिहासिक शिकायतें

बलूच समूहों ने अमेरिकी बलूचिस्तान घोषणा को सिरे से खारिज कर दिया है, और ज़ोर देकर कहा है कि उनकी लड़ाई दशकों से चली आ रही राजकीय हिंसा, आर्थिक हाशिए पर धकेले जाने और यहाँ तक कि प्रांत में पाकिस्तान के परमाणु परीक्षणों से हुए पर्यावरणीय विनाश में निहित है। वे इस्लामाबाद पर शांतिपूर्ण बलूच आवाज़ों को कुचलने के लिए आईएस-खुरासान जैसे चरमपंथी छद्मों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हैं और बताते हैं कि बलूच ऐतिहासिक रूप से अमेरिकी हितों को निशाना बनाने से बचते रहे हैं, यहाँ तक कि सोवियत-अफ़ग़ान युद्ध और 9/11 के बाद नाटो अभियानों के दौरान भी।

1948 से चल रहा विनाश का खेल

उनकी शिकायतों की जड़ें गहरी हैं। बलूचिस्तान कभी कलात के खान के अधीन एक स्वतंत्र इकाई था। 1947 में जब अंग्रेज़ भारत से चले गए, तो एक स्टैंडस्टिल समझौते ने कुछ समय के लिए इसकी स्वतंत्रता को मान्यता दी। लेकिन 1948 में पाकिस्तान ने इस क्षेत्र पर जबरन कब्ज़ा कर लिया, जिससे प्रतिरोध शुरू हो गया जो पूरी तरह से कभी कम नहीं हुआ। तब से, बलूचिस्तान ने पांच बड़े विद्रोह झेले हैं—1948, 1958, 1962, 1973-77, और 2000 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ संघर्ष। पाकिस्तानी सरकार की 2009 में शुरू की गई “मार डालो और फेंक दो” नीति के तहत कई कार्यकर्ताओं का अपहरण, यातना और हत्या की गई है। कई बलूच लोगों के लिए, बीएलए दशकों से चली आ रही आर्थिक लूट और सांस्कृतिक विनाश के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध का सबसे प्रमुख प्रतीक बना हुआ है।

ट्रंप की तेल घोषणा और बलूच कनेक्शन

यह विवाद तब और गहरा गया जब आतंकवादी घोषित होने से कुछ घंटे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ उसके तेल भंडारों के संयुक्त विकास के लिए एक नए समझौते की घोषणा की। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, “हमने अभी-अभी पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत पाकिस्तान और अमेरिका अपने विशाल तेल भंडारों के विकास पर मिलकर काम करेंगे… कौन जाने, शायद वे किसी दिन भारत को तेल बेच रहे हों!”

अधिकांश तेल भंडार बलूचिस्तान में

हालांकि ट्रंप ने विशिष्ट स्थानों का नाम नहीं बताया, लेकिन पाकिस्तान के अधिकांश ज्ञात और संभावित तेल और गैस भंडार बलूचिस्तान में स्थित हैं। यह प्रांत पहले से ही प्रमुख संसाधन निष्कर्षण परियोजनाओं का स्थल है – सैंदक में तांबा और सोना, विश्व स्तरीय रेको दिक भंडार और सुई गैस क्षेत्र-फिर भी यह पाकिस्तान का सबसे अविकसित क्षेत्र बना हुआ है। स्थानीय लोगों का तर्क है कि इन संसाधनों का दोहन पाकिस्तान के कुलीन वर्ग और विदेशी निवेशकों के लाभ के लिए किया जाता है और बलूच समुदायों में पुनर्निवेश बहुत कम होता है।

बलूच नेताओं ने दी चेतावनी

बलूच नेताओं ने चेतावनी दी है कि प्रांत के ऊर्जा क्षेत्र में अमेरिकी हस्तक्षेप सैन्यीकरण को और गहरा कर सकता है, क्योंकि पाकिस्तान असंतुष्टों के खिलाफ बल प्रयोग बढ़ाकर विदेशी निवेश हासिल करना चाहता है। एक प्रमुख व्यक्ति मीर यार बलूच ने ट्रम्प को पत्र लिखकर दावा किया कि पाकिस्तान ने इन भंडारों के स्थान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है और तर्क दिया है कि ये “बलूचिस्तान गणराज्य” में स्थित हैं, न कि वास्तविक पाकिस्तान में। उन्होंने आगाह किया कि कोई भी समझौता बलूच लोगों को लाभ पहुंचाने के बजाय इस्लामाबाद की सैन्य और खुफिया सेवाओं को सशक्त करेगा।

आरोपों की लड़ाई में भारत निशाने पर

दशकों से पाकिस्तान भारत पर अलगाववादी समूहों को गुप्त समर्थन देकर बलूचिस्तान में अशांति फैलाने का आरोप लगाता रहा है। इन आरोपों का नई दिल्ली लगातार खंडन करता रहा है। हाल के महीनों में यह सिलसिला जारी रहा है। मई 2025 में खुजदार में एक घातक स्कूल बस विस्फोट के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारत की खुफिया एजेंसी रॉ को दोषी ठहराया। इसी तरह के दावे अन्य घटनाओं के बाद भी किए गए हैं, जिनमें 2018 में कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमला और 2020 में कराची स्टॉक एक्सचेंज पर हमला शामिल है।

भारत के लिए दोहरी चुनौती

वाशिंगटन द्वारा किसी को आतंकवादी घोषित करने के समय से इस्लामाबाद की बयानबाजी और तेज़ होने का खतरा है, खासकर जब ट्रंप का तेल समझौता लागू हो रहा है। अमेरिकी आर्थिक हितों और पाकिस्तान के आंतरिक सुरक्षा एजेंडे के अभिसरण से वाशिंगटन अप्रत्यक्ष रूप से इस्लामाबाद के भारत-केंद्रित नैरेटिच का समर्थन कर सकता है, चाहे जानबूझकर या अनजाने में। भारत के लिए यह दोहरी चुनौती पैदा करता है: वैश्विक मंच पर झूठे आरोपों का मुकाबला करना और साथ ही प्रत्यक्ष सुरक्षा चिंता वाले क्षेत्र में अमेरिका-पाकिस्तान सहयोग को गहरा करने के रणनीतिक निहितार्थों पर नज़र रखना।

बलूचिस्तान का भविष्य ख़तरनाक दोराहे पर

बलूच विद्रोही समूहों को अमेरिका द्वारा आतंकवादी घोषित किए जाने और ट्रंप द्वारा पाकिस्तान के साथ तेल साझेदारी की घोषणा ने बलूचिस्तान को संसाधन राजनीति और आतंकवाद-रोधी नीति के चौराहे पर ला खड़ा किया है। कागज़ पर ये कदम अलग-अलग हैं। एक का उद्देश्य उग्रवाद पर अंकुश लगाना है, दूसरा ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देना है। वास्तव में, ये दोनों एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं।

जानकारी हो कि बलूचिस्तान सिर्फ़ एक और पाकिस्तानी प्रांत नहीं है। यह ऐतिहासिक रूप से विवादित भूमि है, जो अप्रयुक्त संपदा से समृद्ध है, लेकिन राजनीतिक उपेक्षा और हिंसक दमन से ग्रस्त है। कोई भी विदेशी निवेश जो इन वास्तविकताओं की अनदेखी करता है, शोषण और दमन के चक्र में भागीदार बनने का जोखिम उठाता है। यदि वाशिंगटन बलूच लोगों की जायज़ शिकायतों का समाधान किए बिना आगे बढ़ता है, तो वह खुद को एक और जटिल विद्रोह में उलझा हुआ पा सकता है। एक ऐसा विद्रोह जिसमें जातीय राष्ट्रवाद, संसाधन संप्रभुता और क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता का मिश्रण है। संसाधन-समृद्ध लेकिन राजनीतिक रूप से अस्थिर क्षेत्रों में अमेरिका की पिछली उलझनों के साथ समानताओं को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल है।

अंततः, सवाल सिर्फ़ यह नहीं है कि क्या बलूचिस्तान अमेरिका के लिए एक और “तेल युद्ध” का मोर्चा बन जाएगा। सवाल यह है कि क्या बलूचिस्तान के लोग एक बार फिर हाशिये पर चले जाएंगे, क्योंकि वैश्विक शक्तियां और क्षेत्रीय देश अपने मुनाफ़े के लिए उनकी ज़मीन पर कब्ज़ा कर रहे हैं और उन्हें उस संघर्ष की क़ीमत चुकानी पड़ रही है, जिसे उन्होंने आमंत्रित नहीं किया था, लेकिन सात दशकों से भी ज़्यादा समय से झेल रहे हैं।

Tags: AmericaBalochistanIndiaPak America Oil DealPakistanTRUMPअमेरिकाट्रंपपाक अमेरिका तेल डीलपाकिस्तानबलूचिस्तानभारत
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

सुप्रीम कोर्ट के कुत्तों पर फैसले ने खोली कांग्रेस की कलह: राहुल-चिदंबरम आमने-सामने

अगली पोस्ट

दिल्ली में होगा ‘अभ्यास वर्ग’- भाजपा सांसदों की क्षमता बढ़ाने, सोच और काम करने की शैली को सुधारने के लिए

संबंधित पोस्ट

खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की
अर्थव्यवस्था

खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

19 November 2025

उत्तराखंड ने एक बार फिर खनन क्षेत्र में अपने बेहतरीन काम और लगातार सुधारों की वजह से केंद्र से बड़ी प्रोत्साहन राशि हासिल की है।...

दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क
आयुध

दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

11 November 2025

दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण विस्फोट ने न केवल हमारी राजधानी की रफ्तार और सुरक्षा की संवेदनशीलता को झकझोर कर रख दिया...

राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति
आयुध

राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

11 November 2025

दक्षिण एशिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य में हालिया घटनाएं स्पष्ट संकेत दे रही हैं कि पड़ोसी बांग्लादेश अब अपनी दिशा बदल चुका है। रक्षा मंत्री राजनाथ...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited