झारखंड के धनबाद जिले में स्थित मिशनरी स्कूल पर 80 छात्राओं के कपड़े उतरवाने का आरोप लगा है। कार्मेल स्कूल की छात्राओं ने स्कूल की प्रिंसिपल पर पुरुष शिक्षकों के सामने शर्ट उतरवाने और इनर-वियर व ब्लेजर में घर भेजने का आरोप का आरोप लगाया है। पीड़ित छात्राओं का कहना है कि स्कूल के अंतिम दिन यानी ‘पेन डे’ को सभी लोग सेलिब्रेट करते हुए एक-दूसरे की शर्ट पर शुभकामना संदेश लिख रहे थे। इस पर ही प्रिंसिपल ने शर्ट उतरवा दी। पीड़ित छात्राओं की शिकायत के बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है मामला:
घटना धनबाद जिले के डिगवाडीह स्थित कार्मेल स्कूल की है। पीड़ित छात्राओं का कहना है, “9 जनवरी को 10वीं क्लास के छात्रों का अंतिम दिन था। हम स्कूल में पेन डे सेलिब्रेट कर रहे थे। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। अचानक प्रिंसिपल देवाश्री वहां पहुंची और आग बबूला होकर हमें डांटने लगीं। इसके बाद पुरुष शिक्षकों की मौजूदगी में हमारी शर्ट उतरवाई और कहा कि इनर वियर और ब्लेजर में ही घर जाओ। हमें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया है। अब 10वीं की परीक्षा भी होने वाली हैं। स्कूल प्रबंधन हमारे साथ क्या करेगा, यह सोच कर ही डर लग रहा है।”
पीड़ित छात्राओं में से 20 से 25 छात्राएं अपने अभिभावकों के साथ शनिवार (11 जनवरी, 2025) को कलेक्टर ऑफिस पहुंची और डीसी माधवी मिश्रा को अपनी आपबीती सुनाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसी ने तत्काल एक टीम स्कूल भेजकर और मामले की जांच करने का आदेश दिया।
इस जांच टीम में शामिल एसडीएम राजेश कुमार ने जांच करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि सोमवार (13 जनवरी) को छात्राओं के अभिभावकों और टेक्नीशियन की मौजूदगी में स्कूल में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कराई जाएगी। स्कूल में जीतने भी कैमरे लगे हैं, उनके फुटेज देखने के बाद मामला स्पष्ट हो पाएगा। फिलहाल स्कूल प्रबंधन को कैमरे और फुटेज से छेड़छाड़ न करने की हिदायत दी गई है।
इसके अलावा पीड़ित छात्राओं का यह भी कहना है कि स्कूल के टीचर्स इस मामले में सोशल मीडिया में किए गए पोस्ट हटाने के लिए धमका रहे हैं। साथ ही प्रिंसिपल से माफी मांगने को कहा जा रहा है।
इस मामले में स्कूल की प्रिंसिपल देवाश्री का कहना है कि उन पर लगे सभी आरोप निराधार है। यहां पढ़ने वाली लड़कियां, बेटियों की तरह हैं। स्कूल में छात्राओं को अच्छी शिक्षा देने के साथ ही अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है। ऐसे में छात्राओं को सामाजिक स्तर पर अपमानित कैसे कर सकते हैं? छात्राएं पूरा ध्यान बोर्ड परीक्षा पर लगाएं। स्कूल का पूरा सहयोग रहेगा। अभिभावक भी स्कूल प्रबंधन के समक्ष अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं।