दुनिया के टॉप अमिरों में शामिल एलन मस्क ने अपना भारत का दौरा टाल दिया है। उनका 21 और 22 अप्रैल को भारत आने का कार्यक्रम था। लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत व्यस्तताओं का हवाला देकर इसे टाल दिया। माना जा रहा है कि अब वह इस साल के आखिर तक भारत आ सकते हैं।
उनकी कंपनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला लंबे समय से भारत में एंट्री मारने की तैयारी में है लेकिन बात बन नहीं पा रही है। इस बीच मस्क का भारत दौरा टलने के साथ ही टेस्ला ने चीन में अपनी कारों की कीमत सस्ती कर दी। कंपनी ने वहां अपनी कारों की कीमत में करीब 2,000 डॉलर की कटौती की है।
अब सवाल उठता है कि हमेशा जल्दबाजी में रहने वाले मस्क भारत आने में इतनी देरी क्यों कर रहे हैं? मस्क ने भारत में कारों के इम्पोर्ट पर लगने वाले टैक्स में कटौती की मांग की थी। वह अपनी कारों को भारत में बेचकर स्थानीय बाजार की थाह लेना चाहते थे जबकि सरकार चाहती थी कि कंपनी भारत में ही कारों का निर्माण करे।
सरकार ने पिछले महीने अपनी नई ईवी पॉलिसी की घोषणा की है जो टेस्ला के अनुकूल है। इसके बाद टेस्ला के भारत में एंट्री का रास्ता साफ हो गया है। माना जा रहा था कि मस्क की भारत यात्रा के दौरान इस बारे में बड़ी घोषणा हो सकती है। लेकिन मस्क ने फिलहाल अपनी भारत यात्रा टाल दी है।
एलन मस्क ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट X पर एक पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए लिखा ‘दुर्भाग्य से, टेस्ला में ज्यादा काम होने के कारण भारत की यात्रा में देरी हुई, लेकिन मैं इस साल के आखिर में यात्रा के लिए बहुत उत्सुक हूं। मामले से जुड़े लोगों के अनुसार मस्क को टेस्ला की पहली तिमाही के परफॉर्मेंस से जुड़े सवालों के जवाब देने के लिए 23 अप्रैल को अमेरिका में एक कॉन्फ्रेंस कॉल में हिस्सा लेना है।
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एलन मस्क के अपना भारत दौरा टालने के पीछे एक वजह चीन भी हो सकता है। कोरोना काल के बाद विदेशी कंपनियां चाइना प्लस वन की पॉलिसी पर काम कर रही हैं। ऐपल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। यही वजह है चीन को टेस्ला की भारत में एंट्री रास नहीं आ रही है। उसके सरकारी अखबार का कहना है कि भारत में टेस्ला का यह प्लान काम नहीं करेगा।
इसकी वजह यह है कि भारतीय बाजार परिपक्व नहीं है और टेस्ला के लिए तैयार नहीं है। भारत में ईवी का बाजार अभी शुरुआती दौर में है और देश में पब्लिक चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। चीन की इकॉनमी जहां कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है, वहीं भारत की इकॉनमी रॉकेट की स्पीड से बढ़ रही है। यही वजह है कि दुनियाभर की कंपनियां भारत आ रही हैं। यह बात चीन को पच नहीं रही है।
चीनी कंपनियों से खतरा
हालांकि मोदी सरकार की नई ईवी पॉलिसी के कारण चीन की कंपनियों की भारत में बाढ़ आने की आशंका है। इससे टेस्ला को खतरा पैदा हो सकता है। हालांकि मोदी सरकार चीन से आने वाले निवेश को हतोत्साहित कर रही है।
चीन की ईवी कंपनियों ने पहले भी भारत में निवेश का प्रस्ताव रखा था लेकिन सरकार ने उन्हें खारिज कर दिया। चीन की दिग्गज ईवी कंपनी बीवाईडी ने भारत में एक अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई था लेकिन सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी। बीवाईडी चीन और दूसरे बाजारों में टेस्ला को कड़ी टक्कर दे रही है। उसकी कारें टेस्ला के मुकाबले काफी सस्ती हैं।
भारत में 2-3 बिलियन डॉलर का निवेश करेंगे मस्क
वहीं, CNBC-TV18 के अनुसार एलन मस्क भारत में 2-3 बिलियन डॉलर का निवेश करने के प्लान की घोषणा करेंगे। टेस्ला न केवल भारत के लिए कारों की मैन्युफैक्चरिंग करना चाहती है, बल्कि यहां से उन्हें ग्लोबल मार्केट में एक्सपोर्ट भी करना चाहती है।
इसके अलावा मस्क भारत में जल्द ही सैटेलाइट बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विसेज भी शुरू कर सकते हैं। CNBC-TV18 ने बताया कि स्टारलिंक के लिए रेगुलेटरी अप्रूवल्स फाइनल स्टेज में है और कंपनी को जल्द ही लाइसेंस मिलने की उम्मीद है।
मस्क बोले- भारत में भी दूसरे देश की तरह EV होनी चाहिए
मस्क ने इस हफ्ते X पर कहा था कि भारत में इलेक्ट्रिक कारें होनी चाहिए, जैसे कि हर दूसरे देश में हैं। भारत में टेस्ला इलेक्ट्रिक व्हीकल उपलब्ध कराना जरूरी हो गया है। मस्क ऐसे समय भारत आ रहे हैं, जब यहां चुनाव होने हैं। वहीं इस समय अमेरिकी और चीनी बाजारों में EV डिमांड धीमी हुई है। चीनी व्हीकल्स से भी टेस्ला को कॉम्पिटिशन मिल रहा है।