कोरोना के बाद अब उभरती अर्थव्यवस्था के बीच भारतीय आईटी कंपनियों ने खर्च में गिरावट और राजस्व वृद्धि के बावजूद चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज किया है। अगर पिछली तीन तिमाहियों को देखा जाए तो, अधिकांश IT कंपनियों ने कोरोनोवायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के मध्य कर्मचारियों को Work From Home की सुविधा प्रदान की जिसके परिणामस्वरूप कंपनी के ऑफिस पर होने वाले खर्च जैसे किराया, बिजली, रखरखाव में भारी बचत हुई।
इसके अलावा, पिछले कुछ महीनों में आईटी कंपनियों के राजस्व में तेजी से वृद्धि हुई है। इसका कारण कुछ और नहीं बल्कि लॉकडाउन के बीच डिजिटल टेक्नोलॉजी पर कंपनियों द्वारा खर्च में वृद्धि है। भारत की चार सबसे बड़ी आईटी कंपनियों- टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो और HCL द्वारा पेश किए गए आंकड़ों की माने तो पहली बार 20,000 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है।
HCL के अध्यक्ष और मुख्य रणनीति अधिकारी शिव नाडार ने एक बयान में कहा, “प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण हो रही है। वैश्विक उद्यमों ने इन महामारी के समय के समस्याओं को दूर करने के लिए डिजिटल परिवर्तन को अपनाया है।”
शिव नाडर की HCL सहित अधिकांश आईटी कंपनियों ने तीसरी तिमाही में 30-40 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की, जो एक नया रिकॉर्ड है। नाडर ने कहा है कि “महामारी के दौरान प्रौद्योगिकी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और जैसा कि हम तकनीकी इनोवेशन के अगले चरण के कगार पर खड़े हैं, यह महत्वपूर्ण है कि हम एक दूसरे की ताकत से प्रेरणा लें और सकारात्मक प्रभाव बनाने सहयोग दें।”
इतना ही नहीं आने वाले वर्षो में राजस्व और साथ ही आईटी क्षेत्र के मुनाफे में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है क्योंकि उन्होंने पिछले कुछ महीनों में कई मिलियन डॉलर के सौदे हासिल किए हैं। भारतीय आईटी कंपनियों ने कई छोटी यूरोपीय फर्मों का भी अधिग्रहण किया और कई कंपनियों के आईटी डिवीजन का उनके कर्मचारियों का भी अधिग्रहण किया।
यूरोपीय कंपनियां, जो पारंपरिक रूप से अमेरिकी फर्मों की तरह अपने आईटी के संचालन को आउटसोर्स करने में अनिच्छुक रही हैं, उन्हें कोरोना के दौरान हुए नुकसान को कम करने के लिए ऐसा करने पर मजबूर हुईं और यह भारतीय आईटी क्षेत्र के लिए एक बड़ी जीत थी।
आईटी क्षेत्र के मार्केट लीडर कहे जाने वाले TCS ने यूरोपीय बाजार में अपने आक्रामक रुख और मजबूत बैलेंस शीट की बदौलत 12 लाख करोड़ रुपये के मार्केट वैल्यू को पार कर लिया। TCS के मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन ने कहा, “हमारी बाजार स्थिति पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो गई है।”
इंफ़ोसिस आज आईटी कंपनियों के बीच आज भारत का नाम ऊंचा कर रहा है परंपरागत रूप से डिजिटल क्षेत्र से भारतीय आईटी क्षेत्र का राजस्व कम रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कंपनियों ने डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाने का प्रयास किया है। वास्तव में, इंफोसिस के कुल राजस्व का लगभग आधा हिस्सा डिजिटल क्षेत्र से आता है, जिसका श्रेय सलिल पारेख के नेतृत्व में परिवर्तन को जाता है। बता दें कि ये सलिल ही थे जिन्होंने इंफ़ोसिस को एक नया जीवनदान दिया था जब कंपनी विशाल सिक्का द्वारा किए गए नुकसान से जूझ रही थी।
सीईओ और एमडी सलिल पारेख ने कहा, “प्रमुख वैश्विक कंपनियों जैसे कि Vanguard, Daimler और Rolls-Royce के साथ नए क्लाइंट साझेदारी से इन्फोसिस की डिजिटल और क्लाउड क्षमताओं की गहराई का पता चलता है।”
200 बिलियन डॉलर से अधिक के वार्षिक उत्पादन के साथ, भारतीय आईटी क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ और विदेशी मुद्रा का प्राथमिक स्रोत है। यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 7-8 प्रतिशत योगदान देता है तथा सेवा क्षेत्र में लाखों लोगों को रोजगार देता है। आने वाले वर्षों में, यह क्षेत्र और भी अधिक बढ़ने वाला है तथा भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।