कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में कोहराम मचाया था। दुनिया के शक्तिशाली देश कोरोना महामारी के सामने लाचार हो गए थे। स्वयं को सुपरपावर कहने वाले देश लाशें तक नहीं गिन पा रहे थे। ऐसे कठिन वक्त में भी भारत ने हिम्मत नहीं हारी। भारत ने हर तरह से कोरोना से लड़ाई लड़ी।
कोरोना के विरुद्ध केंद्र की मोदी सरकार डटी रही। पीएम मोदी ने फ्रंट पर आकर इस लड़ाई का नेतृत्व किया। भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में कोरोना के विस्फोट का सबसे बड़ा ख़तरा था, लेकिन पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे पीएम मोदी ने कोरोना पर काबू पाया।
भारत ने लड़ी बड़ी लड़ाई
कोरोना महामारी के दौरान पीएम मोदी ने जो सबसे बड़ा काम किया वो था आम जनता को विश्वास में बनाए रखना। आम जनता में उम्मीद को बनाए रखना। आम जनता को यह बताना कि भारत इस लड़ाई को जीत लेगा। तमाम अभियानों और नीतियों के बाद सरकार ने आखिरकार कोरोना पर काबू पा लिया। इसके बावजूद कोरोना के कारण अबतक करीब 5 लाख 24 हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
इस महामारी में बहुत से लोगों ने अपनों को खो दिया। सभी का अपना-अपना दुख है, लेकिन सबसे बड़ा दुख उन बच्चों का है जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया। कोरोना की महामारी उन बच्चों को अनाथ कर गई। कई तथाकथित लिबरलों ने उस महामारी के दौरान इस पर बहुत शोर मचाया। इस मुद्दे पर ख़ूब सुर्खिंया बटोरी। कई नेताओं ने अनाथ बच्चों के मुद्दे पर जमकर राजनीतिक रोटियां सेंकी।
कई नेताओं ने इन अनाथ बच्चों के सहारे सरकार पर हमला बोलने का अपना एजेंडा पूरा किया। सभी ने इन बच्चों के सहारे अपने-अपने स्वार्थ पूरे कर लिए लेकिन बच्चों की मदद किसी ने नहीं की। अगर इन बच्चों के लिए कोई आया है तो वो पीएम मोदी हैं। पीएम मोदी इन बच्चों के लिए उनके अभिभावक की तरह सामने आए हैं।
छात्रों के खाते में भेजी छात्रवृत्ति
भारत सरकार ने कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों को सशक्त बनाने के लिए ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना की शुरुआत पिछले वर्ष 29 मई को की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इसी योजना के तहत अनाथ बच्चों के बैंक खातों में पीएम केयर्स फंड से छात्रवृत्ति भेजी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने इस दौरान ऐलान किया कि अगर किसी को प्रोफेशनल कोर्स के लिए, हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन चाहिए होगा तो PM-CARES उसमें भी मदद करेगा।
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रोज़मर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था भी की गई है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे बच्चे जब अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी करेंगे तो आगे भविष्य के सपनों के लिए और भी पैसों की जरूरत होगी। इसके लिए 18-23 साल के युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा और जब आप 23 साल के होंगे तब 10 लाख रुपये आपको एक साथ मिलेंगे।
इस योजना के तहत बच्चों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पीएम केयर्स फार चिल्ड्रेन पासबुक और हेल्थ कार्ड भी प्रदान किया जाएगा। इस तरह से सरकार की पूरी कोशिश है कि कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों का भविष्य बर्बाद ना हो और वो पढ़-लिखकर एक बेहतर जीवन जी पाएं।
प्रत्येक नागरिक तक ले गए वैक्सीन
इसके साथ ही पीएम मोदी ने इस दौरान उन सभी बच्चों को उम्मीद भी दी। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपके अभिभावक के तौर पर आपके सामने हूं। पीएम केयर फंड के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस फंड ने कोरोनाकाल के दौरान अस्पताल तैयार करने में, वेंटिलेटर्स खरीदने में, ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने में भी बहुत मदद की। इस वजह से कितने ही लोगों का जीवन बचाया जा सका, कितने ही परिवारों का भविष्य बचाया जा सका।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम खुद पर भरोसा करें तो प्रकाश की किरण अवश्य दिखाई देती है, हमारा देश खुद ही इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। हमने दुनियाभर के देशों को दवाईयां भेजीं, वैक्सीन भेजीं- अपने इतने बड़े देश में भी हर एक नागरिक तक वैक्सीन लेकर गए।
ऐसे में एक बात तो पूरी तरह से साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने जिस तरह से कोरोना महामारी को डील किया वो अपने आप में उदाहरण है, इसके साथ ही जिस तरह से महामारी से पीड़ित होने वालों का ख्याल रखा जा रहा है वो भी उदाहरण है।