राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के आने के बाद से राज्य की स्थिति बहुत ही भयावह हो गई है। राजस्थान में दंगा ,उन्माद की खबरें दिनचर्या का हिस्सा हो चुकी है। कभी राज्य में हिन्दू मंदिरों को तोड़ने का मामला तो कभी हिन्दुओं की प्रताड़ना की बात हो कांग्रेस की गहलोत सरकार इन सभी मामलों को रोकने में नाकाम रही है। गहलोत सरकार भले हीं अपनी वाहवाही करे पर सच्चाई यही है की गहलोत सरकार कानून व्यवस्था में पूरी तरह से फिसड्डी साबित हो गई है। ताजा मामला भी इसका प्रमाण दे रहा है। दरअसल राजस्थान फिर से साम्प्रदायिकता के आग में जल रहा है। आपको बतादें कि ईद से कुछ घंटे पहले, जोधपुर में सांप्रदायिक तनाव फैल गया, जिसके बाद पथराव से और भी बवाल मच गया। इस मामले को लेकर अधिकारियों ने बताया कि आधी रात को हुई इस घटना में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए।
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सांप्रदायिक तनाव
पुलिस द्वारा यह भी कहा गया कि मंगलवार की सुबह ईद की नमाज के बाद तनाव तब और बढ़ गया जब जोधपुर में जालोरी गेट के पास कुछ लोगों ने पथराव किया। उन्होंने बताया कि कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। दरअसल अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य ईद के झंडे लगा रहे थे और उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा के साथ एक चौराहे पर झंडा लगा दिया। इससे एक टकराव हुआ क्योंकि दूसरे समुदाय ने आरोप लगाया कि परशुराम जयंती से पहले उन्होंने वहां भगवा झंडा लगाया था, जो गायब हो गया था। अधिकारियों ने कहा कि यह मुद्दा पथराव और झड़प में बदल गया। इस घटना पर संज्ञान लेते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार (3 मई, 2022) को जोधपुर में सांप्रदायिक तनाव के बाद सभी से शांति बनाए रखने की अपील की। गहलोत ने कहा कि सभी को यह समझना चाहिए कि “हमें भाईचारा बनाए रखना है”।
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गहलोत की अपील
इसके अलावा सीएम गहलोत ने अपने आवास पर जन्मदिन का कार्यक्रम भी रद्द कर दिया। गौरतलब है कि सीएम गहलोत आज अपना 71वां जन्मदिन मना रहे हैं। सीएम कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर शहर में कानून व्यवस्था को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाने के लिए मुख्यमंत्रियों के कार्यालय (सीएमओ) पहुंचे। गृह विभाग और पुलिस विभाग के अधिकारी भी एमओ पहुंचे जहां सीएम गहलोत जोधपुर में सांप्रदायिक तनाव पर फीडबैक ले रहे हैं। गहलोत ने कहा, “मैं लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करना चाहता हूं। इस प्रकार का तनाव जोधपुर के लोगों के लिए अच्छा नहीं है। सभी को समझना चाहिए कि हमें भाईचारा बनाए रखना है।” उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस को असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं। ज्ञात हो की जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह नगर है।
इस घटना के बाद से लोगों में बहुत गुस्सा है और लोग गहलोत सरकार की नाकामियों को लेकर विरोध कर रहे हैं। राजस्थान की जनता अब गहलोत को बक्शने के मूड में नहीं दिख रही है। पिछले पांच वर्षों में उनकी नाकामियों से राज्य की जनता त्रस्त हो चुकी है और आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता द्वारा कांग्रेस के हार की पठकथा लिखी जा चुकी है।
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