Nawazuddin Siddiqui interview: कुछ लोगों की बात ही अलग है। भले ही बहुत गर्दा न उड़ाये हो, परंतु एटीट्यूड तो ऐसा कि ये न हो, तो देश ही न चले। क्रिकेट में तो पहले ही एक के एल राहुल, और बॉलीवुड को भी अब अपना के एल राहुल मिल चुका है, जिसका नाम है नवाजुद्दीन सिद्दीकी!
नवाजुद्दीन सिद्दीकी के विशेष ज्ञान के बारे में, और क्यों अब इनका समय खत्म होने को है।
Nawazuddin Siddiqui interview: “दर्शकों में घृणा बढ़ाती ये फिल्म”
सुदीप्तो सेन के निर्देशन में लव जिहाद पर बनी फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ का ताबड़तोड़ कमाई का सिलसिला लगातार जारी है। फिल्म को दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है। वहीं, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में इस फिल्म को बैन का सामना कराना पड़ा है। इस बीच interview में बॉलीवुड अभिनेता Nawazuddin Siddiqui ने ‘द केरल स्टोरी’ पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
Nawazuddin Siddiqui ने न्यूज 18 को दिए interview में कहा, “अगर कोई फिल्म या उपन्यास किसी को ठेस पहुँचा रहा है, तो यह गलत है। हम दर्शकों या उनकी भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए फिल्में नहीं बनाते हैं।” उन्होंने यह भी कहा, “हम लोगों के बीच सामाजिक सद्भाव और प्रेम को बढ़ावा देने के लिए फिल्में बनाते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम ऐसी फिल्में बनाएँ, जो लोगों को जोड़ने का काम करें। हमें इस दुनिया को जोड़ना है, तोड़ना नहीं।”
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5 मई 2023 को प्रदर्शित “द केरल स्टोरी” के रिलीज होने के बाद भारत में भले ही वामपंथी और कट्टरपंथी गिरोह इसे प्रोपेगेंडा बताकर खारिज करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हकीकत में यह फिल्म विदेशों तक में सराही जा रही है। ‘द केरल स्टोरी’ को देखने के बाद लंदन की एक पत्रकार ने भी इस फिल्म की तारीफ की है। डच सांसद गेर्ट वाइल्डर्स ने तो इसे विशेष तौर पर नीदरलैण्ड्स में दिखाने का अनुरोध भी किया है।
“तेरे में किस बात का एटीट्यूड है भाई?”
वहीं, फिल्म की रिलीज के बाद कई ऐसी लड़कियाँ सामने आई हैं, जिन्होंने फिल्म में दिखाए गए एक-एक दृश्य को सही ठहराया है। उन्होंने कैमरे के सामने खुद कबूला है कि कॉलेज में उनका ब्रेनवॉश किया गया। इनमें से एक कन्या ने कई साक्षात्कारों में ये भी बताया कि उन्हें इस हद तक कट्टरपंथी बना दिया गया था कि अगर कोई उनकी विचारधारा नहीं मानता और इस्लाम में कन्वर्ट करने से मना करता तो वह उसकी हत्या भी कर सकती थीं।
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अब ऐसी घटनाओं को बिना सोचे समझे “प्रोपगैंडा” बोलना कोई पल्ले दर्जे का बेवकूफ ही कर सकता है। परंतु नवाजुद्दीन कौन से बड़े तीस मार खां है? ले देके ये केवल तीन फिल्मों के लिए जाने जाते हैं : “कहानी”, “गैंग्स ऑफ वासेपुर” और कुछ हद तक “द लंचबॉक्स”। परंतु “गैंग्स ऑफ वासेपुर” किस फिल्म को इन्होंने अपने दम पे हिट करवाया। पिछले वर्ष ही इनकी “हीरोपंती 2” आई थी, क्या हाल हुआ था? विलेन थे न उसमें, परंतु सच कहें तो उसे देख “कृष” के विवेक ओबेरॉय और “KGF” के संजय दत्त के लिए हृदय से इज्जत बढ़ गई। अब हर कोई मनोज बाजपेयी या इरफान खान तो हो नहीं सकते, परंतु नवाजुद्दीन पंकज त्रिपाठी से भी कोई सीख नहीं लेते, कि कम से कम छवि ही साफ रख लें!
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