अगर कभी आप ‘अखंड भारत’ के स्वप्न की चर्चा अपने तथाकथित बुद्धिजीवी, वामपंथी मित्र के समक्ष करेंगे तो वह इसे एक कपोल कल्पना विस्तारवादी नीति के रूप में व्याख्यायित करेगा। आप में से भी कुछ लोग ऐसा ही मानते होंगे। कारण ये है की आप भारत को एक विचार नहीं बल्कि एक संकीर्ण भौगोलिक परिधि के परिपेक्ष्य में देखते हैं। आपको लगता है की कश्मीर से कन्याकुमारी और जामगर से इटानगर तक ही भारत है तो तो आप गलत है। भारत एक विचार है जो वसुधेव कुटुंबकम, सर्वजन सुखाय, ॐ शांति और विश्व कल्याण के मार्ग को अपने हुए और इस सम्पूर्ण सृष्टि पर स्थापित समग्र राष्ट्र के सीमाई परिधियों को तोड़ते हुए जगत को अपने में समाहित कर सकता है। जब जब मानवता हारती, थकती, रुकती, डरती, टूटती और पराजित होती है भारत अपने द्वार खोल देता है। अपने यहाँ ठहराता भी है और कल्याण का मार्ग भी दिखाता है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति से हुई बात
शायद, इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ अपनी बातचीत के दौरान कहा- “अगर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) भारत को अनुमति दे तो भारत दुनिया के खाद्य भंडार को भर देगा।“
मोदी ने वीडियो लिंक के माध्यम से अहमदाबाद के पास अदलज में श्री अन्नपूर्णा धाम ट्रस्ट के छात्रावास और शिक्षा परिसर का उद्घाटन करने के बाद कहा-“रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया के विभिन्न हिस्सों में खाद्य भंडार घट रहा है। दुनिया यह जानकर चकित है कि भारत अपने लगभग 80 करोड़ नागरिकों को दो साल से अधिक समय से मुफ्त राशन उपलब्ध करा रहा है। आज, दुनिया एक अनिश्चित और विकट स्थिति का सामना कर रही है क्योंकि बहुत से राष्ट्रों को अपने नागरिकों के लिए आवश्यक संसाधन, सामग्री और राशन नहीं मिल रहा है। पेट्रोल, तेल और उर्वरक की खरीद मुश्किल हो रही है क्योंकि सभी दरवाजे बंद हो रहे हैं।“
मोदी ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से हर देश अपना भंडारण सुरक्षित करना चाहता है। इसीलिए, दुनिया अब एक नई समस्या का सामना कर रही है और दुनिया का खाद्य भंडार खाली हो रहा है। मैं अमेरिकी राष्ट्रपति से बात कर रहा था, तब मैंने इस मुद्दे को भी उठाया। मैंने सुझाव दिया कि यदि विश्व व्यापार संगठन अनुमति देता है, तो भारत खाद्य भंडार की आपूर्ति के लिए तैयार है।
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भारत के पास पर्याप्त खाद्यान्न हैं
भारत के पास पहले से ही अपने लोगों के लिए पर्याप्त भोजन है। इसके अलावा हमारे किसानों ने दुनिया को खिलाने की भी व्यवस्था की है।पर, हमें दुनिया के कानूनों के अनुसार काम करना है। इसलिए मुझे नहीं पता कि विश्व व्यापार संगठन कब अनुमति देगा ताकि हम दुनिया को भोजन की आपूर्ति कर सकें।
भारत द्वारा अपने करोड़ों लोगों को इतने लंबे समय तक अच्छा अनाज उपलब्ध कराना दुनिया को अचंभित करता है। देवी अन्नपूर्णा गुजरात में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पाटीदार समुदाय के एक उप-संप्रदाय, लेउवा पटेलों की अधिष्ठात्री देवी हैं।
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यह भारत के सार्वभौमिक सिद्धान्त हैं। शायद, इसीलिए यहाँ का कोई भी नागरिक अगर शासक बनेगा तो उसके शासन में यही सार्वभौमिकता मिलेगी क्योंकि भारत ने उसे ऐसे ही संस्कारों से सिंचित किया है। चाहे कोविड़ टीके के वैश्विक वितरण का मामला हो या फिर आतंकवाद से निपटने का। पर्यावरण को संवर्धित करने का प्रश्न हो या फिर शांति की स्थापना करने का सवाल भारत विश्व को उठाने में हमेशा आगे था, है और रहेगा।