देवियों और सज्जनों, स्वागत है आप सबका बॉलीवुड के रंगमंच पर, इन्होंने इस वर्ष हमारा भिन्न-भिन्न प्रकार से मनोरंजन किया है, क्योंकि उच्चतम स्क्रिप्ट और दमदार अभिनय क्या होता है इनसे इनका क्या वास्ता, इन्हें तो बस वर्सोवा और बांद्रा के नन्हें-मुन्हों का मनोरंजन करना है, बाकी देश जाए भाड़ में। अब तक आपने 20 करोड़, 50 करोड़, यहां तक कि 100 करोड़ तक के फ्लॉप देखे होंगे परंतु करण जौहर ने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए कहा– वेट अ मिनट, लेट मी शो यू द रियल थिंग।
देश की सर्वप्रथम 300 करोड़ी फ्लॉप– जिसका नाम है ब्रह्मास्त्र और जिसे निर्देशित किया है अयान मुखर्जी ने, इस फिल्म पर कृपा बरसायी है रणबीर कपूर और आलिया भट्ट ने।
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आलिया भट्ट ने फिल्म को लेकर मुंह खोला है
हाल ही में ब्रह्मास्त्र के कथित बॉक्स ऑफिस सक्सेस पर आलिया भट्ट खीन्सें निपोरते हुए बोल रही हैं, रिव्यूज अच्छी हैं तभी तो फिल्म चलेगी न, वरना बॉक्स ऑफिस पर फिल्म आग न लगाती। इतना ही नहीं, फिल्म के मीडिया विभाग ने प्रथम हफ्ते का वैश्विक कलेक्शन 300 करोड़ पार बता दिया।
भई एक बात तो माननी पड़ेगी, आग लगायी है इस फिल्म ने, परंतु वंशवादी खेमे में मचे त्राहिमाम को अगर आप बॉक्स ऑफिस की आग समझ रहे हैं, तो सोचिए सोचिए, सोचने पर टैक्स थोड़े ही लगता है। वैसे भी, अगर किसी के मुख से वंदे मातरम सुनकर गर्व की अनुभूति होने के बजाए हंसी आने लगे तो उसे कुछ भी कहिए, अभिनय तो हम नहीं ही कहेंगे आलिया महोदया, और वही किया था आपने रौद्रम रणम रुधिरम में। भला हो कि आप पर फिल्म का 99 प्रतिशत फोकस नहीं था, नहीं तो फिल्म ऑस्कर के लिए छोड़िए, बाटलीवाला अवॉर्ड के योग्य भी नहीं समझी जाती।
और बॉक्स ऑफिस के आग की बात कर ही रही हैं, तो इन पर भी कृपादृष्टि डालते हैं। आपके प्रिय करण जौहर ने सब कुछ कब्जिया लिया, सिस्टम, मीडिया, यहां तक कि थोड़ी सी पब्लिक भी। परंतु परिणाम? प्रथम हफ्ते में घरेलू कलेक्शन 170 करोड़ और वैश्विक कलेक्शन मात्र 280 करोड़। ये मैं नहीं कह रहा हूं, ये बॉलीवुड हंगामा के फिगर्स कह रहे हैं, तो मैडम जी 20 करोड़ कहां से आए? ड्रैगन लोक से? या जुनून की दुनिया से।
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आलिया भट्ट पहले भी ऐसा कर चुकी हैं
आलिया भट्ट इस खेल में कोई नयी नहीं हैं। इसी वर्ष इनकी एक फिल्म और प्रदर्शित हुई – गंगूबाई काठियावाड़ी। क्रिटिक्स तो सब मानो इनकी एक झलक की प्रतीक्षा कर रहे थे कि कब आएं और कब ये अपने स्टार लुटाएं और भाई इनके प्रशंसा के पुल बांधने में कोई कमी नहीं थी। परंतु परिणाम क्या निकला? इतनी नौटंकी के बाद भी फिल्म फ्लॉप सिद्ध हुई, क्योंकि 160 करोड़ के बजट पर बनी ये फिल्म पूरे भारत से मात्र 120 करोड़ जुटा पायी। बाकी के 82 करोड़ विदेश से आए। ऐसे में मीडिया और बुद्धिजीवी निरे मूर्ख हो सकते हैं, जनता नहीं!
किस आग की बात कर रही हैं आलिया भट्ट? इनकी फिल्म में ऐसा क्या था जिसके लिए देशवासियों को कृतज्ञ होना चाहिए? दस बीस बार तो ये चिलाएंगी ‘शिवा’, इनके प्रेमी का धर्म कर्म से उतना ही नाता है जितका हॉलीवुड का भारतीय कलाकारों से, और अभी हमने इस फिल्म का भारतीय संस्कृति से संबंध पर चर्चा भी आरंभ नहीं किया है, और इस बंधुवर को विशेष साधुवाद, जिन्होंने ब्रह्मास्त्र का सबसे संक्षिप्त और सबसे अच्छा रिव्यू दिया है।
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