पाकिस्तानी खिलाड़ियों द्वारा खेल के मैदान पर मजहबी गतिविधियों के फोटो-वीडियो जमकर सामने आते रहे हैं। अब उज्बेकिस्तान के शतरंज खिलाड़ी नोदिरबेक याकुबोएव ने मैच से पहले भारतीय ग्रैंडमास्टर आर वैशाली से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। बवाल मचने पर उज्बेक के याकुबोएव ने माफी मांगते हुए अपने मजहबी कारणों का हवाला दिया।
यह पूरा मामला नीदरलैंड के विज्क आन जी में चल रहे टाटा स्टील चेस टूर्नामेंट का है। टूर्नामेंट में चौथे राउंड में उज्बेक खिलाड़ी याकुबोएव और भारत की वैशाली के बीच मैच होना था। मैच से पहले वैशाली ने याकुबोएव की तरफ हाथ बढ़ाया, लेकिन उसने हाथ मिलाने से इनकार कर दिया और अपनी सीट पर बैठ गया। इसका वीडियो सामने आने के बाद से ही याकुबोएव को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा था। इस मैच में वैशाली के हाथों याकुबोएव को हार का भी सामना करना पड़ा। इससे उसके खिलाफ ट्रोलिंग और भी अधिक बढ़ गई।
A renowned Uzbek chess Grandmaster, Nodirbek, refused to shake hands with India’s Women’s Grandmaster Vaishali.
Does religion influence sports? However, he was seen shaking hands with other female players earlier. pic.twitter.com/fGR61wvwUP
— Ayushh (@ayushh_it_is) January 27, 2025
वीडियो के वायरल होने और विवाद को बढ़ता देख याकुबोएव ने सफाई देते हुए माफी मांगने में ही अपनी भलाई समझी। याकुबोएव ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “प्रिय शतरंज प्रेमियों, मैं वैशाली के साथ मैच में हुई घटना के बारे में बात करना चाहता हूं। महिलाओं और भारतीय शतरंज खिलाड़ियों के प्रति पूरे सम्मान के साथ, मैं सभी को सूचित करना चाहता हूं कि मैं धार्मिक कारणों से अन्य महिलाओं को नहीं छूता हूं।”
2) I respect Vaishali and her brother as the strongest chess players in India. If I have offended her with my behavior, I apologize.
I have some additional explanations:
1. Chess is not haram.— Nodirbek Yakubboev (@NodirbekYakubb1) January 26, 2025
याकुबोएव ने आगे लिखा, “भारत के सबसे अच्छे शतरंज खिलाड़ियों के रूप में मैं वैशाली और उसके भाई का सम्मान करता हूं। अगर मेरे व्यवहार से उन्हें ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं। मेरे पास कुछ अतिरिक्त स्पष्टीकरण हैं: पहला यह कि शतरंज हराम नहीं है और दूसरा साल में मैंने दिव्या से हाथ मिलाया था इसे गलत मानता हूं। तीसरा यह कि मैं पुरुषों से महिलाओं को या महिलाओं को पुरुषों से हाथ मिलाने या महिलाओं से हिजाब या बुर्का पहनने के लिए नहीं कहता। जिसकी जो इच्छा हो वह वैसा ही करे।”
Today I told Irina Bulmaga about it. She agreed to it. But when I came to the playing hall, the arbiters told me that I should at least do Namaste as a gesture. In the games with Divya and Vaishali I couldn’t tell them about it before the game and there was an awkward situation.
— Nodirbek Yakubboev (@NodirbekYakubb1) January 26, 2025
उसने आगे लिखा, “आज मैंने इरिना बुलमागा को इस बारे में बताया था। वह इसके लिए सहमत थी। लेकिन जब मैं हॉल में आया, तो रेफरी ने मुझसे कहा कि मुझे कम से कम नमस्ते तो करना चाहिए। दिव्या और वैशाली के साथ मैच से पहले मैं उनसे इस बारे में नहीं बता सका, इसलिए ऐसी स्थिति बनी।”
एक ओर जहां उज्बेकिस्तानी शतरंज खिलाड़ी नोदिरबेक याकुबोएव ने शतरंज को हराम न बताकर खुद को बचाने की कोशिश है। वहीं तमाम मौलवी शतरंज समेत सभी खेलों को हराम बताते रहे हैं। इसके अलावा इस्लाम की ही मान्यताओं को देखें तो किसी भी दूसरी महिला को देखना भी इस्लाम में हराम है। इतना ही नहीं याकुबोएव ने शतरंज खेलते हुए पश्चिमी सभ्यता के कपड़े पहन रखे थे, मौलवी तो इसे भी हराम बताते आए हैं। ऐसे में शतरंज खेलना जायज और हाथ मिलाना हराम बताकर खुद को बचाने की कोशिश की तरह लग रहा है।
गौरतलब है कि पाकिस्तानी प्लेयर भी क्रिकेट के मैदान पर नमाज पढ़ते नजर आ चुके हैं। इसके वीडियो भी सामने आ चुके हैं। कुल मिलाकर देखें तो इस्लामवादी अपने मजहब का सहारा लेकर कई बार अपने कट्टरपंथी रवैये को छिपाते हुए नजर आते हैं और कई बार मजहबी गतिविधियों के जरिए इस्लाम का प्रचार करते नजर आते हैं।