भारत और मुइज्जू सरकार में विवाद जारी है। इस बीच मालदीव भारतीय पर्यटकों को लुभाने के लिए भारत के कई शहरों में रोड शो कराएगा। हालांकि, रोड शो किन शहरों में और कब कराए जाएंगे, इसकी जानकारी नहीं दी गई।
मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर्स (MATATO) ने गुरुवार रात भारत के हाई कमिश्नर मुनु महावर से दोनों देशों के बीच यात्रा और पर्यटन सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। दरअसल, जनवरी 2024 के बाद से मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या बहुत कम हुई है। इसकी वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हुई आपत्तिजनक टिप्पणी है।
मालदीव की टूरिज्म मिनिस्ट्री के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2023 में 56 हजार से ज्यादा भारतीय टूरिस्ट मालदीव पहुंचे थे। वहीं, जनवरी से 10 अप्रैल 2024 तक सिर्फ 37 हजार भारतीय मालदीव गए। आंकड़ों में 34% गिरावट देखी गई।
2023 में पर्यटकों की लिस्ट में भारत टॉप पर था, अब 6वें नबंर पर
2023 में सबसे ज्यादा 2 लाख से ज्यादा भारतीय पर्यटक मालदीव गए थे। वहीं, इस साल भारत 6वें नंबर पर आ गया है। मालदीव की टूरिज्म मिनिस्ट्री ने पर्यटकों का डेटा जारी किया है। इसके मुताबिक 10 अप्रैल तक 6,63,269 टूरिस्ट आए। इनमें भारतीयों की संख्या 37,417 है। सबसे ज्यादा चीन के 71,995 लोग हैं।
भारत के साथ सहयोग करना चाहता है मालदीव
MATATO और भारतीय हाई कमिश्नर की बैठक के बाद जारी हुए बयान में कहा गया, “भारतीय पर्यटकों को मालदीव भेजने के लिए प्रमुख भारतीय शहरों में व्यापक रोड शो शुरू करने और आगामी महीनों में इंफ्लुएंसर्स को मालदीव भेजने से जुड़ी योजना पर काम चल रहा है।”
बयान में आगे कहा गया, “भारत मालदीव के लिए एक महत्वपूर्ण टूरिस्ट मार्केट बना हुआ है। MATATO का कहना है कि वे मालदीव को एक प्रमुख ट्रैवल डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए भारत के प्रमुख ट्रैवल एसोसिएशन और इस इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ साझेदारी करने के लिए तत्पर है।”
MATATO ने कहा था- भारतीय हमारे लिए भाई-बहन जैसे हैं
9 जनवरी को MATATO ने कहा था, “भारतीय हमारे लिए भाई-बहन जैसे हैं। भारत और मालदीव के बीच गहरी दोस्ती है। हमारे रिश्ते राजनीति से परे हैं। पर्यटन मालदीव के लोगों के जीवन का आधार है। यह सेक्टर हमारी GDP में दो-तिहाई से ज्यादा का योगदान देता है। इस सेक्टर में करीब 44 हजार लोग काम करते हैं। इनकी आजीविका टूरिज्म पर ही आधारित है। इस विवाद की वजह से होने वाला नुकसान देश की अर्थव्यवस्था पर गलत असर डाल सकता है।”
एसोसिएशन ने आगे कहा, “भारतीय पर्यटक मालदीव के टूरिज्म सेक्टर की सफलता के लिए बेहद अहम हैं। पर्यटकों की बदौलत ही मालदीव में गेस्ट हाउस और दूसरी सुविधाएं देने वाले मीडियम स्केल बिजनेस आगे बढ़ पा रहे हैं। हम बातचीत और एक-दूसरी की मदद करने की भावना में विश्वास रखते हैं।”
7 जनवरी के बाद बढ़ा था तनाव
7 जनवरी को भारत में हैशटैग BoycottMaldives ट्रेंड हुआ। PM मोदी ने लक्षद्वीप दौरे का एक वीडियो शेयर किया था। इसमें खूबसूरती के लिहाज से लक्षद्वीप अब मालदीव को टक्कर देता नजर आया। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग कहने लगे कि लाखों रुपए खर्च कर मालदीव जाने से बेहतर है कि लक्षद्वीप जाएं।
इससे मालदीव के मंत्री और नेता नाराज नजर आए। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट में PM मोदी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। साथ ही कहा कि भारत सर्विस के मामले में मालदीव का मुकाबला नहीं कर सकता।
तनाव की अन्य वजह-
15 नवंबर 2023 को मालदीव के नए राष्ट्रपति और चीन समर्थक कहे जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू ने शपथ ली थी। इसके बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आई है। इसकी 3 वजह हैं-
- पहली: मोहम्मद मुइज्जू ने अपनी चुनावी कैंपेन में इंडिया आउट का नारा दिया।
- दूसरी: मुइज्जु ने सत्ता में आने के बाद मालदीव में मौजूद भारत के सैनिकों को निकाल लेने के आदेश दिए।
- तीसरी: भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वे एग्रीमेंट खत्म करने की घोषणा की।
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