बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर यूपी के विधानसभा क्षेत्र महादेवा के ग्राम चरकैला में एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। संतोष कुमार, जो कि दलित (चमार) समुदाय से हैं, अपनी मोटरसाइकिल पर भीमराव आंबेडकर का झंडा लगाकर जा रहे थे। बस यही बात कुछ इस्लामिक कट्टरपंथियों को इतनी नागवार गुज़री कि उन्होंने झंडा उखाड़ फेंका, जातिसूचक गालियाँ दीं और संतोष को डंडे और लोहे के सम्बल से बेरहमी से पीटा। हमलावरों में सद्दाम, इमरान, जीशान और इदरीश समेत दो अन्य दबंग शामिल थे।
यही नहीं झंडा उखाड़ते हुए उन्होंने संतोष को जातिसूचक गालियाँ दीं और लोहे व सोंबल से पीटते हुए खुलेआम धमकी दी, “अब्बे चमार की जाती साले तुम्हें आज जान से मार डालेंगे और देखते हैं की तुम्हें हिंदुओं में से आम्बेडकर, बुद्ध या राम में से कौन बचाने आता है।” इतना ही नहीं, हमले के दौरान इन जिहादी तत्वों ने हिंदू और बौद्ध धर्म के खिलाफ भी ज़हर उगला। TFI से बातचीत के दौरान पीड़ित परिजन आपबीती बताते-बताते भावुक हो उठे और उन्होंने प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
क्या है पूरा मामला
यह घटना उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के रतनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चरकैला की है। पीड़ित रामसूरत के बेटे संतोष कुमार (उम्र 26 वर्ष), जो दलित (चमार) समुदाय से हैं, बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर 13 अप्रैल 2025 की रात लगभग 8 बजे, अपनी मोटरसाइकिल पर आंबेडकर जी का झंडा लगाकर खौरहवा बाजार की ओर जा रहे थे।
लेकिन रास्ते में सद्दाम पुत्र रफीकुल, इमरान पुत्र सिराज, इदरीश पुत्र बाबू, जीशान पुत्र मुनीब सहित दो अन्य अज्ञात युवकों (सभी खौरहवा निवासी) ने पीछा कर उनकी बाइक पर लगा आम्बेडकर जी का झंडा जबरन खींचकर गिरा दिया। जब संतोष कुमार ने इसका विरोध किया, तो आरोपियों ने न सिर्फ जातिसूचक गालियाँ दीं बल्कि उन्हें बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया।

मारपीट के दौरान मुस्लिमों ने कहा, “अबे चमार की जाति साले, तुम्हें आज जान से मार डालेंगे और देखते हैं कि तुम्हें हिन्दुओं में से आम्बेडकर, बुद्ध या राम कौन बचाने आता है।” संतोष पर लोहे की रॉड और सम्बल से हमला किया गया, जिससे उसके शरीर पर कई गंभीर अंदरूनी चोटें आईं और कई हिस्सों में सूजन हो गई। शोर सुनकर आसपास के लोग जब मौके पर पहुंचे, तब आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए भाग खड़े हुए। घायल संतोष ने तुरंत 112 पर कॉल कर पुलिस को बुलाया। पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित को तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौर भेजा गया, जहाँ डॉक्टरों ने हालत गंभीर देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
TFI से बातचीत के दौरान पीड़ित परिजन की आँखें भर आईं। पूरे घटनाक्रम को बयां करते हुए वो भावुक हो उठे। परिजनों ने बताया कि घटना को लेकर अब तक (ख़बर लिखे जाने तक) कोई FIR दर्ज नहीं हुई है, जिसके चलते घायल संतोष को उचित इलाज भी समय से नहीं मिल पा रहा है। परिजनों ने इस क्रूर हमले को सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे दलित समाज की गरिमा पर हमला बताया है और आरोपितों के खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई की मांग की है।