आज पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आ रहे हैं। इनमें 5 में से चार राज्यों में भाजपा की एकतरफा जीत सुनिश्चित है यह रुझानों में प्रदर्शित हो रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे बड़ी जीत के रूप में मणिपुर को देखा जा रहा है जहां कांग्रेस-लेफ्ट के शासन को बीते दो बार के चुनावों में करारी हार मिलने के साथ ही मणिपुर को विकास की सौगात मिलनी शुरू हुई थी। 2022 के इन विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत का सबसे बड़ा कारण मणिपुर की विकास की नींव के साथ गठित हुई सरकार है।
मोदी सरकार की विकास योजनाओं ने बदल दी स्थिति
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों को मोदी सरकार की विकास योजनाओं का विशेष लाभ मिला है क्योंकि लंबे समय तक यह राज्य भारत की पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा उपेक्षित रहे थे। पूर्वोत्तर के राज्य लंबे समय तक अलगाववादी आतंकवाद का शिकार रहे। इन्हीं राज्यों में से एक मणिपुर भी है। यही कारण है जो इस बार विधानसभा चुनाव में विकास को आधार बनाकर जनता ने भाजपा को वोट देना सुनिश्चित किया।
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डबल इंजन वाली सरकार ने सुनिश्चित किया है कि दिल्ली और उत्तर पूर्व के बीच की खाई को अब काफी हद तक पाट दिया गया है। सड़क मार्ग और परिवहन को जोड़ना हो या बिजली देने की बात हो या फिर अन्य भी विकासशील योजना लागू करने की बात हो मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में राज्य में वो तमाम व्यवस्थाएं दीं जिनसे बीते सात दशकों से मणिपुर स्वयं को वंचित पाता था। मोदी सरकार ने उग्रवादी समूहों को विश्वास में लेते हुए सबसे आत्मसमर्पण कराते हुए उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ा और आज परिणाम सबके सामने हैं।
मणिपुर के युवा बेरोजगारी में डूबे थे फिर आई बीजेपी
5 वर्ष पहले मणिपुर के युवा बेरोजगारी का सामना कर रहे थे। वहीं, कानून-व्यवस्था की स्थिति कारोबारी माहौल के अनुकूल नहीं थी। ऐसे में, जब एन एन बीरेन सिंह ने सत्ता संभाली तब उन्होंने स्थिति को पूर्णतः बदलकर रख दिया।
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सभी क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित कर भाजपा ने पुनः मणिपुर में कमल खिलाने में सफल हुई है जिसे नकारना किसी भी राजनीतिक पंडित के बस की बात नहीं है क्योंकि जनता ही स्वीकार कर चुकी है कि डबल इंजन से ही मणिपुर ने अपने विकास के कपाट खुलवाने की उपलब्धि अपने नाम किया है।