पाकिस्तानी एफ-16 की पुराने मिग-21 से धज्जियां उड़ाने वाले भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन के शौर्य का खौफ डेढ़ साल बाद भी पाकिस्तानियों के जहन में है। पाक के पूर्व विदेश मंत्री ने संसद में कह दिया कि अगर भारतीय कमांडर को रिहा न किया जाता तो भारत पाकिस्तान को नेस्तनाबूत करने के लिए जंग का ऐलान कर देता। इसी डर के कारण पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के हाथ पांव फूल गए थे। उनका ये बयान एक संदेश है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत की मजबूत नीति के कारण ही अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान ने वापस किया है। साथ ही ये बयान उन लोगों के लिए भी आईना है जो इस मुद्दे पर एक अलग ही एजेंडा चलाकर सेना और मोदी सरकार पर हमलावर थे।
दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को केवल इसलिए छोड़ा गया था क्योंकि पाकिस्तान खौफ में था। ये सब इसलिए किया गया था की भारत खुश रहे और पाक पर कोई हमला न करे। उन्होंने ये बातें किसी साधारण जगह में नहीं, बल्कि पाकिस्तानी संसद में कही है।
केवल पूर्व विदेश मंत्री ही नहीं बल्कि पाक संसद के पूर्व स्पीकर अयाज सादिक ने तो पाकिस्तान के खौफ का पूरा चिट्ठा ही खोल दिया। उन्होंने कहा, ‘उस समय पाकिस्तान को डर था कि कहीं भारत उस पर हमला न कर दे। भारत के हमले की आशंका से उस समय पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के पैर कांप रहे थे और चेहरे पर पसीना आ रहा था। बाजवा को भारत के हमले का डर सता रहा था।‘
उन्होंने कहा, ‘विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अभिनंदन को लेकर कांप रहे थे, वो कह रहे थे कि खुदा के वास्ते उसे जाने दें। पाकिस्तान को डर था कि अगर फायटर प्लेन पायलट अभिनंदन को रात 9 बजे तक रिहा नहीं किया गया तो भारत पाकिस्तान पर हमला करेगा।‘ पाकिस्तान के दोनों ही वरिष्ठ लोगों के बयान इस बात का उदाहरण है कि किस तरह पूरे देश में भारत को लेकर डर का माहौल था कि न जाने कब भारत हमला कर दे।
गौरतलब है कि 2019 में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में बने आतंकी अड्डो पर पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक की थी जिसके दूसरे दिन हवाई गश्त के दौरान जब एक पाकिस्तानी एफ-16 फाइटर प्लेन भारतीय सीमा में घुस आया था तो विंग कमांडर अभिनंदन ने अपने मिग-21 से एफ-16 के परखच्चे उड़ा दिए थे, लेकिन दिशा भटकने के कारण उनका प्लेन पाकिस्तानी इलाके में जा गिरा था जिसके बाद पाकिस्तान ने उसे गिफ्तार कर लिया था। भारत की सख्त नीतियों का असर ये हुआ कि अगले 48 घंटों में अभिनंदन भारत में थे। पाकिस्तान के ये वरिष्ठ लोग अब उसी दहशत की बात कर रहे हैं।
अभिनंदन के पाकिस्तान पहुंचने पर मोदी सरकार और सेना की, विपक्ष द्वारा काफी आलोचनी हुई थी। कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष मोदी सरकार पर आरोप लगा रहा था कि देश पर युद्ध थोपने की कोशिश की जा रही है। पाकिस्तान द्वारा अभिनंदन को जब तक रिहा नहीं किया गया था तब-तक तो मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक कैंपेन शुरु कर दिया था लेकिन जब अभिनंदन वापस आ गए तो कांग्रेस की भद्द पिट गई। साथ ही मोदी सरकार के खिलाफ बोलने वाले सभी अमन की आशा के झंडाबरदारों के मुंह पर ताला लग गया था।
ऐसे में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और संसद के स्पीकर की तरफ से ये बयान आना कि पाक अभिनंदन वाले मामले में भारत के संभावित हमले से डर गया था। ये उन लोगों के मुंह पर एक और तमाचा है जो मोदी सरकार के खिलाफ लगातार इस मामले को लेकर कैंपेन चला रहे थे। साथ ही खौफ का कबूलनामा ये भी दिखाता है कि मोदी सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कितनी सख्त थी जिसके चलते पाकिस्तान ने भारत के सामने अपने घुटने टेक दिए थे।