एक देसी कहावत है कि औकात से ज्यादा नहीं उड़ना चाहिए। यह कहावत आज के परिदृश्य में आम आदमी पार्टी के विवादित नेता अमानतुल्लाह खान पर सटीक बैठता है। आम आदमी पार्टी दिल्ली में सत्ता चला रही है और उनके नेता अमानतुल्लाह खान अपने उन्मादी और सांप्रदायिक छवि के लिए पूरे राज्य में बदनाम है। अब सोचने वाली बात यह है कि इतने विवादों के बाद भी वो हमेशा कानून के शिकंजे से कैसे बच जाते हैं?
इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर कैसे देर आए दुरुस्त आए वाले तर्ज पर अमानतुल्ला खान के विरुद्ध ऐसी कार्रवाई की गयी है जिसके वो पूर्णतः लायक थे। जानेंगे कि कैसे अब उनका दिमाग बिल्कुल ठिकाने पर आ जाएगा।
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दिल्ली पुलिस के गिरफ्त में फंस चुके हैं अमानतुल्लाह
दरअसल, आज हम अमानतुल्लाह खान पर चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि अरविंद केजरीवाल के जिगर के टुकड़े अमानतुल्लाह इस बार दिल्ली पुलिस के गिरफ्त में फंस चुके हैं। दिल्ली पुलिस ने एक बड़े घटनाक्रम में आम आदमी पार्टी (आप) के ओखला विधायक अमानतुल्लाह खान को शाहीन बाग में किए जा रहे अतिक्रमण हटाने के अभियान में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया है। शाहीन बाग पुलिस स्टेशन में खान के खिलाफ शिकायत दर्ज किए जाने के कुछ घंटे बाद यह बात सामने आई है। उन्हें आधिकारिक कर्तव्यों में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद आप नेता को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले को लेकर डीसीपी साउथ ईस्ट के अनुसार, खान और उनके समर्थकों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें दंगा करना और लोक सेवकों को उनके कर्तव्य के निर्वहन में बाधा डालना शामिल है।
इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में किए गए अतिक्रमण विरोधी अभियानों के कारण दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के मदनपुर खादर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। पुलिस के मुताबिक, इलाके के स्थानीय लोगों ने बुलडोजर रोकने की कोशिश की और सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया गया।
विधायक अमानतुल्लाह खान को दिल्ली पुलिस द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद, आप विधायक अमानतुल्लाह की पत्नी शफिया ने ट्विटर पर दावा किया कि उनके पति को जनता की आवाज उठाने के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया गया है। उन्होंने ओखला के लोगों से गिरफ्तारी के विरोध में शुक्रवार को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक अपनी दुकानें बंद रखने का ‘अनुरोध’ भी किया। हालांकि अब इनके मगरमच्छ के आंसू नहीं चलने वाले। पहले गलतियां करो और फिर मामले को धार्मिक बनाकर रोना शुरू कर दो ये इनकी आदत का हिस्सा बन गया है।
यह पहली बार नहीं है जब अमानतुल्लाह विवादों में आए हैं। ज्ञात हो की अमानतुल्ला खान ने शाहीन बाग में CAA को लेकर विरोध प्रदर्शन और उसके बाद हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों से पहले मुस्लिम भीड़ को खुलेआम उकसाया था जिसके बाद दिल्ली पुलिस को उनके खिलाफ आगजनी, दंगा करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सरकार के काम में बाधा डालने के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ी थी।
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केजरीवाल के समर्थन के कारण बचते रहे थे खान
इस मामले के बाद से ही अमानतुल्लाह काफी समय से दिल्ली पुलिस के रडार पर थे लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन के कारण वह अपने कुकर्मों से बचते रहे। वहीं अमानतुल्लाह खान ने कई मौकों पर साबित किया है कि वह देश के नाजुक सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा हैं।
यही नहीं 2020 में, अमानतुल्ला खान अवैध रोहिंग्या प्रवासियों को मुफ्त राशन की आपूर्ति करने के लिए AAP सरकार की पहल का नेतृत्व कर रहे थे। आज ये घुसपैठिए पूरी दिल्ली-एनसीआर में अवैध रूप से जमीन हड़प रहे हैं।
अमानतुल्लाह खान भूल गए थे कि देश में कानून का राज चलता है और उनकी गुंडागर्दी को लेकर दिल्ली पुलिस ने सही सबक सिखाया है। दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी दिल्ली में सभी कुख्यात राजनीतिक तत्वों को एक कड़ा संदेश देगी कि आने वाले दिनों में नगरपालिका अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक कार्य में बाधा न डालें। अमानतुल्लाह खान को यह भी याद रखना होगा कि वो एक जनप्रतिनधि है और उसके बाद भी धार्मिक उन्माद फैलाना संवैधानिक के साथ -साथ क़ानूनी रूप से भी दंडनीय है। अमानतुल्लाह खान खुद को कानून से ऊपर समझने लगे थे और वो उसकी अवहेलना कर कर रहे थे लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें इस बार छट्ठी का दूध याद दिला दिया है और उनके पुराने कर्मकांडों को खोलने की प्रक्रिया भी शुरू कर सकती है।
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