नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन ने एक ऐसा मोड़ लिया जिसने शर्जील इमाम, शेहला राशिद जैसे लोगों की घृणित मानसिकता को उजागर कर दिया। ये वो लोग हैं जो देश को बांटने के प्रयास में लगे रहते हैं और हिन्दुओं के प्रति अपनी नफरत को आये दिन जगजाहिर करते हैं और हिन्दुओं को ही बांटने की कोशिश करते हैं। अब टाइम्स नाउ समिट इंडिया एक्शन प्लान 2020 में भारतीय जनता पार्टी के सांसद तेजस्वी सूर्या ने लेफ्ट लिबरल द्वारा हिन्दू और हिंदुत्व को लेकर फैलाए जा रहे एजेंडे की धज्जियां उड़ा दी है।
टाइम्स नाउ समिट इंडिया एक्शन प्लान 2020 के ‘कौन हिंदुत्व को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहा है?’ सेशन में बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या, सीपीएम के पूर्व सांसद एमबी राजेश और बीएसपी सांसद दानिश अली शामिल हुए थे। इस सेशन में तेजस्वी सूर्या ने हिन्दू और हिंदुत्व को लेकर फैलाई गयी गलत धारणाओं पर प्रहार किया और स्पष्ट किया अन्य धर्मों और हिन्दू धर्म में क्या बड़ा अंतर है।
तेजस्वी सूर्या ने इस दौरान कहा, ‘हिंदुत्व हावी नहीं हो सकता क्योंकि यह आक्रामकता का शिकार है। हमें हिंदुत्व को समझने की आवश्यकता है।’ उन्होंने कहा कि ‘भारत एक राष्ट्र के रूप में 15 अगस्त, 1947 को पैदा नहीं हुआ। भारत सदियों पुरानी एक निरंतर चलने वाली सभ्यता है। हिंदुत्व खुद को आक्रामकता से रोकने के लिए हिंदुओं की बौद्धिक, राजनीतिक, सामाजिक प्रतिक्रिया है।’
#TimesNowSummit | India as a nation was not born on Aug 15, 1947. India is a continuing civilization with a millennia-old continuity: @Tejasvi_Surya MP, BJP tells Padmaja Joshi on 'Who is Misrepresenting Hindutva?' at TIMES NOW SUMMIT 2020. pic.twitter.com/5lNz403cGs
— TIMES NOW (@TimesNow) February 13, 2020
Hindutva is being misused: @KdanishAli, MP, BSP tells Padmaja Joshi on 'Who is Misrepresenting Hindutva?' at TIMES NOW SUMMIT 2020. pic.twitter.com/1Gxz4ZkMC4
— TIMES NOW (@TimesNow) February 13, 2020
जब बसपा सांसद दानिश अली ने कहा कि आज राजनीति के लिए धर्म का दुरुपयोग हो रहा है। हिंदू और हिंदुत्व को राजनीति में मिलाया जा रहा है तो इसपर तेजस्वी ने कहा कि ‘हिंदुत्व का दुरुपयोग नहीं हो रहा है’। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि हिन्दू धर्म को गलत तरीके से पेश किया जाता रहा है और गलत धारणाएं फैलाई गयी हैं। तेजस्वी सूर्या ने जय श्री राम और ला इलाहा इल्लल्लाह में अंतर पर प्रकाश डाला और कहा,
“जय श्री राम और ला इलाहा इल्लल्लाह में अंतर है। जय श्री राम का अर्थ है भगवान राम की जीत जबकि ‘ला इलाहा इल्लल्लाह’ का अर्थ है अल्लाह के अतिरिक्त कोई अन्य पूज्य नहीं, ये अन्य धर्म के लोगों की आस्था और भावना को नहीं मानता। यही अंतर है हिन्दू और अन्य धर्मों में चाहे वो इस्लाम या ईसाई धर्म।
#TimesNowSummit | The diff between 'Jai Shri Ram' & 'la ilaha illa Allah' is that the former says victory to Lord Ram & the latter says there is no god other than Allah: @Tejasvi_Surya MP, BJP tells Padmaja Joshi on 'Who is Misrepresenting Hindutva?' at TIMES NOW SUMMIT 2020. pic.twitter.com/b2Ax0RgtIS
— TIMES NOW (@TimesNow) February 13, 2020
जय श्री राम को लेकर गलत धारणा फैलाई गयी और इसे ला इलाहा इल्लल्लाह के बराबर दर्शाया गया जबकि सैद्धांतिक रूप से और व्यावहारिक रूप से ऐसा नहीं है। आरएसएस और बजरंग दल को लेकर भी गलत धारण फैलाई गयी और इसे सिमी के बराबर बताया गया जबकि सिमी एक कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादी संगठन है जिसकी खुलेआम हम आलोचना करते हैं बल्कि उसकी गतिविधियों के लिए उसे आड़े हाथों भी लेते हैं।”
पद्मजा जोशी ने उन्हें टोकते हुए कहते हैं कि ‘ओडिशा में बजरंग दल अगर राष्ट्रवादी संगठन है तो इसने ग्राहम स्टेन्स और उनके दो बच्चों को जिन्दा जला दिया था’। इसपर तेजस्वी सूर्या कहते हैं कि
“पद्मजा जोशी यही तो मेरा बिंदु है सर कि वो वहां गये ही क्यों थे? उन्होंने क्यों हिन्दुओं और आदिवासियों को गुस्सा दिलाया? ग्राहम स्टेन वहां धर्मांतरण करने गये थे जिस वजह से वो आक्रोश का शिकार हुए। धर्मांतरण धार्मिक असहिष्णुता और आक्रामकता का सबसे बड़ा रूप है। भारत धार्मिक आक्रामकता के कारण विभाजित हुआ।
तेजस्वी ने आगे कहा कि
“यदि भारत के स्वदेशी धर्मों पर कोई आक्रामकता नहीं होती तो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान आज अस्तित्व में नहीं होते”।
इस समिट से तेजस्वी सूर्या ने पब्लिक डोमेन में Politically correct होने के मिथक को तोड़ा है। तेजस्वी सूर्या ने टाइम्स नाउ समिट में जिस तरह की आक्रामकता और अपने बयानों में स्पष्टता दिखाई उससे पता चलता है कि जो भी हिन्दू धर्म को गलत तरीके से पेश करने की कोशिश करेगा उसे वो बिलकुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पिछले कुछ समय से तेजस्वी सूर्या को कर्नाटक में काफी प्रोत्साहित कर रहा है। भाजपा ने जब अपने सबसे युवा उम्मीदवार तेजस्वी सूर्या को बेंगलुरु साउथ संसदीय सीट से मैदान में उतारा तब सभी को हैरानी थी। पार्टी में तेजस्वी सूर्या के महत्व को इसी से समझा जा सकता है कि जब कर्नाटक बीजेपी के कई नेता उनका विरोध कर रहे थे तब अमित शाह उनके प्रचार के लिए मैदान में उतर गये थे। चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी सूर्या ने अपने शानदार भाषणों से सभी का दिल जीता था। संसद में भी तेजस्वी सूर्या ने कहा था कि भाजपा एकमात्र राजनीतिक दल है जो कार्यकर्ताओं की क्षमता को परखती है। ये पार्टी देश का विकास चाहती है और इसके लिए हर प्रतिभावान लोगों को स्थान देती और आगे बढ़ने का मौका देती है।
https://twitter.com/Tejasvi_Surya/status/1108973963747614720?s=20
बता दें कि तेजस्वी के जोरदार भाषण ने ही उन्हें भाजपा का हीरो बना दिया है। सोशल मीडिया पर भी वो खासा सक्रिय रहते हैं। वो कर्नाटक बीजेपी का ट्विटर हैंडल भी संभाल रहे हैं और इससे लेफ्ट लिबरल्स की नींद उड़ी हुई है। अब टाइम्स नाउ के समिट में लेफ्ट लिबरल के प्रोपेगेंडे की धज्जियां उड़ाकर हिंदुत्व के महत्व को समझाते हुए उन्होंने एक बार फिर से सुर्खियाँ बंटोरी हैं।
जिस तरीके से वो अपने विरोधियों को जवाब देते हैं वो सराहनीय है। तेजस्वी सूर्या आज के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। एक युवा नेता होते हुए अपने विरोधियों को हर मोर्चे पर आड़े हाथों लेना उनके शानदार व्यक्तित्व को दर्शाता है। आने वाले समय में उनकी यही कला और स्पष्ट विचारधारा उन्हें एक बड़े नेता के तौर पर उभारेगी।