उफ़ ये दुख ये दर्द, ये कष्ट, ये पीड़ा, ये खत्म ही नहीं हो रहा। जितने भी उच्च पद पर पहुंच जाओ, जितनी भी सफलता प्राप्त कर लो, कुछ न कुछ सताने आ ही जाता है। अब आमिर मामू को ही देख लो। महोदय को दुख इस बात का है कि कुछ लोगों #BoycottLaalSinghChaddha ट्रेंड कर रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रतीत होता है कि वे देश से प्रेम नहीं करते।
इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे आमिर खान बहुत “बड़े देशभक्त” हैं और कैसे समय-समय पर उन्होंने अपनी अनुपम देशभक्ति का परिचय दिया है।
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आमिर खान और देशभक्ति? गहरा संबंध है भई
आमिर खान और देशभक्ति? आप जानते क्या हैं उनके बारे में, बड़े कट्टर देशभक्त हैं ये बंधु, इतना कि राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी तक इनके समक्ष पानी कम चाय हो जाएं, जवाहरलाल नेहरू पानी मांगने लगें और युगपुरुष अरविन्द केजरीवाल तो इनका शिष्य बनने को तैयार हो जाएं।
आमिर बंधु भी कहते हैं कि उन्हें गलत समझा जाता है। बिल्कुल गलत समझा जाता है, हैं वो देशभक्त हैं, हमारे पास तो स्पष्ट प्रमाण भी है। आपको ऐसे पांच अवसर बता सकता हैं जब आमिर खान ने सिद्ध किया है कि वो कितने बड़े देशभक्त हैं।
सर्वप्रथम तो चलते हैं इनके उस प्रकरण पर जहां से पूरी कथा प्रारंभ हुई थी, नर्मदा बचाओ आंदोलन। तब हिन्दुत्व का प्रदूषण नहीं था, गंगा जमुनी तहज़ीब का शुद्ध वातावरण चहुंओर था परंतु इसी में कोढ़ में खाज की भांति नरेंद्र मोदी की सरकार गुजरात में विद्यमान थी जो सरदार सरोवर के माध्यम से लोगों की प्यास बुझाने चले थे। बताओ, प्यासे लोगों को पानी पिलाने का पाप करना इस देश में जघन्य अपराध है कि नहीं और जो काम बड़े-बड़े नेता नहीं कर पाए वो एक तुच्छ मुख्यमंत्री कैसे कर सकता है। ऐसे पापी व्यक्ति को सबक सिखाने और लोगों को प्यासे रखने के लिए कूद पड़े नर्मदा बचाओ आंदोलन में आमिर खान, ठीक उसी समय, जब उनकी ‘फ़ना’ सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने को तैयार थी। बताओ, कितने देशभक्त है अपने भाईजान, लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखना हुई न ‘देशभक्ति’?
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‘नरेंद्र मोदी का विनाश’
पर ठहरिए, आमिर भाईजान उतने पर नहीं रुके। उन्होंने शपथ ले ली कि दुष्ट नरेंद्र मोदी का विनाश करके ही वे रुकेंगे। विश्वास नहीं होता तो शेखर गुप्ता से पूछ लीजिए। इनके विश्व प्रसिद्ध ‘वाक द टॉक’ पे महोदय बोले थे, “एकचुअली, यू नो, वहां पर मोदी की वजह से बेकसूर भारतीय मारे जा रहे थे। इससे कोई मतलब नहीं कि वो हिन्दू थे, मुसलमान थे, पारसी, ईसाई या कोई भी, बस इंसान मर रहे थे। वो एक नेता हैं और एक नेता के तौर पर वे जिम्मेदार हैं और वे कई हिंदुस्तानियों की मृत्यु और उनकी पीड़ा के दोषी हैं। ऐसे लोग हिन्दुस्तानी हो ही नहीं सकते” –
When Bollywood had some spine.
Aamir Khan on Modi (2005) @AnupamPKher @DilliDurAst @sardesairajdeep @akshaykumar @ameytirodkar @SaketGokhale @Javedakhtarjadu @iamsrk @aamir_khan pic.twitter.com/k5TKPEucHU— Shivaji Auti (@AutiShivaji) June 5, 2020
अरे, अभी तो आपने इनकी देशभक्ति का प्रमाण देखा ही कहां है? जैसे ही सत्ता परिवर्तन हुआ, भारत में ‘असहिष्णुता’ का वातावरण उत्पन्न होने लगा और देशभक्त आमिर कैसे इस अवसर को हाथ से जाने दे सकते थे।
तो भाईसाब ने सुना दी अपने घर की दुखभरी दास्तान और बताया कि कैसे उनकी पत्नी अब इस देश में काफी असुरक्षित महसूस करती हैं और कैसे उसने घर छोड़ने की बात कर दी। अब ये और बात थी कि जनता ने इसे दूसरे ही सेंस में ले लिया और स्नैपडील का बहिष्कार दिया।
ऐसे थोड़े ही कुछ होता है। भाईसाब इतने बड़े देशभक्त हैं कि जब विदेश जाते हैं तो वे शाहिद आफ़रीदी, तारिक जमील और तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एरदोगन के परिवार से भी मिल लेते हैं, जिन्होंने सदैव भारत का हित ही तो चाहा है। आमिर खान इतने बड़े देशभक्त हैं कि उन्होंने उन पोर्टल्स को डोनेट किया है जो सदैव भारत के हित में बात करते हैं, जैसे ऑल्ट न्यूज, कारवां, द प्रिन्ट और न जाने क्या क्या।
Just a reminder, An anti India, anti national so called actor #AamirKhan who made fun of hinduism, who find India Unsafe but visits Turkey and meet Turkey's first lady
Want you to watch his upcoming movie#LaalSinghChaddha
#BoycottLaalSinghChaddha pic.twitter.com/dzURklviQw— Kartik Shrivastava (@iamkartikvikram) August 3, 2022
https://twitter.com/binidjar/status/1554139569062174720
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सच पूछें तो प्रत्यक्ष को प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं होती, परंतु आमिर खान का दुर्भाग्य है कि उन्हें सदैव अपनी देशभक्ति का प्रमाण देना पड़ता है। क्या करें, सच्चे देशभक्तों का ऐसा ही हाल होता है।
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