जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटा तो भारत का झंडा उठाने वाला कोई भी नहीं होगा, ये नारा खूब लगाया गया। नतीजा ये कि अनुच्छेद-370 का अस्तित्व ही समाप्त हो गया। इसके बाद अब कुछ वामपंथी मोदी सरकार को चिढ़ाने की नीयत से आए दिन पूछ्ते रहते हैं कि पीओके का कुछ क्यों नहीं किया जाता। विपक्षी और वामपंथी भले ही चिढ़ाने का प्रयास करते हों, लेकिन यथार्थ सत्य यही है कि मोदी सरकार पीओके के मुद्दे पर संवेदनशील हो गई है। इसका संकेत इस बात से ही मिल सकता है कि एयर चीफ मार्शल अमित देव ने जल्द ही पीओके को भारत में शामिल करने की बात कर दी है, जो कि पाकिस्तान के लिए पसीने छुटाने वाला विषय है।
पूरा कश्मीर होगा भारत के पास
जब राजनीतिक इच्छाएं मजबूत होती हैं, तो सैनिकों का जोश भी हाई रहता है और मोदी सरकार ने भारतीय सेना की जल-थल-वायु सभी टुकड़ियों को खुली छूट दे रखी है, जिसका नतीजा है कि एयर चीफ मार्शल अमित देव ने पीओके को जल्द ही भारत का हिस्सा बनाने की बात कह दी है। बडगाम लैंडिंग की 75वीं वर्षगांठ पर एयर चीफ ने कहा, “पीओके में लोगों के साथ पाकिस्तानियों द्वारा उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा है। भारतीय वायुसेना और सेना द्वारा (27 अक्टूबर, 1947 को) की गई कार्रवाई के परिणामस्वरूप कश्मीर के इस हिस्से की स्वतंत्रता सुनिश्चित हुई। मुझे यकीन है कि किसी दिन कश्मीर का, पाकिस्तान के कब्जे वाला हिस्सा भी, कश्मीर के इस हिस्से में शामिल हो जाएगा और आने वाले वर्षों में हमारे पास पूरा कश्मीर होगा।”
भारत का हिस्सा है कश्मीर
पीओके के लिए विशेष प्लानिंग को लेकर उन्होंने सटीक तौर पर इनकार कर दिया। निश्चित ही ऐसी प्लानिंग सार्वजनिक मंचों से तो नहीं ही होगी। अमित देव ने पीओके के प्रति कटिबद्धता दिखाते हुए कहा, “कश्मीर एक है, राष्ट्र एक है। दोनों ओर के लोगों में समान लगाव है। आज हो या कल, इतिहास गवाह है कि राष्ट्र एक साथ आते हैं, फिलहाल हमारे पास कोई योजना नहीं है, लेकिन ईश्वर की इच्छा है। ऐसा होकर रहेगा क्योंकि कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में लोगों के साथ पाकिस्तानियों द्वारा उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा है।”
तकनीक को विशेष तवज्जो
पाकिस्तान द्वारा ड्रोन तकनीक के जरिए लगातार जम्मू-कश्मीर और पंजाब को अस्थिर करने की साज़िशें रची जा रही हैं। ऐसे में भारतीय वायुसेना की तैयारियों के संबंध में एयर चीफ मार्शल ने कहा, “भारतीय वायुसेना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन बुनियादी चुनौतियों में से एक ..तकनीक है। तकनीक के बदलाव की दर आज दुनिया में इतनी तेज है कि हमें उसके साथ तालमेल बिठाना होगा। अगर किसी देश को आर्थिक रूप से विकसित होना है तो उसके पास एक मजबूत सेना होनी चाहिए, हमें आने वाले वर्षों में राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व को पूरा करना चाहिए और हम हमेशा चुनौती के लिए तैयार हैं।”
On 75th Infantry Day, a top Indian Air Force commander has vowed to take back PoK. Air Marshal Amit Dev, AoC-IN-C, Western Air Command, told reporters in Srinagar that had United Nations not intervened at the time of 1947 India-Pakistan war, the PoK would have been captured by.. pic.twitter.com/9hNeAQPD0G
— Eagle Eye Modi Ka Parivaar (@SortedEagle) October 27, 2021
ड्रोन अटैक का सामना करने को लेकर उन्होंने कहा, “वे केवल कम से कम नुकसान पहुंचा सकते हैं। हमारे पास ड्रोन हमलों के खिलाफ उपकरण तैयार थे, और इसे यहां भी तैनात किया गया था। अब हम और उपकरण खरीद कर तैनाती बढ़ा रहे हैं। ड्रोन चुनौती एक छोटी सी चुनौती है और जब भी यह चुनौती सामने आएगी, हम उस चुनौती से निपटने में सक्षम होंगे।” स्पष्ट है कि भारत की तकनीकी पावर और सैनिकों की इच्छाशक्ति के दम पर पाकिस्तान के छोटे-मोटे अटैक फुलझड़ी सरीखे हैं।
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कुछ बड़ा हो सकता है!
जम्मू कश्मीर की वर्तमान राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी स्थिति की बात करें तो जिस तरह से हिंदुओं को टारगेट किलिंग के जरिए मारा जा रहा है और आतंकियों द्वारा लगातार राज्य को अस्थिर करने की कोशिशें की जा रही हैं, उसके बाद से मोदी सरकार और सेना में एक विशेष आक्रोश देखने को मिला है। इसी का नतीजा है कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद पहली बार श्रीनगर के दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मारे लोगों के परिजनों से मुलाकात की थी। वहीं, सेना और सुरक्षा बल लगातार आतंकियों की चटनी बना रहे हैं। एक तरफ मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों को मुख्यधारा में लाने के प्रयास कर रही है, तो दूसरी ओर वेस्टर्न एयर कमांड के इन्फेंट्री-डे पर एयर चीफ मार्शल अमित देव का पीओके पर बयान स्पष्ट करता है कि मोदी सरकार जल्द ही इस दिशा में कोई बड़ा कदम उठा सकती है।
भले ही भारतीय सेना इस समय लद्दाख में चीन के साथ टकराव की स्थिति में है, लेकिन पाकिस्तान के लिए दिक्कत वाली बात यह है कि लद्दाख में तैनात सेना की टुकड़ी न जाने कब अपन कदमों का रुख मोड़ दे और उसके निशाने पर पाक अधिकृत कश्मीर हो। संभवत यही कारण है कि एयर चीफ मार्शल अमित देव कोई विशेष जानकारी तो नहीं दे रहे, लेकिन उनके शब्दों में पाकिस्तान को लेकर आक्रोश और पीओके को वापस लेने की कटिबद्धता किसी बड़े रोड मैप की ओर संकेत दे रही है।