महाराष्ट्र में एक ओर जहां औरंगजेब की कब्र को लेकर तनाव का माहौल बना हुआ है। वहीं इस बीच बॉम्बे हाई कोर्ट ने आदेश के बाद भी एक मस्जिद न हटाने पर ठाणे नगर निगम को फटकार लगाई है। साथ ही रमजान के बाद मस्जिद गिराने के लिए कहा है। इससे पहले भी कोर्ट ने मस्जिद हटाने का आदेश दिया था। लेकिन इसके बाद भी मस्जिद पूरी तरह से नहीं गिराई गई थी।
क्या है मामला:
ठाणे के कासरवडावली इलाके के बोरिवडे गांव में एक प्राइवेट कंपनी की खाली पड़ी जमीन पर ‘लैंड जिहाद’ कर एक मस्जिद खड़ी कर दी गई थी। इस मस्जिद को हटाने के लिए कंपनी ने कोर्ट का रुख किया था, जहां 27 जनवरी, 2025 को सुनवाई के बाद कोर्ट ने नगर निगम को यह मस्जिद हटाने का आदेश दिया था। लेकिन नगर निगम ने मस्जिद का कुछ हिस्सा हटाने के बाद काम रोक दिया था। ऐसे में कंपनी फिर से कोर्ट पहुंच गई थी। ऐसे में बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस कमल खता की पीठ ने सुनवाई करते हुए ठाणे नगर निगम को फटकार लगाई और रमजान के तुरंत बाद पूरी मस्जिद हटाने का आदेश दिया।
नगर निगम ने क्यों नहीं हटाई मस्जिद:
कोर्ट के आदेश के बाद भी नगर निगम के द्वारा मस्जिद न हटाए जाने का कारण जानने से पहले यह जानना अहम है कि इसका निर्माण कहां किया गया था और ‘लैंड जिहाद’ किस पैमाने पर हावी है। यह मस्जिद कासरवडावली के बोरिवडे गांव में बनाई गई है। जिस जमीन में मस्जिद बनाई गई वह न्यू श्री स्वामी समर्थ बोरिवडे हाउसिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर दर्ज है और इसका क्षेत्रफल 18,122 वर्ग मीटर है। इस जमीन पर कब्जा कर एक मस्जिद और नमाज पढ़ने के लिए हाल बनाया गया था।
मस्जिद न हटाए जाने का कारण बताते हुए नगर निगम ने कोर्ट से कहा था कि 19 फरवरी, 2025 को निगम के 10 अधिकारी 65 श्रमिकों तथा कुछ पुलिसकर्मियों के साथ अवैध ढांचा गिराने गए थे। लेकिन अचानक ही वहां बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए और मस्जिद गिराने का विरोध करने लगे। इसके चलते मस्जिद का पूरा ढांचा नहीं हटाया जा सका।
नगर निगम के दावे को कोर्ट ने बहाना बताते हुए कड़ी फटकार लगाई और कहा कि जब इतनी बड़ी संरचना का निर्माण किया जा रहा था तब नगर निगम के अधिकारियों ने निर्माण रोकने के लिए क्या किया था?
इस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि तस्वीरें देखने से पता चलता है कि मस्जिद का अधिकांश भाग गिरा दिया गया है। साथ ही आदेश देते हुए कहा कि रमजान का माह खत्म होने के तुरंत गिराया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि एक बार मस्जिद हटाए जाने के बाद दोबारा नहीं बनाई जानी चाहिए।