TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के जागरण की कहानी

    यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के पुनर्जागरण की कहानी

    राहुल गांधी के समर्थन में प्रियंका के साथ इंडी ब्लॉक, कहा, अदालत नहीं तय कर सकती कि कौन है सच्चा भारतीय

    राहुल गांधी के समर्थन में प्रियंका के साथ इंडी ब्लॉक, कहा, अदालत नहीं तय कर सकती कि कौन है सच्चा भारतीय

    पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, अनुच्छेद 370 हटाने के समय थे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल

    पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, अनुच्छेद 370 हटाने के समय थे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल

    अमित शाह ने रचा इतिहास: 2,258 दिन तक गृह मंत्री, आडवाणी का रिकॉर्ड तोड़ा

    अमित शाह ने रचा इतिहास: 2,258 दिन तक गृह मंत्री, आडवाणी का रिकॉर्ड तोड़ा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मोदी बनाम ट्रंप पर कांग्रेस में फूट: तिवारी और कार्ति ने किया सरकार का समर्थन, अलग-थलग पड़ गए राहुल गांधी

    मोदी-ट्रंप टैरिफ विवाद: कांग्रेस में मतभेद, तिवारी और कार्ति सरकार के साथ, राहुल गांधी अलग-थलग

    पीएम मोदी ने ट्रंप की धमकियों को नकारा, कहा अपने हितों की रक्षा करता रहेगा भारत

    पीएम मोदी ने ट्रंप की धमकियों को नकारा, कहा अपने हितों की रक्षा करता रहेगा भारत

    ट्रंप की टैरिफ के आगे नहीं झुकेगा भारत: रूस से व्यापार पर स्वीकार नहीं ‘दोहरे मापदंड’

    ट्रंप की टैरिफ के आगे नहीं झुकेगा भारत: रूस से व्यापार पर स्वीकार नहीं ‘दोहरे मापदंड’

    ट्रंप के मृत अर्थव्यवस्था पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    ट्रंप के “मृत अर्थव्यवस्था” पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: '1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: ‘1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ’

    मोदी बनाम ट्रंप पर कांग्रेस में फूट: तिवारी और कार्ति ने किया सरकार का समर्थन, अलग-थलग पड़ गए राहुल गांधी

    मोदी-ट्रंप टैरिफ विवाद: कांग्रेस में मतभेद, तिवारी और कार्ति सरकार के साथ, राहुल गांधी अलग-थलग

    पीएम मोदी ने ट्रंप की धमकियों को नकारा, कहा अपने हितों की रक्षा करता रहेगा भारत

    पीएम मोदी ने ट्रंप की धमकियों को नकारा, कहा अपने हितों की रक्षा करता रहेगा भारत

    ट्रंप की टैरिफ के आगे नहीं झुकेगा भारत: रूस से व्यापार पर स्वीकार नहीं ‘दोहरे मापदंड’

    ट्रंप की टैरिफ के आगे नहीं झुकेगा भारत: रूस से व्यापार पर स्वीकार नहीं ‘दोहरे मापदंड’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के जागरण की कहानी

    यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के पुनर्जागरण की कहानी

    राहुल गांधी के समर्थन में प्रियंका के साथ इंडी ब्लॉक, कहा, अदालत नहीं तय कर सकती कि कौन है सच्चा भारतीय

    राहुल गांधी के समर्थन में प्रियंका के साथ इंडी ब्लॉक, कहा, अदालत नहीं तय कर सकती कि कौन है सच्चा भारतीय

    पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, अनुच्छेद 370 हटाने के समय थे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल

    पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, अनुच्छेद 370 हटाने के समय थे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल

    अमित शाह ने रचा इतिहास: 2,258 दिन तक गृह मंत्री, आडवाणी का रिकॉर्ड तोड़ा

    अमित शाह ने रचा इतिहास: 2,258 दिन तक गृह मंत्री, आडवाणी का रिकॉर्ड तोड़ा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मोदी बनाम ट्रंप पर कांग्रेस में फूट: तिवारी और कार्ति ने किया सरकार का समर्थन, अलग-थलग पड़ गए राहुल गांधी

    मोदी-ट्रंप टैरिफ विवाद: कांग्रेस में मतभेद, तिवारी और कार्ति सरकार के साथ, राहुल गांधी अलग-थलग

    पीएम मोदी ने ट्रंप की धमकियों को नकारा, कहा अपने हितों की रक्षा करता रहेगा भारत

    पीएम मोदी ने ट्रंप की धमकियों को नकारा, कहा अपने हितों की रक्षा करता रहेगा भारत

    ट्रंप की टैरिफ के आगे नहीं झुकेगा भारत: रूस से व्यापार पर स्वीकार नहीं ‘दोहरे मापदंड’

    ट्रंप की टैरिफ के आगे नहीं झुकेगा भारत: रूस से व्यापार पर स्वीकार नहीं ‘दोहरे मापदंड’

    ट्रंप के मृत अर्थव्यवस्था पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    ट्रंप के “मृत अर्थव्यवस्था” पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: '1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: ‘1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ’

    मोदी बनाम ट्रंप पर कांग्रेस में फूट: तिवारी और कार्ति ने किया सरकार का समर्थन, अलग-थलग पड़ गए राहुल गांधी

    मोदी-ट्रंप टैरिफ विवाद: कांग्रेस में मतभेद, तिवारी और कार्ति सरकार के साथ, राहुल गांधी अलग-थलग

    पीएम मोदी ने ट्रंप की धमकियों को नकारा, कहा अपने हितों की रक्षा करता रहेगा भारत

    पीएम मोदी ने ट्रंप की धमकियों को नकारा, कहा अपने हितों की रक्षा करता रहेगा भारत

    ट्रंप की टैरिफ के आगे नहीं झुकेगा भारत: रूस से व्यापार पर स्वीकार नहीं ‘दोहरे मापदंड’

    ट्रंप की टैरिफ के आगे नहीं झुकेगा भारत: रूस से व्यापार पर स्वीकार नहीं ‘दोहरे मापदंड’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

प्रधानमंत्री के रेस से लेकर विधायकी का चुनाव हारने तक, के कामराज के पतन की कहानी

के. कामराज जो अपने गृह राज्य तमिलनाडु में अपनी ही सीट नहीं बचा पाए और 1967 के विधानसभा चुनाव को हार गए। इस लेख में जानिए के. कामराज के किंगमेकर से सीट हारने तक की पूरी कहानी

Devesh Sharma द्वारा Devesh Sharma
5 January 2023
in इतिहास
के कामराज

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

कुमारस्वामी कामराज यानी के. कामराज, जिन्हें भारतीय राजनीति में किंगमेकर के रूप में जाना जाता है। जिसने 1960 के दशक की राजनीति में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद पहले लाल बहादुर शास्त्री और उसके बाद इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने में एक असल किंगमेकर की भूमिका निभाई। लेकिन 1967 में ऐसा क्या हुआ कि जो के. कामराज कभी प्रधानमंत्री पद के दावेदार हुआ करते थे वे अपने गृह राज्य तमिलनाडु में अपनी ही विधानसभा सीट को नहीं बचा पाए और 1967 के विधानसभा चुनाव को हार गए। आइए आज के इस लेख में के. कामराज के किंगमेकर से सीट हारने तक की पूरी कहानी पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

और पढ़ें: पंचवर्षीय योजना नेहरू की देन नहीं थी, बल्कि वो भी कॉपी-पेस्ट की गयी थी

संबंधितपोस्ट

बिहार बनाम तमिलनाडु? चिदंबरम के बयान से गरमाई क्षेत्रीय राजनीति

‘आप सच्चे भारतीय होते तो ऐसा नहीं कहते’: चीनी कब्जे के दावे पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार

अरुण जेटली पर राहुल गांधी की टिप्पणी: कांग्रेस की राजनीति में झूठ और बौद्धिक बेईमानी

और लोड करें

सत्ता के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थे नेता 

बात है 1963 की, जब गांधीवादी विचारधारा को मानने वाले के. कामराज तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और केंद्र में पंडित जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री पद संभाल रहे थे। लेकिन 1962 में चीन से युद्ध हारने के बाद नेहरू की छवि देश-दुनिया में पहले के मुकाबले कमजोर हो गई थी और कांग्रेस पार्टी में लोग सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिरने के लिए तैयार थे। ऐसे में पार्टी की जमीनी पकड़ धीरे-धीरे कमजोर होती जा रही थी। कामराज ने पंडित जवाहर लाल नेहरू को सुझाव दिया कि कांग्रेस पार्टी को और मजबूत करने के लिए नेताओं को सत्ता का लोभ छोड़कर वापस संगठन में लौटना चाहिए।

कामराज ने इसकी शुरुआत स्वयं 02 अक्टूबर 1963 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर दी थी। उनके साथ बीजू पटनायक और एस. के. पाटिल सहित 6 अन्य मुख्यमंत्रियों और मोरारजी देसाई, जगजीवन राम और लाल बहादुर शास्त्री सहित 6 केबिनेट मंत्रियों ने अपने पद छोड़ दिए। कामराज की इस योजना को भारतीय राजनीति में ‘कामराज प्लान’ के नाम से जाना जाता है। कामराज के प्लान के लागू होने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने के. कामराज को 9 अक्टूबर, 1963 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुन लिया।

और पढ़ें: 1949: जब नेहरू ने सदैव के लिए भारत की सीमा सुरक्षा से समझौता कर लिया

कामराज 1963 तक मद्रास के मुख्यमंत्री बने रहे

केंद्र की राजनीति में पहुंचने से पहले के. कामाराज अपने गृह राज्य मद्रास में भी झंडे गाड़ चुके थे। वे सी. राजगोपालाचारी के सामने एक नये कांग्रेसी नेता के रूप में उभरकर आ रहे थे। हालांकि 1952 के मद्रास विधानसभा चुनाव में सी. राजगोपालाचारी यानी ‘राजा जी’ को मुख्यमंत्री चुना गया लेकिन कामराज का उदय इतनी तेजी से हो रहा था कि महज दो साल के भीतर ‘राजा जी’ को उनके लिए ‘सिंहासन खाली करना’ पड़ा और साल 1954 में उनको मद्रास का मुख्यमंत्री बना दिया गया और कामराज 1963 तक मद्रास के मुख्यमंत्री बने रहे। लेकिन कामराज की किस्मत में तो किंगमेकर बनना लिखा था और ऐसा ही हुआ।

1964 में जब प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का आकस्मिक निधन हुआ तो कांग्रेस में प्रधानमंत्री पद को लेकर संघर्ष शुरू हो गया और मोरारजी देसाई बिदक कर सामने आ गए। लेकिन कामराज ने इस समय सर्वसम्मति की बात कर मोरारजी देसाई के तेवर ठंडे कर दिए। कामराज के नेतृत्व में सिंडीकेट ने शास्त्री का समर्थन किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नीलम संजीव रेड्डी, निजा लिंगाप्पा, अतुल्य घोष, एसके पाटिल जैसे ग़ैर-हिंदी भाषी नेताओं के गुट को सिंडीकेट के नाम से जाना जाता था।

1966 में सोवियत संघ में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आकस्मिक निधन के बाद कांग्रेस के सामने एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद के लिए चुनौती आ गई। इस बार सिंडिकेट ने स्वयं के. कामराज को प्रधानमंत्री पद संभालने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने कहा कि जिसे ठीक से हिंदी नहीं आती उसे देश का प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए। लेकिन इस बार मोरारजी जी देसाई प्रधानमंत्री का ताज पहनने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठे थे और कामराज की किसी भी बात से सहमत नहीं हुए और मतदान कराने की बात पर अड़ गए। मोरारजी देसाई के अड़ जाने के बाद वोट काराया गया तो उन्होंने इंदिरा का समर्थन प्रधानमंत्री पद के लिए किया। इस तरह इंदिरा कांग्रेस संसदीय दल में 355 सांसदों का समर्थन पाकर प्रधानमंत्री बन गईं और मोरारजी देसाई फिर पीछे रह गए। लेकिन उनकी राजनीति के पतन की कहानी और कांग्रेस में परिवारवाद के पनपने की कहानी यहीं से शुरू होती है।

और पढ़ें: लाल बहादुर शास्त्री जो प्रधानमंत्री पद के प्रथम विकल्प तो नहीं थे पर उत्कृष्ट प्रधानमंत्री हुए

आम चुनावों तक चुप्पी

दरअसल, इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद के. कामराज को लगा कि वे इंदिरा गांधी को अपने हिसाब से चलाएंगे इसलिए वे 1967 में होने वाले आम चुनावों तक चुप्पी साधे रहे लेकिन जब 1967 में आम चुनाव हुए तो किंगमेकर कामराज का इंदिरा को प्रधानमंत्री पद के लिए चुनने का फैसला गलत साबित हुआ। कांग्रेस को उस चुनाव में 285 सीटें मिली थीं लेकिन 1967 में ही हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी 6 राज्यों में सत्ता खो बैठी और तमिलनाडु भी उन्हीं में से एक था। स्थिति तो ऐसी बन गई कि के कामराज स्वयं अपने विधानसभा सीट विरुदुनगर से चुनाव हार गए।

कामराज तमिलनाडु में भी अपनी पकड़ खो चुके थे वहां तो 1965 में हिंदी के राजभाषा बनने के बाद डीमके एक नई पार्टी उभरकर सामने आई थी। जिसके बाद कांग्रेस चुनाव भी हार गई थी। ऐसे में कामराज की हालत एक बूढ़े शेर की तरह हो गई थी जिससे अब लोग डरना बंद कर चुके थे। लेकिन अभी भी वे कांग्रेस में मौजूद थे। लेकिन कब तक, इंदिरा ने एक और दांव चला और उन्होंने कहा कि हारे हुए नेताओं को पद छोड़ना चाहिए. कामराज ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया. हालांकि नए कांग्रेस अध्यक्ष एस. निजालिंगाप्पा बने मगर संगठन के फैसले अभी भी कामराज ही ले रहे थे। लेकिन कब तक, 1967 में जब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कार्यकाल पूरा करने के बाद राष्ट्रपति चुनाव हुए तो संगठन ने आंध्र प्रदेश के नेता नीलम संजीव रेड्डी को प्रत्याशी घोषित किया तो वहीं इंदिरा ने उपराष्ट्रपति वीवी गिरि को पर्चा दाखिल करने को कहा।

इंदिरा ने राष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक दिन पहले कांग्रेसियों से कहा कि कांग्रेसजनों अंतरआत्मा की आवाज सुनो और वोट डालो। ठीक वैसा ही हुआ जैसा इंदिरा गांधी चाहती थीं कामराज समर्थित रेड्डी चुनाव हार गए और वीवी गिरि को राष्ट्रपति बना दिया गया।

और पढ़ें: इंदिरा गांधी के संरक्षण में संजय गांधी ने जमकर मचाया था ‘उत्पात’

कामराज की धुर विरोधी डीएमके पार्टी

संगठन के वरिष्ठ नेता इस बात से झल्ला उठे उन्होंने नवंबर 1969 में पार्टी की एक मीटिंग बुलाकर इंदिरा गांधी को पार्टी से बाहर निकाल दिया और कांग्रेस संसदीय दल को नया नेता चुन लेने के लिए कहा। जब वोटिंग हुई तो संसदीय दल की मीटिंग में इंदिरा के पक्ष में 285 में 229 सांसदों ने समर्थन किया। बचे वोट उन्होंने तमिलनाडु में कामराज की धुर विरोधी डीएमके पार्टी से गठबंधन कर जुटा लिए और लेफ्ट पार्टियां भी उनके साथ आ गईं। इसके बाद कांग्रेस पार्टी दो भागों में विभाजित हो गई। एक कांग्रेस ओ (ऑर्गनाइजेशन) और दूसरी कांग्रेस (रूलिंग) जो इंदिरा संभाल रही थीं इसे कांग्रेस आई के नाम से भी जाना जाता था।

इसके बाद कामराज ने तमिलनाडु की ओर रुख किया लेकिन उनकी पकड़ वहां अब ठीली हो चुकी थी। हालांकि 1971 में वे लोकसभा चुनकर भी पहुंचे लेकिन उनकी पार्टी के दूसरे प्रत्याशी बुरी तरह चुनाव हार गए और अंत में 72 वर्ष की उम्र में 2 अक्टूबर 1975 को गांधी जयंती के दिन हार्टअटैक से उनकी मौत हो गई। तो ये थी एक ऐसे कांग्रेसी नेता की कहानी जो भारत में कभी किंगमेकर कहे जाते थे और पीएम पद की रेस में थे लेकिन कभी पीएम बन न सके।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें। 

Tags: K. KamarajLal Bahadur Shastriकांग्रेसजवाहर लाल नेहरूलाल बहादुर शास्त्री
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

प्रधानमंत्री की नियुक्ति कौन करता है? : योग्यता एवं शपथ

अगली पोस्ट

ठग चीन ने मूर्ख पाकिस्तान को 15 करोड़ डॉलर का ‘कबाड़’ बेच दिया

संबंधित पोस्ट

सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’
इतिहास

सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

3 August 2025

आज 3 अगस्त है, इसलिए यह लेख एक ऐसे महान व्यक्तित्व के जन्म दिवस पर लिखा जा रहा हैं, जिनके लिए लोगों द्वारा व्यक्त की...

विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर
इतिहास

विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

26 July 2025

देशभक्ति को बढ़ावा देने और स्थानीय नायकों की स्मृति को संजोने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार अपने सरकारी स्कूलों का नाम कारगिल युद्ध में शहीद...

अब तक आजाद नहीं हो सकीं आजाद की अस्थ्यिां, पांच दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश
इतिहास

आज तक ‘आज़ाद’ नहीं हो सकीं चंद्रशेखर आजाद की अस्थियां, 5 दशक से लखनऊ में बंद है अस्थि कलश

23 July 2025

एक ऐसे अमर स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने देश को आजाद करने की कसम तो खाई ही, खुद भी आजाद ही रहे, अंतिम समय तक। लेकिन, यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

PRALAY MISSILE: Know about India’s 5,000 kg Beast That Can Evade Any Radar

PRALAY MISSILE: Know about India’s 5,000 kg Beast That Can Evade Any Radar

00:05:52

Is Congress Against Migrants? Chidambaram Calls Biharis 'Illegal Voters'

00:07:49

Gandhi Family Losing Grip allies Disown Rahul’s Trump-Style Attack on Indian Economy

00:06:28

Trump's Tariff Prompt India to Exit F-35 Jet Deal?

00:06:28

Sawan’s Fire, Bharat’s Voice: How India Is Leading the Global Narrative Now

00:06:03
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited