भारत के रोम रोम में है राम, भारत की मिट्टी के कण-कण में हैं राम। इसी बात को सिद्ध करने में सैंकड़ों वर्ष लग गए पर होई है सोई जो राम रची राखा, जो राम चाहते है, वहीं होता है। ऐसे में हर चीज़ का एक सही समय होता है और राम मंदिर निर्माण भी अपने उसी तय समय में निर्मित हो रहा है। इसी क्रम में प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामायण यूनिवर्सिटी का निर्माण होने जा रहा है जो कि योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों के लक्ष्यों में से एक है। इसके लिए अयोध्याजी में 21 एकड़ जमीन भी चिन्हित कर ली गई है जिसके बाद उन उदारवादियों और वामपंथियों की जलकर ख़ाक हो गई है जिन्होंने राम जन्मभूमि के साक्ष्य मांगे थे और केस को वर्षों तक लटकाए रखा।
The Yogi Adityanath government of the state is going to establish Ramayana University in Ayodhya. The state government has included it in the 100-day action plan. #YogiAdityanathji #Ramayan #ayodhya #UttarPradesh https://t.co/STdUexqJ0H
— Buziness Bytes (@BuzinessBytes) April 9, 2022
दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने अगले 100 दिनों के भीतर अयोध्या में एक विशाल ‘रामायण विश्वविद्यालय’ स्थापित करने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने उस परियोजना को एक के रूप में चिह्नित किया है जिसे भाजपा सरकार के कार्यकाल के पहले सौ दिनों के भीतर प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाने का उद्देश्य है। इसी के निर्माण और स्थायित्व के लिए रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना के उद्देश्य से ट्रस्ट द्वारा विश्वविद्यालय के लिए 21 एकड़ भूमि निर्धारित की गई है।
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श्रीराम जन्मभूमि को राममय करने की इस मुहिम में इसी तरह, अयोध्या शोध संस्थान रामनवमी के अवसर पर रामायण के वैश्विक विश्वकोश के तहत 10 ग्रंथों का प्रकाशन और विमोचन करेगा। रामायण विश्वविद्यालय सनातन धर्म की शिक्षा देने और उसे मजबूत करने पर केंद्रित अध्ययन करेगा। इसका उद्देश्य श्री राम के बारे में सांस्कृतिक अनुसंधान, आध्यात्मिकता और धार्मिक तथ्यों को फिर से जीवंत करना है। अयोध्या में विश्वविद्यालय श्री राम के मूल्यों और शिक्षाओं का प्रसार करेगा, साथ ही छात्रों को उनके जीवन के बारे में बताएगा जिससे अबतक वो अनभिज्ञ ही रहे हैं।
वामपंथियों की जलकर खाक हो जाएगी
आपको बता दें, कुछ कट्टरपंथी और मार्क्सवादी मनहूसों ने अब तक अयोध्या में राम मंदिर को काल्पनिक बताया था। इससे यह स्पष्ट होता है कि उदारवादियों के लिए, प्राचीन हिंदू इतिहास कुछ और नहीं बल्कि अतिशयोक्तिपूर्ण ‘पौराणिक कथा’ है। उसी के आधार पर मार्क्सवादी दकियानूसी विचारकों के अनुसार, आज तक श्रीराम और अन्य हिंदू देवता वास्तव में कभी अस्तित्व में ही नहीं थे। अब जब स्वयं रामायण यूनिवर्सिटी के बैनर तले श्रीराम के इतिहास के बारे में पढ़ाया जाएगा तो निश्चित रूप से सभी वामपंथी-कट्टरपंथी और मार्क्सवादी मनहूसों की नीदें जो 2019 से हराम हुई पड़ी हैं, उनका नामोनिशान नहीं दिखेगा।
योगी जी का बडा फैसला अयोध्या मे बनने जा रही है रामायण युनिवर्सिटी जिसमे वैदिक धर्म सम्बन्धित शिक्षा दी जाऐगी! धन्यवाद 🙏
सभी को बधाई ⚘ जय आर्य@myogiadityanath— नीत प्रधान (@neet_arya) April 9, 2022
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अयोध्या विकास का नया पता है
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार और केंद्र में मोदी सरकार अयोध्या के पूर्व गौरव को बहाल करने की योजना बना रही है। उत्तर प्रदेश राज्य के 2021-22 के बजट में श्री राम नगरी को इसके विकास और सौंदर्यीकरण के लिए लगभग 658 करोड़ रुपये मिले थे। अयोध्या में 100 करोड़ रुपये के बजट से राज्य सरकार धार्मिक संस्थानों के अलावा राज्य पर्यटन के विकास पर भी जोर दे रही है। सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण ने भी राज्य के खजाने से 300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
राम मंदिर निर्माण जोरों पर चल रहा है, अयोध्या के आसपास के क्षेत्र की स्थानीय अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है। अयोध्या को आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन केंद्र और टिकाऊ स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के बारे में पीएम मोदी का रुख बहुत स्पष्ट है। राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय द्वारा बड़ी परियोजना के लिए अपनी 3900 हेक्टेयर भूमि को सौंपने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद योगी सरकार द्वारा अयोध्या अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की परियोजना को भी तेजी से गति देने का काम किया गया है।
रामायण विश्वविद्यालय का निर्माण अयोध्या के विकास और विस्तार को नए पंख दे रहा है। वो बात अलग है कि रुदाली राग गा रही तमाम विपक्षी पार्टियां अब बस टेसुए बहाने के अतिरिक्त कुछ नहीं कर सकती हैं। शास्वत सत्य यही है कि, अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय मार्क्सवादी इतिहासकारों के लिए एक कड़ा तमाचा है जिसके निशान चेहरे पर चस्पा होकर दिखाई दे रहे हैं।