महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को बार-बार इसीलिए भी निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि वो विजय का प्रतीक हैं। जिस तरह सिख गुरु संघर्ष और बलिदान के प्रतीक हैं, रणजीत सिंह एक योद्धा व विजयी शासक के रूप में याद किए जाते रहे हैं।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    असम की बेदखली के बाद सख्त हुए पड़ोसी राज्य, अवैध प्रवासियों पर कसा शिकंजा

    असम की बेदखली के बाद सख्त हुए पड़ोसी राज्य, अवैध प्रवासियों पर कसा शिकंजा

    मौलाना मदनी का दिल्ली में विपक्षी सांसदों के लिए रात्रिभोज: मुस्लिम मोर्चे की तैयारी?

    मौलाना मदनी का दिल्ली में विपक्षी सांसदों के लिए रात्रिभोज: मुस्लिम मोर्चे की तैयारी?

    बिहार में फर्जी वोटर्स का खुलासा- 7 लाख फर्जी वोटर, 20 लाख मृत मतदाता लिस्ट में शामिल

    बिहार में फर्जी वोटर्स का खुलासा- 7 लाख फर्जी वोटर, 20 लाख मृत मतदाता लिस्ट में शामिल

    उप-राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए चुनाव प्रक्रिया की तैयारियां शुरू कर दी हैं

    अगला उप-राष्ट्रपति BJP से होगा, प्रधानमंत्री मोदी की वापसी के बाद होगा अंतिम फैसला

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    सितंबर तक IAF से रिटरायर हो जाएंगे मिग-21 लड़ाकू विमान, जानें कौन लेगा इनकी जगह

    सितंबर तक IAF से रिटायर हो जाएंगे मिग-21 फाइटर जेट, जानें कौन लेगा इनकी जगह?

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

    अंतत: उड़ने को तैयार हुआ ब्रिटिश फाइटर जेट F-35, जानें कब जाएगा वापस

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    वैश्विक आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान आंतरिक संघर्षों से भी जूझ रहा है

    पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान फिर फिसड्डी, उत्तर कोरिया और सूडान जैसे देशों से भी नीचे रही रैंकिंग

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    ‘ऑनर किलिंग’ का वो मामला, जिसने पूरे पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है

    ‘ऑनर किलिंग’ का वो मामला, जिसने पूरे पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है

    चिकन खाने के ‘हमले’ पर भारत का जवाब: KFC के बाहर गूंजा ‘हरे कृष्णा’

    चिकन खाने के ‘हमले’ पर भारत का जवाब: KFC के बाहर गूंजा ‘हरे कृष्णा’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    कैंपस हॉस्टल से कामिकेज ड्रोन: भारतीय सेना को युद्ध के लिए तैयार ड्रोन इस तरह पहुंचा रहे बिट्स के दो छात्र

    20 वर्षीय छात्रों ने हॉस्टल में बनाया 300 km/h की रफ्तार वाला कामिकेज़ ड्रोन, अब सेना करेगी इस्तेमाल

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    असम की बेदखली के बाद सख्त हुए पड़ोसी राज्य, अवैध प्रवासियों पर कसा शिकंजा

    असम की बेदखली के बाद सख्त हुए पड़ोसी राज्य, अवैध प्रवासियों पर कसा शिकंजा

    मौलाना मदनी का दिल्ली में विपक्षी सांसदों के लिए रात्रिभोज: मुस्लिम मोर्चे की तैयारी?

    मौलाना मदनी का दिल्ली में विपक्षी सांसदों के लिए रात्रिभोज: मुस्लिम मोर्चे की तैयारी?

    बिहार में फर्जी वोटर्स का खुलासा- 7 लाख फर्जी वोटर, 20 लाख मृत मतदाता लिस्ट में शामिल

    बिहार में फर्जी वोटर्स का खुलासा- 7 लाख फर्जी वोटर, 20 लाख मृत मतदाता लिस्ट में शामिल

    उप-राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तुरंत सक्रियता दिखाते हुए चुनाव प्रक्रिया की तैयारियां शुरू कर दी हैं

    अगला उप-राष्ट्रपति BJP से होगा, प्रधानमंत्री मोदी की वापसी के बाद होगा अंतिम फैसला

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता: ‘फ्री ट्रेड’ डील डन, जानिए किन सेक्टरों को होगा सीधा फायदा?

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को कैबिनेट की मंजूरी, पीएम की यात्रा के दौरान होगा हस्ताक्षर

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    बिजनेस का पलायन: 2011 से अब तक पश्चिम बंगाल छोड़ गईं 6,688 कंपनियां, जानिए क्या है वजह?

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    अमेरिकी सीनेटर ने भारत की अर्थव्यवस्था तबाह करने की दी धमकी, जानें क्या है मामला

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    सितंबर तक IAF से रिटरायर हो जाएंगे मिग-21 लड़ाकू विमान, जानें कौन लेगा इनकी जगह

    सितंबर तक IAF से रिटायर हो जाएंगे मिग-21 फाइटर जेट, जानें कौन लेगा इनकी जगह?

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    भारतीय सेना को अमेरिका से मिला पहला अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, हिंडन एयरबेस पर हुआ स्वागत

    तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

    अंतत: उड़ने को तैयार हुआ ब्रिटिश फाइटर जेट F-35, जानें कब जाएगा वापस

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    वैश्विक आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान आंतरिक संघर्षों से भी जूझ रहा है

    पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान फिर फिसड्डी, उत्तर कोरिया और सूडान जैसे देशों से भी नीचे रही रैंकिंग

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    ‘ऑनर किलिंग’ का वो मामला, जिसने पूरे पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है

    ‘ऑनर किलिंग’ का वो मामला, जिसने पूरे पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है

    चिकन खाने के ‘हमले’ पर भारत का जवाब: KFC के बाहर गूंजा ‘हरे कृष्णा’

    चिकन खाने के ‘हमले’ पर भारत का जवाब: KFC के बाहर गूंजा ‘हरे कृष्णा’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद बीएसएफ की ड्रोन निगरानी और युद्ध क्षमताओं को किया जाएगा बेहतर

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

    कैंपस हॉस्टल से कामिकेज ड्रोन: भारतीय सेना को युद्ध के लिए तैयार ड्रोन इस तरह पहुंचा रहे बिट्स के दो छात्र

    20 वर्षीय छात्रों ने हॉस्टल में बनाया 300 km/h की रफ्तार वाला कामिकेज़ ड्रोन, अब सेना करेगी इस्तेमाल

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का अगला चरण तय, अगस्त में होगी बैठक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

विजय के प्रतीक महाराजा उनके लिए ‘काफिर का बुत’, इसीलिए बार-बार अपमान? उन्हें अब तक खटकती है रणजीत सिंह की अफगान विजय

कनाडा में फिलिस्तीनियों ने की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़

Anupam K Singh द्वारा Anupam K Singh
28 September 2024
in इतिहास, ज्ञान, विश्व
महाराजा रणजीत सिंह, सिख सम्राट

महाराजा रणजीत सिंह से किस बात की जलन? क्या बार-बार उनकी मूर्ति को बनाते हैं निशाना, समझिए

Share on FacebookShare on X

कनाडा में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की गई है। कनाडा में 8 लाख के करीब सिख जनसंख्या है, ऐसे में इस तरह की हरकत से उनकी भावनाओं को ठेस पहुँची है। फिलिस्तीन के समर्थकों ने इस करतूत को अंजाम दिया है। ब्रैंपटन के एक चौराहे पर इस प्रतिमा को स्थापित किया गया था। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। स्थानीय सिख समुदाय में आक्रोश का माहौल है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग फिलिस्तीनी झंडा लेकर घोड़े पर सवार सिख सम्राट की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं, अपमान कर रहे हैं।

बार-बार महाराजा रणजीत सिंह का अपमान

महाराणा रणजीत सिंह ने न सिर्फ अंग्रेजों के साम्राज्यवादी विस्तार को रोका था, बल्कि अफगानों के भी नाक में दम किया था। वैसे ये पहली बार नहीं है जब उनकी प्रतिमा का इस तरह से अपमान किया गया हो। इससे पहले पाकिस्तान में ऐसा किया जा चुका है। लाहौर में उनकी समाधि है। उसके पास उनकी एक प्रतिमा लगाई गई थी, जिसे दो-दो बार तोड़ डाला गया। इसमें पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी संगठन ‘तहरीक-ए-लब्बैक’ का नाम सामने आया था। बाद में करतारपुर साहिब में भारत और UK के सिखों के मिले-जुले प्रयासों के बाद एक नई प्रतिमा स्थापित की गई।

संबंधितपोस्ट

‘सबसे वैज्ञानिक, सबसे बेहतर और सबसे कट्टर’: धर्म को लेकर 8 सवालों के ChatGPT, DeepSeek, Grok, और Meta AI ने क्या जवाब दिए ?

कनाडा-आईएसआई-चीन नार्को-आतंकवादी गठजोड़ का खुलासा, खुफिया सूत्रों का वैश्विक खतरे की ओर इशारा

पंजाब में AAP का खतरनाक बेअदबी विधेयक: अल्पसंख्यकों के खिलाफ बन सकता है हथियार

और लोड करें

कनाडा में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ती के साथ बेअदबी हो रही है लेकिन खलिस्तानी फट्टू इसपर कुछ न बोलेंगे क्योंकि बेअदबी करने वाले इनके जिहादी जीजे हैं।

इसी तरह तो ये चुप रहते हैं जब इनका बाप पाकिस्तान भी सिक्ख पंथ या सिक्खों पर जुल्म करता है।

🔺@SanataniShakti pic.twitter.com/X8GzFGPEsK

— Sanatani Shakti (@SanataniShaktii) September 28, 2024

महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति को बार-बार इसीलिए भी निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि वो विजय का प्रतीक हैं। जिस तरह सिख गुरु संघर्ष और बलिदान के प्रतीक हैं, रणजीत सिंह एक योद्धा व विजयी शासक के रूप में याद किए जाते रहे हैं। उनकी राजधानी लाहौर में थी, जो आज इस्लामी मुल्क पाकिस्तान का हिस्सा है। जो सोच बार-बार उनकी मूर्ति को तबाह करती है, ये वही सोच है जिसके कारण गुरुओं को बलिदान देना पड़ा था। जो सोच रणजीत सिंह की मूर्ति को देखना नहीं चाहती है, ये वही सोच है जो हर मूर्ति को ‘बुत’ कहती है और ‘बुतपरस्ती’ को हराम मानती है।

आखिर रणजीत सिंह से इतनी जलन क्यों? इसके लिए हमें सबसे पहले समझना पड़ेगा कि वो थे और उन्होंने क्या-क्या किया था। सन् 1780 में जन्मे रणजीत सिंह के पिता सरदार महासिंह एक छोटे से राज्य के मुखिया थे। बाल्यकाल से ही उन्होंने अपने पिता को युद्ध लड़ते हुए ही देखा, साथ में लड़ा भी। 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने पिता को खोने के बाद सत्ता तो सँभाली, लेकिन ये वो दौर था जब अफगान शासक जमान शाह पंजाब पर लगातार हमला करता रहता था। रणजीत सिंह ने उसके तोपों को अपने नियंत्रण में लिया, और इसे वापस करने के बदले लाहौर लिया।

युद्ध और कूटनीति के जरिए ले आए कोहिनूर

उन्होंने सिखों के सबसे पवित्र स्थल अमृतसर को भी अपने शासन में लिया। अफगानों को हार के बाद अपने कुछ प्रान्त रणजीत सिंह को सौंपने पड़े, ये बात आज तक कुछ लोगों को पचती नहीं है। यही कारण है कि वो रणजीत सिंह से नफरत करते हैं। ऊपर से उन्हें तलवार लेकर घोड़े पर युद्धरत बैठे हुए देख कर उनके सीने में आग लग जाती है। एक विजेता से हारे हुए लोगों का डर है ये, जो भारत देश से नफरत रखते हैं। उन्हें जमरूद का युद्ध याद आ जाता है। वो युद्ध, जिसमें उन्होंने पेशावर घाटी के अलावा कई पश्तून इलाक़ों को भी अपने साम्राज्य में मिलाया था।

आज जो काबुल अफगानिस्तान की राजधानी बनी हुई है, वहीं रणजीत सिंह का विजय मार्च निकला था। जब तक वो रहे, अंग्रेजों की हिम्मत नहीं हुई उनके साम्राज्य में गड़बड़ी करने की। उनके निधन के बाद ही अंग्रेज लाहौर पर नियंत्रण में कामयाब हो पाए। रणजीत सिंह कोहिनूर धारण करते थे, वो नायाब हीरा जो कभी नादिर शाह दिल्ली से लूट कर ले गया था। इसे अफगानिस्तान से वापस लाने के लिए भी रणजीत सिंह ने युद्ध से कूटनीति तक आजमाया। कहानी कुछ यूँ है कि शाह शुजाउल मुल्क अफगानिस्तान का अमीर था। उसके भाई शाह महमूद ने उसे अपदस्थ कर कश्मीर में कैद कर दिया। शाह शुजा की बीवी वफ़ा बेगम ने लाहौर में शरण ली। रणजीत सिंह ने उसके कैद शौहर को छुड़ाया और बदले में उनसे कोहिनूर लिया। इतना ही नहीं, महाराजा रणजीत सिंह सोमनाथ मंदिर के शिवलिंग का वो हिस्सा भी वापस अपने देश में लाना चाहते थे, जिसे महमूद गजनी अपने साथ ले गया था। अपने अंतिम क्षणों में महाराजा चाहते थे कि कोहिनूर हीरा को जगन्नाथपुरी मंदिर को दान में दे दिया जाए।

कुछ इस तरह मुल्तान में चलाया विजय अभियान

कसूर के नवाब कुतुबुद्दीन शाह और झांग के अहमद शाह सियाल को भी महाराजा रणजीत सिंह ने हराया था। इन दोनों ने बाद में मुल्तान में मुजफ्फर शाह के राज्य में शरण ली। सन् 1810 में रणजीत सिंह ने सन्देश भेजा कि मुल्तान उन्हें सौंपा जाए, मना करने पर मुजफ्फर खान को हमले का सामना करना पड़ा और इस महाराजा खुद सेना के साथ मुल्तान पहुँच गए। मुजफ्फर खान को खुद को किले में कैद करना पड़ा। किले को न भेद पाने के कारण लाहौर दरबार की सेना को वापस लौटना पड़ा। लेकिन, महाराजा रणजीत सिंह एक बार जो ठान लेते थे वो कर के ही दम लेते थे।

सन् 1818 में दरबार की सेना फिर मुल्तान लौटी। मुजफ्फरगढ़ और खानगढ़ के बाद उन्होंने मुल्तान को अपने कब्जे में लिया तो नवाब ने फिर खुद को किले में कैद कर लिया। हालाँकि, अकालियों ने किसी तरह किले के एक दरवाजे पर कब्ज़ा करने में सफलता पाई। नवाब अपने 8 बेटों और फ़ौज के साथ लड़ने के लिए किया। नवाब मारा गया, साथ में उसके 5 बेटे भी गए। एक बुरी तरह घायल हुआ, बाकी 2 ने आत्मसमर्पण कर के अपनी जान बचाई। महाराजा ने अपनी सेना को आदेश दिया था कि मुल्तान में तबाही न मचाई जाए और लूटपाट न की जाए।

सिखों को भड़काते हैं, उनके महाराजा का अपमान करते हैं

तो ऐसे थे महाराजा रणजीत सिंह। जिस लाहौर में उनकी राजधानी थी और जिस मुल्तान में उन्होंने विजय पताका फहराई, उन शहरों का इस्लामीकरण हो गया और रणजीत सिंह के इतिहास को मिटाने की कोशिश की गई। लेकिन, रण के लिए ललकारते हुए उनकी मूर्ति को देख कर उनलोगों को आज भी परेशानी होती है, जो इस हार को अपनी हार मानते हैं। उनकी नज़र में महाराजा की मूर्ति की स्थापना ‘बुतपरस्ती’ है और खुद महाराजा ‘काफिर’। अब भले किसी ‘काफिर’ को वो कैसे देख सकते हैं।

आज के समय में ये घटना और भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि भारत को खंडित करने के लिए सिखों को भड़काया जाता है। ‘किसान आंदोलन’ के दौरान भी इस्लामी ताकतों ने सिखों के दिमाग में ये बैठाना चाहा कि हिन्दू उनके दुश्मन हैं। बांग्लादेश के इस्लामी संगठन अंसारुल बांग्ला टीम का मौलाना जसीमुद्दीन रहमानी एक दशक से भी अधिक समय बाद जेल से निकलते ही सिखों को भड़काते हुए कहता है कि पंजाब को शेष भारत से काट कर अलग खालिस्तान बनाने का समय आ गया है। एक तरफ इस तरह की सोच वाले सिखों को कहते हैं कि वो उनके साथ हैं, दूसरी तरफ एक सिख महाराजा का बार-बार अपमान करते हैं। जबकि असली बात तो ये है कि उनके लिए हिन्दू और सिख, सारे सनातनी ‘काफिर’ और ‘बुतपरस्त’ ही हैं।

स्रोत: Maharaja Ranjit Singh, महाराजा रणजीत सिंह, Statue Vandalised, मूर्ति को तोड़ा, कनाडा, Canada, Lahore, लाहौर, Multan Victory, मुल्तान विजय, सिख, Sikh
Tags: CanadaMaharaja Ranjit SinghPunjabRanjit SinghSikhकनाडापंजाबशेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंहसिख
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

जिसकी होती थी पेरिस से तुलना, वो कैसे बन गया Ghost City? ‘आरक्षण’ के चक्कर में तबाह हो गया लेबनान

अगली पोस्ट

मजबूती से रखी हिमाचल की बात… कॉन्ग्रेस आलाकमान के सामने नहीं झुके विक्रमादित्य, अब क्या करेगी पार्टी?

संबंधित पोस्ट

वैश्विक आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान आंतरिक संघर्षों से भी जूझ रहा है
विश्व

पासपोर्ट रैंकिंग में पाकिस्तान फिर फिसड्डी, उत्तर कोरिया और सूडान जैसे देशों से भी नीचे रही रैंकिंग

24 July 2025

2025 के Henley Passport Index में पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे कमजोर पासपोर्ट घोषित किया गया है। इस सूची में पाकिस्तान को 96वां...

अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश
इतिहास

आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

23 July 2025

एक ऐसे अमर स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने देश को आजाद करने की कसम तो खाई ही, खुद भी आजाद ही रहे, अंतिम समय तक। लेकिन, यह...

USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक
खेल

USOPC का बड़ा फैसला- ट्रम्प के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों में ट्रांसजेंडर एथलीटों की एंट्री पर लगी रोक

23 July 2025

अमेरिकी ओलंपिक और पैरालंपिक समिति (USOPC) ने हाल ही में एक नया बदलाव किया है। अब अमेरिकी ट्रांसजेंडर एथलीट ओलंपिक या पैरालंपिक महिला स्पर्धाओं में...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

One Woman. Two Brothers. Jodidaran- A Living Example of Polyandry in Himachal's Hatti Tribe.

One Woman. Two Brothers. Jodidaran- A Living Example of Polyandry in Himachal's Hatti Tribe.

00:05:32

Lashkar-e-Taiba on the Run from Muridke: Is Bahawalpur Becoming Pakistan’s New Terror Capital?

00:07:26

Britain’s Million-Dollar Bird Finally Takes Off!

00:06:43

Maharashtra targets crypto christians. fake dalit quota scam exposed.

00:04:16

The Forgotten Maratha Legacy in Tamil Nadu

00:07:37
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited