इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम बदलने के बाद अब प्रदेश सरकार आजमगढ़, कानपुर और अलीगढ़ के नाम को बदलने पर विचार कर रही है। इसके लिए राजस्व विभाग ने तैयारी भी शुरू कर दी है। विपक्षी पार्टियां योगी के इस कदम से खुश नहीं और इस कदम की आलोचना कर रही हैं लेकिन अब विपक्ष आलोचना करने के लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रही है वो बेहद निम्न स्तर के हैं। दरअसल, महाराष्ट्र सपा के अध्यक्ष अबु आजमी अक्सर ही विवादित बयान को लेकर चर्चा में रहते हैं। इस बार उन्होंने शहरों के नाम बदलने को लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री की आलोचना की। इस दौरान वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विवादित टिप्पणी कर बैठे। उनके इस बयान से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हो रहा है।
अबू आजमी ने कहा, “आजमगढ़ को आजम शाह साहब ने बसाया था, योगी के बाप ने नहीं बसाया था।” आजमी यही नहीं रुके उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में कहा, “2019 में मोदी को वापस गुजरात जाना पड़ेगा, धोबी का कुत्ता न घर का होता है न घाट का।” पहले उत्तर प्रदेश के सीएम फिर देश के प्रधानमंत्री पर अशोभनीय टिप्पणी की। जबकि वो भी इस तथ्य को जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले का नाम बदले जाने की मांग वहां के स्थानीय निवासियों की ही है जो सालों से इसकी मांग कर रहे हैं और देश के सीएम होने के नाते सीएम योगी सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही आजमगढ़ का नाम मांग के अनुसार आर्यगढ़ करेंगे। ऐसे में सीएम योगी पर उनकी ये विवादित टिप्पणी बेहद अशोभनीय है।
ये पहली बार नहीं है जब अबू अजमी ने इस तरह की विवादित टिप्पणी की हो। इससे पहले भी उन्होंने कई ऐसे बयान दिए हैं जिससे उनकी अक्सर आलोचना होती रही है। कभी कभी तो खुद समाजवादी पार्टी खुद उनके बयानों से पल्ला झाड़ लेती है। इससे पहले उन्होंने औरंगजेब को मोदी से भी बढ़िया आदमी कहा था जबकि औरंगजेब ने कश्मीरी पंडितों पर खूब अत्याचार किया था और उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया था। इसका मतलब तो ये है कि अबू आजमी के लिए धर्म परिवर्तन कोई बड़ी चीज नहीं है बल्कि एक बहुत ही अच्छा कदम है? औरंगजेब जबरदस्ती अपने नियमों को थोपता था और अपनी नीतियों पर चलता था उसे जनता ने नहीं चुना था। आजमी ये भूल जाते हैं कि भारत एक लोकतांत्रिक देश और देश की जनता ने पीएम मोदी को चुना है, ऐसे में दूर-दूर तक पीएम मोदी की तुलना ही औरंगजेब से नहीं की जा सकती है। यही नहीं उन्हीं ये वही अबू आजमी हैं जिन्होंने रेप के मामलों पर लोगों को अपनी सोच में बदलाव करने के लिए कहने की बजाय लड़कियों के छोटे कपड़े न पहनने की सलाह दी थी। इससे पहले भी उन्होंने ऐसे कई बयान दिए हैं जिससे वो अक्सर चर्चा में बने रहते हैं।
वो विपक्षी नेता हैं ऐसे में वर्तमान सरकार के कार्यों की आलोचना करने तक तो ठीक है लेकिन आलोचना करते वक्त किस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए उन्हें इसका भी ध्यान रखना चाहिए। बार बार उन्हें इस तरह के बयानों की वजह से आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है लेकिन फिर भी वो इस तरह के विवादस्पद बयान देना नहीं छोड़ते।
Agar meri behen-beti suraj dubne ke baad gair mard ke sath 31 Dec manaye aur uska bhai/pati uske sath nahi hai ye theek nahi hai: Abu Azmi pic.twitter.com/gJVFlv1w89
— ANI (@ANI) January 3, 2017
वास्तव में अबू आजमी न ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का न ही देश के प्रधानमंत्री और न ही महिलाओं का सम्मान करते हैं। उनके बयान उनकी सोच को उजागर करता है। अजमी का बयान दर्शाता है कि सपा पार्टी में किस तरह के नेता मौजूद हैं। हालांकि, इस बार अबू आजमी को अपने इस विवादित बयान के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने सरायमीर थाने में सपा नेता पर मुकदमा दर्ज कराया है। अब देखना ये होगा कि सपा अबू आजमी के बयान पर क्या प्रतिक्रिया देगी।