कोर्ट ने साकेत गोखले को लगाई फटकार
दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरूवार को कांग्रेस समर्थक और फेक न्यूज़ फ़ैलाने के लिए मशहूर साकेत गोखले को ट्विटर पर पूर्व राजनयिक लक्ष्मी एम पुरी के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए फटकार लगाई। हालांकि, कोर्ट ने अभी अपने फैसले को सुरक्षित रखा है, परन्तु इससे एक बात स्पष्ट है कि लक्ष्मी पुरी उन्हें ऐसे नहीं जाने देने वाली हैं; साकेत गोखले को अपनी इस करतूत के लिए भारी कीमत चुकानी होगी।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी और पूर्व भारतीय राजनयिक लक्ष्मी पुरी ने गोखले को ट्विटर पर उनके पोस्ट के लिए कानूनी नोटिस भेजा था। साकेत गोखले ने ट्वीट कर दावा किया था कि ‘लक्ष्मी पुरी ने स्विट्जरलैंड में 25 लाख डॉलर का एक घर खरीदा था और दंपति के पास इस ख़रीदे हुए घर की आय का पर्याप्त वैध स्रोत नहीं थे। घर 2006 में खरीदा गया था।’ पहले तो लक्ष्मी पुरी ने ट्विटर पर ही समझाने की कोशिश की, लेकिन फेक न्यूज़ फ़ैलाने के लिए मशहूर साकेत उनके खिलाफ प्रोपेगेन्डा फैलाते रहे।
Delhi High Court reserves orders on a plea by former Assistant Secretary General, UN, Lakshmi Puri's plea for alleged defamatory tweets by RTI activist @SaketGokhale on @Twitter. Gokhale has informed Court that he will not take down the said tweets. pic.twitter.com/pMrewyC6RH
— Live Law (@LiveLawIndia) July 8, 2021
उनके ट्वीट के जवाब में पुरी ने अपने वकीलों के जरिए कानूनी नोटिस भेजकर इन ट्वीट्स को तुरंत हटाने की मांग की थी, परंतु ऐसा हुआ नहीं। नोटिस में साकेत गोखले से माफी मांगने और एक शपथ पत्र देने की भी मांग की गई है कि इस तरह के ट्वीट को न दोहराया जाए। अदालत ने पुरी द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें ट्वीट्स को हटाने के आदेश के अलावा 5 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की है। याचिका में उन्होंने कहा कि, ट्वीट मानहानिकारक, दुर्भावनापूर्ण और झूठी जानकारी पर आधारित थे और इससे मानहानि हुई है।
क्या है साकेत गोखले और लक्ष्मी पुरी के बीच का मामला?
सुनवाई के दौरान, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस समर्थक साकेत गोखले से पूछा कि वह बिना किसी तथ्य के लोगों को कैसे बदनाम कर सकते हैं, खासकर जब से उनके द्वारा किए गए ट्वीट प्रथम दृष्टया गलत थे।
Delhi High Court lashes out at RTI activist @SaketGokhale for allegedly defamatory tweets against former Assistant Secretary General at the UN, Lakshmi Puri.
"What is this? How can you vilify a person like this?" Court asks.
— Live Law (@LiveLawIndia) July 8, 2021
न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने साकेत गोखले से पूछा कि आप इस तरह से लोगों को कैसे बदनाम कर सकते हैं? अदालत ने अपनी तीखी टिप्पणी में साकेत गोखले को फटकार लगाते हुए कहा कि ‘अगर उन्हें सार्वजनिक पदाधिकारियों के साथ कोई समस्या है तो वह सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाने से पहले आवश्यक स्पष्टीकरण देने के लिए उन अधिकारीयों के पास क्यों नहीं गए।’
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने साकेत गोखले को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि ‘क्या कोई टॉम, डिक या हैरी किसी की प्रतिष्ठा को हानि पहुँचाने के लिए इंटरनेट पर कभी भी कुछ भी लिख सकता है?’
बता दें कि लक्ष्मी पुरी ने संयुक्त राष्ट्र में सहायक महासचिव के रूप में कार्य किया है। वह मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी हैं। लक्ष्मी एम पुरी का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि उनके मुवक्किल लक्ष्मी एम पुरी प्रॉपर्टी खरीद के समय किसी सार्वजनिक पद पर नहीं थीं, और इससे यह प्रदर्शित होता है कि साकेत गोखले की नीयत कितनी बुरी थी।
उन्होंने अपने वकील के जरीये कहा कि, “मैंने 28 साल तक देश की सेवा की है। अपनी छुट्टी के दौरान, मैंने संयुक्त राष्ट्र के साथ काम किया। कानून की अवहेलना यह है कि जब मैं कानूनी नोटिस भेजती हूं, तो वह(साकेत) कहता है कि आप अदालत नहीं हैं। इसलिए हमें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
साकेत गोखले ने लक्ष्मी पुरी पर झूठे आरोप लगाए
अपनी संपत्ति और आय की वैधता के बारे में बताते हुए, लक्ष्मी एम पुरी ने कहा कि यह एक पारिवारिक मामला था, और साकेत गोखले उनसे सवाल करने वाला कोई नहीं है। पुरी की ओर से पेश अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा, “जिस तरह से लोगों ने उनके ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है, यह स्पष्ट रूप से मानहानि का मामला है।”
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पुरी का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि गोखले को पुरी से सवाल करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “पुरी सार्वजनिक पद पर नहीं हैं जिसके आधार पर इन जानकारियों को सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर डाला जाए और वह उनका नाम सार्वजनिक मंच पर उल्लेख कर रहे थे, तो उन्हें इतनी सभ्यता को दिखानी ही चाहिए थी कि पहले पुरी से पूछ लें, लेकिन उन्होंने जानबूझकर ट्वीट करने से पहले जानकारी नहीं ली।”
उन्होंने कोर्ट में लक्ष्मी और उनके पति की संपत्तियों का ब्यौरा पेश किया और कहा कि यह ‘उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे’ वाला मामला है, क्योंकि जब गोखले को ट्वीट करके भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के संबंध में नोटिस भेजा गया तब गोखले ने उल्टा यह आरोप लगा दिया कि उन्हें धमकाया जा रहा है।
Singh: This is how he creates his crowd to raise more funds. Then he comments on the legal notice we've sent. Says, "This is your legal notice?" Now he comments on my lawyers also and says he won't get intimidated. Simple case of ulta chor kotwal ko daate.
— Live Law (@LiveLawIndia) July 8, 2021
गोखले की मुसीबतें बढ़ने वाली है
अधिक्वक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि लक्ष्मी को चोर और लुटेरा कहा गया और अब यह कोर्ट की जिम्मेदारी है कि कोर्ट एक व्यक्ति के सम्मान और छवि की रक्षा करे। उन्होंने कहा कि कोर्ट को एक गैर-जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों पर भी ध्यान देना चाहिए।
Singh: I've been said to be a "chor, lootera". He says, "Shame on Lakshmi Puri, looteri, thief, black money hoarder." The same day hundreds of comments have come. How do you defend such a position? People who have served with utmost integrity, if this is what they face..
— Live Law (@LiveLawIndia) July 8, 2021
इस पूरे प्रकरण के बाद कांग्रेस आईटी सेल साकेत गोखले की मुसीबतें बढ़ गईं हैं, क्योंकि उन्होंने केन्द्रीय मंत्री और उनकी पूर्व आईएफएस अधिकारी पत्नी लक्ष्मी एम पुरी पर बिना तथ्यों की जानकारी के बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों का उद्देश्य केवल भ्रष्टाचार का झूठा एजेंडा चलाना ही था, लेकिन अब साकेत गोखले ही कानून के रडार में आ गए हैं। यह न सिर्फ मानहानि का मामला है बल्कि इस तरह का एजेंडा चला कर साकेत गोखले Crowdfunding के जरिये पैसे भी कमा रहे हैं। लक्ष्मी पुरी उन्हें ऐसे तो नहीं जाने देने वाली हैं। साकेत गोखले को अपनी इस करतूत के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।