कुछ लोग का मानना है कि संसार में केवल वही सही है बाकी सब गलत और टीएमसी सांसद महुआ मोईत्रा भी इसी बीमारी की शिकार हैं। उनके अनेक अजीबोगरीब बयान आपने सड़क से लेकर संसद तक अवश्य सुने होंगे और कभी न कभी आपके मन में ये विचार अवश्य आया ही होगा – क्या हैं ये और क्यों हैं ये? परंतु इस बार महुआ मोइत्रा ने एक ऐसा राग जपना प्रारंभ किया है जिसका न कोई आदि है और दुर्भाग्यवश न कोई अंत। उनका राग है- ब्राह्मणवाद! इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे महुआ मोईत्रा के लिए हर समस्या का जिम्मेदार ‘ब्राह्मणवाद’ है चाहे वो स्वयं ही उस समस्या की जनक क्यों न हो।
हाल ही में कनाडा में रहने वाली भारतीय मूल की फिल्मकार लीना मणिमेकलई के अपमानजनक फिल्म ‘काली’ के पोस्टर पर खूब हंगामा मचा था क्योंकि इसमें मां काली को बेहद भद्दे और अपमानजनक तरीके से दिखाया गया। भारी विरोध प्रदर्शन के कारण केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा और इस शॉर्ट फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई गई। परंतु इन सब पर महुआ मोइत्रा को बड़ी मिर्ची लग गई, वो चल पड़ी भारतीयों को ज्ञान देने। उन्होंने बताया कि कैसे मां काली मांस का भक्षण करती हैं और कैसे उन्हे मांस और मदिरा का प्रसाद चढ़ाया जाता है और कैसे उनके नाम पर पशुओं की बलि चढ़ाई जाती है।
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देखिए जी, बात तो गलत नहीं है और अगर नूपुर शर्मा के पैमानों पर तौलें तो महुआ मोईत्रा अपने क्षेत्र में सही जा रही थी परंतु टेकनीक और टाइमिंग पर मात खा गई। सिर्फ इतने तक सीमित रह जाती तो कोई दिक्कत नहीं थी परंतु महोदया को बनना था बड़ी अम्मा, सो देने लगी ज्ञान और बनाने लगी सनातनियों को विलेन और फिर स्वयं TMC के हाइकमान को भी उनके इस भद्दे बयान से खुद को किनारा करना पड़ा। TMC ने स्पष्ट कह दिया कि महुआ के बयान उनके निजी विचार हैं जिनका पार्टी से कोई लेना देना नहीं। बस फिर क्या था, खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की भांति महुआ ने TMC को सोशल मीडिया पर अनफॉलो किया। उसके बाद से यह चर्चा उठने लगी कि जल्द ही टीएमसी उन्हें पार्टी से भी निकाल सकती है।
परंतु कथा यहीं पर खत्म नहीं हुई। प्रश्न तो अब भी वही है – ब्राह्मणवाद दोषी कैसे? ध्यान देने वाली बात है कि मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में मां काली पर दिए गए महुआ मित्रा के विवादित बयान के चलते धार्मिक भावनाओं को ठेंस पहुंचाने का केस दर्ज किया गया है। महुआ के विरुद्ध कई भाजपा समर्थकों ने पश्चिम बंगाल में भी पुलिस से शिकायत दर्ज कराई है। वहीं, स्वयं TMC ने स्पष्ट किया है कि पार्टी उनके बयान का समर्थन नहीं करती है और पुलिस जो भी कार्रवाई करेगी उसकी जिम्मेदार वो खुद होंगी।
इसी बीच एक ट्वीट महुआ की ओर से आता है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “मैं ऐसे भारत में नहीं रहना चाहती जहां भाजपा की पितृसत्तात्मक ब्राह्मणवादी सोच हावी हो और सभी धर्म के आस-पास घूमते रहें। मैं मरते दम तक अपने बयान पर कायम रहूंगी। तुम अपनी एफआईआर दर्ज कर लो, कोर्ट में मिलूंगी।”
I do not want to live in an India where BJP’s monolithic patriarchal brahminical view of Hinduism will prevail & rest of us will tiptoe around religion.
I will defend this till I die. File your FIRs – will see you in every court in the land. https://t.co/nbgyzSTtLf— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) July 6, 2022
आपको बताते चलें कि महुआ स्वयं वरेन्द्र ब्राह्मण जात से संबंधित हैं। उनकी पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी स्वयं कुलीन ब्राह्मण हैं यानी उच्चतम ब्राह्मण घर से आती हैं और ये निशाना साध रही हैं उस पार्टी पर जिसकी राष्ट्रपति उम्मीदवार एक आदिवासी महिला हैं, जिसके प्रधानमंत्री मोढ़ घांची बनिया यानी ओबीसी वर्ग से संबंधित हैं, जिसके गृह मंत्री वैश्य हैं और जिसके अल्पसंख्यक मंत्री हिन्दू होने के साथ पारसी परिवार से भी संबंध रखती हैं। जी हां, हम स्मृति ईरानी की बात कर रहे हैं तो महुआ मोइत्रा जी कृपया हमें ये बताए कि यह किस एंगल से Brahmanical Patriarchy हुई ? ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि महुआ के लिए हर चीज़ का दोषी ब्राह्मणवाद है चाहे वो उनकी निजी बीमारी ही क्यों न हो! ऐसे में यदि कल को TMC से निष्कासन के बाद वो ब्राह्मणवाद को दोषी ठहरा दें तो चकित मत होइएगा क्योंकि बोलने पर टैक्स थोड़े ही लगता है।
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