छत्तीसगढ़ में 50 लाख से अधिक के इनाम वाले 38 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह साल 2026 तक इन लाल आतंकियों के सफाए की बात कह चुके हैं। ऐसे में नक्सली गैंग का यह सरेंडर न केवल छत्तीसगढ़ पुलिस बल्कि केंद्र सरकार के लिए भी बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
यह सरेंडर छत्तीसगढ़ के नारायणपुर और सुकुमा जिले में हुआ है। नारायणपुर जिले में कुल 29 नक्सलियों ने सरेंडर किया। इसमें 22 पुरुष और 7 महिलाएं शामिल हैं। वहीं सुकुमा जिले में 9 नक्सलियों ने सरेंडर किया, जिसमें 2 पुरुष और 7 महिलाएं हैं। सुकुमा में सरेंडर करने वाले सभी नक्सली इनामी हैं, इन पर कुल मिलाकर 52 लाख का इनाम था।
इस दौरान बीएसएफ और आईटीबीपी के जवान भी मौजूद रहे। सरेंडर करने के बाद नक्सलियों ने कहा है कि माओवाद की विचारधारा पूरी तरह से खोखली है। इसके अलावा नक्सलियों के बीच आपसी मतभेद भी तेजी से बढ़ा है। इसलिए उन्होंने सरेंडर करने का फैसला किया।
इस दौरान नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने कहा है, “हम नक्सलवाद के खिलाफ आंदोलन चला रहे हैं। इस आंदोलन के तहत कई अभियान चलाए गए हैं और विकास कार्य भी किए गए हैं। कुतुल क्षेत्र में हम इस विकास कार्य के प्रभाव के रूप में एक सामाजिक बदलाव देख रहे हैं। इसके चलते ही नक्सली सरेंडर कर रहे हैं। 29 लोग जो नक्सल गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे, उन्होंने सरेंडर किया है। ये सभी विकास कार्यों से प्रभावित हैं।”
एसपी ने यह भी कहा कि ये नक्सली अब सामान्य जीवन जीना चाहते हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली जनताना सरकार, मिलिशिया, चेतना नाट्य मंडली (सीएनएम माओवादियों की एक सांस्कृतिक शाखा) और माओवादियों के निचले तबके के सदस्य हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने अपने इलाके में हॉस्पिटल, सड़क और स्कूल बनाने की मांग की है। साथ ही इनके पास सरकारी दस्तावेज भी नहीं हैं। ऐसे में एसपी ने कहा कि नक्सलियों की इन मांगों को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर के साथ मीटिंग कर जल्द से जल्द सभी शासकीय सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा।
वहीं, सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने कहा है कि सुकमा जिले में लगातार नक्सल उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा नियद नेल्लानार योजना के तहत क्षेत्रों में विकास कार्य किया जा रहे हैं। इसके चलते नक्सली सरेंडर करने के लिए आगे आ रहे हैं।