एक दौर था जब रायबरेली गांधी परिवार का गढ़ माना जाता था। अवध क्षेत्र का यह बेल्ट एक समय कांग्रेस का अभेद किला था। वहां से कांग्रेस के कई दिग्गज चुनावी मैदान में उतरे। रायबरेली में बहुत कुछ बदल गया और आज उसी रायबरेली में यह स्थिति है कि एक समय की दिग्गज नेत्री को प्रचार प्रसार के लिए भी याद नहीं किया जा रहा है। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली की विधानसभा सीटों पर चौथे चरण के उत्तर प्रदेश चुनाव में स्टार प्रचारक नहीं होंगी। चौथे चरण के लिए बीते रविवार को जारी 30 कांग्रेस स्टार प्रचारकों की सूची में सोनिया गांधी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम नहीं है।
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पार्टी के स्टार प्रचारकों में नहीं है सोनिया गांधी का नाम
स्टार प्रचारकों की सूची में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और AICC महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ गुलाम नबी आजाद भी शामिल हैं लेकिन सोनिया गांधी का नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है। सूची में अन्य नेताओं में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस पार्टी के यूपी प्रमुख अजय लल्लू, सीएलपी नेता आराधना मिश्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का नाम शामिल है। वहीं, पंजाब पार्टी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू का नाम इस सूची में नहीं हैैं। राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी प्रमुख हार्दिक पटेल भी इस सूची में शामिल हैं।
बता दें कि चौथे चरण में 23 फरवरी को रायबरेली की पांच विधानसभा सीटों बछरावां-एससी, हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी और ऊंचाहार में विधानसभा चुनाव होंगे। वहीं, इन क्षेत्रों में प्रचार करने के लिए पार्टी की ओर से जो स्टार प्रचारक शामिल हुए हैं, उनके अलावा पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन, महाराष्ट्र कैबिनेट मंत्री वर्षा गायकवाड़, गुजरात पीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल और राज्यसभा सांसद दीपिंदर सिंह हुड्डा भी पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में हैं। AICC अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रमुख इमरान प्रतापगढ़ी को भी पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेट के अलावा स्टार प्रचारक बनाया गया है।
स्टार प्रचारक में न होने का कारण, स्वास्थ्य की समस्या
पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को यूपी चुनाव के चौथे चरण की सूची में शामिल नहीं किया गया है जबकि पार्टी ने उनके नामों को हटाने के लिए स्वास्थ्य मुद्दों का हवाला दिया है। कांग्रेस में अभिनेता से नेता बने और उत्तर प्रदेश पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राज बब्बर को भी चौथे चरण के प्रचार से हटा दिया है। आपको बताते चलें कि बब्बर के कांग्रेस छोड़ने और समाजवादी पार्टी में शामिल होने की अटकलें थीं। हालांकि, यूपी चुनाव के पहले चरण में गुलाम नबी आजाद के साथ उन्हें एक स्टार प्रचारक के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।
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सोनिया गांधी की घटती लोकप्रियता
सूची में सोनिया गांधी का नाम न होने को भले ही स्वास्थ्य से जोड़कर बताया जा रहा है किंतु असल कारण यह है कि पार्टी में सोनिया गांधी की लोकप्रियता घट गई है। MLA अदिति सिंह जैसे युवा और लोकप्रिय नेता फरवरी 2017 से ही भाजपा का दामन थाम चुकी हैं। सोनिया गांधी के नाम का प्रभाव रायबरेली से खत्म हो चुका है। लोग अपने मनोस्मृति से सोनिया गांधी को बाहर कर चुके हैं और यही उनके बाहर किये जाने का सबसे बड़ा कारण है। अंतत: रायबरेली में इस बार भाजपा की लहर बताई जा रही है और शायद कांग्रेस भी इस लहर के विपक्ष में सोनिया गांधी को कहीं नहीं पाती है।