TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर मासूमियत पर बरसा लाल आतंक

    कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर मासूमियत पर बरसा लाल आतंक

    कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

प्रधानमंत्री के रेस से लेकर विधायकी का चुनाव हारने तक, के कामराज के पतन की कहानी

के. कामराज जो अपने गृह राज्य तमिलनाडु में अपनी ही सीट नहीं बचा पाए और 1967 के विधानसभा चुनाव को हार गए। इस लेख में जानिए के. कामराज के किंगमेकर से सीट हारने तक की पूरी कहानी

Devesh Sharma द्वारा Devesh Sharma
5 January 2023
in इतिहास
के कामराज

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

कुमारस्वामी कामराज यानी के. कामराज, जिन्हें भारतीय राजनीति में किंगमेकर के रूप में जाना जाता है। जिसने 1960 के दशक की राजनीति में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद पहले लाल बहादुर शास्त्री और उसके बाद इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने में एक असल किंगमेकर की भूमिका निभाई। लेकिन 1967 में ऐसा क्या हुआ कि जो के. कामराज कभी प्रधानमंत्री पद के दावेदार हुआ करते थे वे अपने गृह राज्य तमिलनाडु में अपनी ही विधानसभा सीट को नहीं बचा पाए और 1967 के विधानसभा चुनाव को हार गए। आइए आज के इस लेख में के. कामराज के किंगमेकर से सीट हारने तक की पूरी कहानी पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

और पढ़ें: पंचवर्षीय योजना नेहरू की देन नहीं थी, बल्कि वो भी कॉपी-पेस्ट की गयी थी

संबंधितपोस्ट

वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

और लोड करें

सत्ता के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थे नेता 

बात है 1963 की, जब गांधीवादी विचारधारा को मानने वाले के. कामराज तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और केंद्र में पंडित जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री पद संभाल रहे थे। लेकिन 1962 में चीन से युद्ध हारने के बाद नेहरू की छवि देश-दुनिया में पहले के मुकाबले कमजोर हो गई थी और कांग्रेस पार्टी में लोग सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिरने के लिए तैयार थे। ऐसे में पार्टी की जमीनी पकड़ धीरे-धीरे कमजोर होती जा रही थी। कामराज ने पंडित जवाहर लाल नेहरू को सुझाव दिया कि कांग्रेस पार्टी को और मजबूत करने के लिए नेताओं को सत्ता का लोभ छोड़कर वापस संगठन में लौटना चाहिए।

कामराज ने इसकी शुरुआत स्वयं 02 अक्टूबर 1963 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर दी थी। उनके साथ बीजू पटनायक और एस. के. पाटिल सहित 6 अन्य मुख्यमंत्रियों और मोरारजी देसाई, जगजीवन राम और लाल बहादुर शास्त्री सहित 6 केबिनेट मंत्रियों ने अपने पद छोड़ दिए। कामराज की इस योजना को भारतीय राजनीति में ‘कामराज प्लान’ के नाम से जाना जाता है। कामराज के प्लान के लागू होने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने के. कामराज को 9 अक्टूबर, 1963 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष चुन लिया।

और पढ़ें: 1949: जब नेहरू ने सदैव के लिए भारत की सीमा सुरक्षा से समझौता कर लिया

कामराज 1963 तक मद्रास के मुख्यमंत्री बने रहे

केंद्र की राजनीति में पहुंचने से पहले के. कामाराज अपने गृह राज्य मद्रास में भी झंडे गाड़ चुके थे। वे सी. राजगोपालाचारी के सामने एक नये कांग्रेसी नेता के रूप में उभरकर आ रहे थे। हालांकि 1952 के मद्रास विधानसभा चुनाव में सी. राजगोपालाचारी यानी ‘राजा जी’ को मुख्यमंत्री चुना गया लेकिन कामराज का उदय इतनी तेजी से हो रहा था कि महज दो साल के भीतर ‘राजा जी’ को उनके लिए ‘सिंहासन खाली करना’ पड़ा और साल 1954 में उनको मद्रास का मुख्यमंत्री बना दिया गया और कामराज 1963 तक मद्रास के मुख्यमंत्री बने रहे। लेकिन कामराज की किस्मत में तो किंगमेकर बनना लिखा था और ऐसा ही हुआ।

1964 में जब प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का आकस्मिक निधन हुआ तो कांग्रेस में प्रधानमंत्री पद को लेकर संघर्ष शुरू हो गया और मोरारजी देसाई बिदक कर सामने आ गए। लेकिन कामराज ने इस समय सर्वसम्मति की बात कर मोरारजी देसाई के तेवर ठंडे कर दिए। कामराज के नेतृत्व में सिंडीकेट ने शास्त्री का समर्थन किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नीलम संजीव रेड्डी, निजा लिंगाप्पा, अतुल्य घोष, एसके पाटिल जैसे ग़ैर-हिंदी भाषी नेताओं के गुट को सिंडीकेट के नाम से जाना जाता था।

1966 में सोवियत संघ में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आकस्मिक निधन के बाद कांग्रेस के सामने एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद के लिए चुनौती आ गई। इस बार सिंडिकेट ने स्वयं के. कामराज को प्रधानमंत्री पद संभालने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने कहा कि जिसे ठीक से हिंदी नहीं आती उसे देश का प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए। लेकिन इस बार मोरारजी जी देसाई प्रधानमंत्री का ताज पहनने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठे थे और कामराज की किसी भी बात से सहमत नहीं हुए और मतदान कराने की बात पर अड़ गए। मोरारजी देसाई के अड़ जाने के बाद वोट काराया गया तो उन्होंने इंदिरा का समर्थन प्रधानमंत्री पद के लिए किया। इस तरह इंदिरा कांग्रेस संसदीय दल में 355 सांसदों का समर्थन पाकर प्रधानमंत्री बन गईं और मोरारजी देसाई फिर पीछे रह गए। लेकिन उनकी राजनीति के पतन की कहानी और कांग्रेस में परिवारवाद के पनपने की कहानी यहीं से शुरू होती है।

और पढ़ें: लाल बहादुर शास्त्री जो प्रधानमंत्री पद के प्रथम विकल्प तो नहीं थे पर उत्कृष्ट प्रधानमंत्री हुए

आम चुनावों तक चुप्पी

दरअसल, इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद के. कामराज को लगा कि वे इंदिरा गांधी को अपने हिसाब से चलाएंगे इसलिए वे 1967 में होने वाले आम चुनावों तक चुप्पी साधे रहे लेकिन जब 1967 में आम चुनाव हुए तो किंगमेकर कामराज का इंदिरा को प्रधानमंत्री पद के लिए चुनने का फैसला गलत साबित हुआ। कांग्रेस को उस चुनाव में 285 सीटें मिली थीं लेकिन 1967 में ही हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी 6 राज्यों में सत्ता खो बैठी और तमिलनाडु भी उन्हीं में से एक था। स्थिति तो ऐसी बन गई कि के कामराज स्वयं अपने विधानसभा सीट विरुदुनगर से चुनाव हार गए।

कामराज तमिलनाडु में भी अपनी पकड़ खो चुके थे वहां तो 1965 में हिंदी के राजभाषा बनने के बाद डीमके एक नई पार्टी उभरकर सामने आई थी। जिसके बाद कांग्रेस चुनाव भी हार गई थी। ऐसे में कामराज की हालत एक बूढ़े शेर की तरह हो गई थी जिससे अब लोग डरना बंद कर चुके थे। लेकिन अभी भी वे कांग्रेस में मौजूद थे। लेकिन कब तक, इंदिरा ने एक और दांव चला और उन्होंने कहा कि हारे हुए नेताओं को पद छोड़ना चाहिए. कामराज ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया. हालांकि नए कांग्रेस अध्यक्ष एस. निजालिंगाप्पा बने मगर संगठन के फैसले अभी भी कामराज ही ले रहे थे। लेकिन कब तक, 1967 में जब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कार्यकाल पूरा करने के बाद राष्ट्रपति चुनाव हुए तो संगठन ने आंध्र प्रदेश के नेता नीलम संजीव रेड्डी को प्रत्याशी घोषित किया तो वहीं इंदिरा ने उपराष्ट्रपति वीवी गिरि को पर्चा दाखिल करने को कहा।

इंदिरा ने राष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक दिन पहले कांग्रेसियों से कहा कि कांग्रेसजनों अंतरआत्मा की आवाज सुनो और वोट डालो। ठीक वैसा ही हुआ जैसा इंदिरा गांधी चाहती थीं कामराज समर्थित रेड्डी चुनाव हार गए और वीवी गिरि को राष्ट्रपति बना दिया गया।

और पढ़ें: इंदिरा गांधी के संरक्षण में संजय गांधी ने जमकर मचाया था ‘उत्पात’

कामराज की धुर विरोधी डीएमके पार्टी

संगठन के वरिष्ठ नेता इस बात से झल्ला उठे उन्होंने नवंबर 1969 में पार्टी की एक मीटिंग बुलाकर इंदिरा गांधी को पार्टी से बाहर निकाल दिया और कांग्रेस संसदीय दल को नया नेता चुन लेने के लिए कहा। जब वोटिंग हुई तो संसदीय दल की मीटिंग में इंदिरा के पक्ष में 285 में 229 सांसदों ने समर्थन किया। बचे वोट उन्होंने तमिलनाडु में कामराज की धुर विरोधी डीएमके पार्टी से गठबंधन कर जुटा लिए और लेफ्ट पार्टियां भी उनके साथ आ गईं। इसके बाद कांग्रेस पार्टी दो भागों में विभाजित हो गई। एक कांग्रेस ओ (ऑर्गनाइजेशन) और दूसरी कांग्रेस (रूलिंग) जो इंदिरा संभाल रही थीं इसे कांग्रेस आई के नाम से भी जाना जाता था।

इसके बाद कामराज ने तमिलनाडु की ओर रुख किया लेकिन उनकी पकड़ वहां अब ठीली हो चुकी थी। हालांकि 1971 में वे लोकसभा चुनकर भी पहुंचे लेकिन उनकी पार्टी के दूसरे प्रत्याशी बुरी तरह चुनाव हार गए और अंत में 72 वर्ष की उम्र में 2 अक्टूबर 1975 को गांधी जयंती के दिन हार्टअटैक से उनकी मौत हो गई। तो ये थी एक ऐसे कांग्रेसी नेता की कहानी जो भारत में कभी किंगमेकर कहे जाते थे और पीएम पद की रेस में थे लेकिन कभी पीएम बन न सके।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें। 

Tags: K. KamarajLal Bahadur Shastriकांग्रेसजवाहर लाल नेहरूलाल बहादुर शास्त्री
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

प्रधानमंत्री की नियुक्ति कौन करता है? : योग्यता एवं शपथ

अगली पोस्ट

ठग चीन ने मूर्ख पाकिस्तान को 15 करोड़ डॉलर का ‘कबाड़’ बेच दिया

संबंधित पोस्ट

पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात
इतिहास

पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

17 September 2025

तमिलनाडु की राजनीति और समाज में एक नाम दशकों से छाया हुआ है—ई.वी. रामासामी नायकर, जिन्हें उनके अनुयायी “पेरियार” यानी “महान व्यक्ति” कहते हैं। उन्हें...

ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम
इतिहास

हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

16 September 2025

82,698 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की हैदराबाद रियासत की गिनती हमेशा से भारत के प्रमुख और अमीर रियासतों में की जाती थी। इसका क्षेत्रफल ब्रिटेन और...

लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत
इतिहास

जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

16 September 2025

बिहार, जिसे भारतीय इतिहास और संस्कृति का धनी राज्य कहा जाता है, जहां चाणक्य की राजनीति जन्मी, जहां बुद्ध ने ज्ञान का प्रकाश फैलाया और...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Where Is Kerala Heading? | The Shocking Truth of CPM’s Hate Towards Hindus

Where Is Kerala Heading? | The Shocking Truth of CPM’s Hate Towards Hindus

00:05:16

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

00:08:27

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited