31 जनवरी 1948 को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि गांधी को 4 गोलियां लगी थीं...
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’

    वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’

    वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

एक-दो नहीं, 6 बार हुई महात्मा गांधी को मारने की कोशिश: कभी ट्रेन पलटाने तो कभी चाकू गोदने की साजिश, गोडसे की गोली से मौत नहीं?

31 जनवरी 1948 को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि गांधी को 4 गोलियां लगी थीं

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
30 January 2025
in इतिहास
एक-दो नहीं, 6 बार हुई महात्मा गांधी को मारने की कोशिश: कभी ट्रेन पलटाने तो कभी चाकू गोदने की साजिश, गोडसे की गोली से मौत नहीं?
Share on FacebookShare on X

30 जनवरी 1948 को दिल्ली में महात्मा गांधी की हत्या किए जाने के पहले भी उनकी हत्या के कई प्रयास किए गए थे। बताया जाता है कि कम-से-कम 6 बार गांधी की हत्या का प्रयास किया गया था और इनमें से एक से अधिक में नाथूराम गोडसे शामिल था। 30 जनवरी को गांधी की हत्या की गई औ उनकी हत्या के दोषी नाथूराम गोडसे को 15 नवंबर 1949 को अंबाला सेंट्रल जेल में फांसी दी गई थी।

गांधी की हत्या की पहली कोशिश

महात्मा गांधी की हत्या की पहली कोशिश 1934 में पुणे में की गई थी। पुणे नगरपालिका ने गांधी को सम्मानित करने के लिए एक समारोह का आयोजन किया था। गांधी इसमें शामिल होने के लिए कुछ साथियों के साथ जा रहे थे और दो गाड़ियों में से वे पिछली गाड़ी में सवार थे। अगली गाड़ी में गांधी को लेने आए नगरपालिका के अधिकारी और पुलिसकर्मी मौजूद थे। गांधी की हत्या के इरादे से गाड़ी पर बम फेंका गया लेकिन वो बम अगली गाड़ी पर जाकर गिरा और उसके परखच्चे उड़ गए। इस घटना में नगरपालिका के मुख्य अधिकारी तथा दो पुलिसकर्मी सहित कुल सात लोग गम्भीर रूप से घायल हुए थे और गांधी सुरक्षित थे।

गांधी की हत्या की दूसरी कोशिश

गांधी की हत्या की दूसरी कोशिश जुलाई 1944 में पंचगनी में हुई थी। गांधी आगा खां पैलेस से रिहाई के बाद पंचगनी जाकर रुके थे, जहां लोग उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान एक शख्स चाकू लेकर उन्हें मारने दौड़ा था। चुन्नीभाई वैद्य ने ‘गांधी की हत्या क्या सच, क्या झूठ’ पुस्तक में लिखा है, “छुरा लेकर गांधीजी के सामने आया शख्स नाथूराम गोडसे था, ऐसी गवाही पुणे के सुरती लॉज के मालिक मणिशंकर पुरोहित ने दी थी।” उन्होंने लिखा, “महाबलेश्वर के कांग्रेस के पूर्व सांसद एवं सतारा जिला मध्यवर्ती बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष भिसारे गुरुजी ने नाथूराम के हाथ से छुरा छीन लिया था। गांधीजी ने उसके बाद तुरन्त ही नाथूराम गोडसे को मिलने के लिए बुलाया। परन्तु वह नहीं आया था।”

तीसरी कोशिश: चाकू के साथ गिरफ्तार शख्स

सितंबर 1944 में तीसरी बार गांधी पर हमले कि कोशिश की गई थी। मुहम्मद अली जिन्ना से वार्ता के लिए गांधी बंबई जाने वाले थे और इससे मुस्लिम लीग व हिंदू महासभा के लोग नाराज़ थे। इस दौरान पुलिस ने एक शख्स को चाकू के साथ गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए शख्स ने कहा था कि उसने यह चाकू उस गाड़ी का टायर फाड़ने के लिए रखा था जिसमें गांधी जाने वाले थे। गांधी के निजी सचिव प्यारेलाल ने बताया था कि उन्हें पुलिस ने सूचित कर दिया था कि प्रदर्शनकारी ‘अमंगलकारी घटना’ की तैयारी करके आये थे। हालांकि, उस दौरान पुलिस ने प्रदर्शन से पहले ही प्रदर्शनकारियों को पकड़ लिया था।

गांधी की हत्या के लिए ट्रेन पलटाने की साज़िश

गांधी एक विशेष रेल द्वारा बंबई से पुणे जा रहे थे और इस दौरान पटरी पर पत्थर रखकर उसे पलटने की कोशिश की गई थी। ये पत्थर नेरल व कर्जत स्टेशन के बीच रखे गए थे लेकिन चालक की सावधानी के कारण इस दुर्घटना को टाल दिया गया था लेकिन रेल के इंजन को कुछ क्षति ज़रूर पहुंची थी। गांधी भारत के बंटवारे संबंधी वार्ता के लिए पुणे जा रहे थे। चुन्नीभाई वैद्य ने लिखा, “इस घटना के बाद प्रार्थना-सभा में इसका उल्लेख करते हुए गांधी ने कहा, “मैं सात बार इस प्रकार के प्रयासों से बच गया हूं। मैं इस प्रकार मरने वाला भी नहीं हूं, मैं तो १२५ वर्ष जीने वाला हूं’।” इस बात का उल्लेख नाथूराम गोडसे ने अपने मराठी सामयिक ‘अग्रणी’ में करते हुए लिखा- ‘परन्तु जीने कौन देगा?”

गांधी की हत्या का एक और प्रयास

20 जनवरी 1948 को बिरला हाउस में शाम की प्रार्थना सभा में मदनलाल पाहवा ने बम फेंका था। मदनलाल अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा और तय किया गया था कि बम फेंकने के बाद जो भगदड़ होगी उसमें दिगंबर बड़गे, गांधी को गोली मार देगा। हालांकि, गांधी ने लोगों को समझाकर शांत कर दिया और प्रार्थना सभा में भगदड़ नहीं हो पाई जिससे उनकी हत्या की योजना पूरी नहीं हो सकी। इस घटना के बाद मदनलाल को गिरफ्तार कर लिया गया था और उसके पास से एक हैंड ग्रेनेड भी बरामद हुआ था। इस घटना के बाद बॉम्बे क्रॉनिकल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि पाहवा ने बम फेंकने का गुनाह कबूल कर कहा है कि वो महात्मा गांधी के शांति अभियान से खफा हैं इसलिए हमला किया था।

वो दिन जब गांधी की हत्या कर दी गई

पाहवा की गिरफ्तारी के बाद गांधी की हत्या की साज़िश की जानकारी पुलिस को मिल चुकी थी लेकिन उनकी जान बचाई नहीं जा सकी। कई असफल प्रयासों के बाद आखिरकार 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे बिरला भवन में गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गांधी के मुंह से आखिरी बार ‘राम’ शब्द निकाल और उनका जीवनहीन शरीर ज़मीन पर लुढ़के लगा। दुनिया भर को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाली गांधी की हिंसक तरीके से हत्या कर दी गई थी। नाथूराम गोडसे ने गांधी तो सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल से तीन गोलियां मारी थीं।

संबंधितपोस्ट

बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

बंगाल फ़ाइल्स: सत्य, राजनीतिक चुप्पी और विस्थापित इतिहास की पुकार

और लोड करें

गोडसे की गोली से नहीं हुई गांधी की मौत?

गांधी की हत्या को लेकर भी कई तरह के दावे किए जाते हैं जिनमें एक दावा उनकी मौत गोडसे की ‘गोलियां से ना होकर किसी अन्य गोली से हुई थी’ ऐसा माना जाता है। आम धारणा है कि गांधी को 3 गोलियां लगी थी लेकिन 31 जनवरी 1948 को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि गांधी को 4 गोलियां लगी थीं। रॉयटर्स, लोकसत्ता, डॉन और टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे अखबारों की रिपोर्ट में लिखा गया था कि गांधी को 4 गोलियां मारी गई थीं।

रिसर्चर पंकज फडणीस का कहना है कि बिड़ला हाउस में गांधी के बेडरूम के बाहर का बोर्ड जिस पर उनकी मृत्यु के गवाहों का विवरण है वहां भी चार गोलियां चलने की बात कही गई है व हिंदू अखबार में प्रकाशित फोटो में गांधी के शरीर पर 4 घाव दिखाई दिए थे। फडणीस का कहना है कि गांधी को लगी दो गोलियां घटनास्थल पर ही मिल गई थीं, एक उनकी अस्थियों में मिली और मनु बेन को एक गोली गांधी की शॉल से मिली थी

गांधी की हत्या पर डॉन की रिपोर्ट में 4 गोलियों का ज़िक्र
लोकसत्ता की खबर (स्रोत: “The men who killed Gandhi” by Manohar Malgonkar)

हालांकि, कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अखबारों में गांधी को 3 गोली मारे जाने की ही खबर दी गई थी और पुलिस का रुख भी ऐसा ही रहा है। ‘द गार्जियन’ की 31 जनवरी की 1948 की रिपोर्ट में दावा किया गया था वहां चार गोली चली थीं और चौथी गोली गोडसे ने खुद को मारने के लिए चलाई थी।

‘द गार्जियन’ की 31 जनवरी 1948 की खबर

गांधी की हत्या को लेकर ‘Make Sure Gandhi Is Dead’ किताब लिखने वाले रंजीत सावरकर दावा करते हैं कि गांधी की मौत गोडसे की गोली से नहीं हुई थी। साथ ही उन्होंने गांधी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर भी आपत्ति जताई थी। रंजीत सावरकर का दावा है कि उनके पास यह साबित करने के लिए सबूत हैं कि गांधी के शरीर में मिली गोलियां गोडसे की पिस्तौल से नहीं बल्कि एक अलग दिशा और एक अलग बंदूक से आई थीं। गांधी को 4 गोली लगने के दावे की सरकारी तौर पर पुष्टि नहीं हो सकी है इसकी जांच की मांग की गई है और इसे लेकर अभी और स्पष्टता मिलनी बाकी है।

स्रोत: महात्मा गांधी, नाथूराम गोडसे, गांधी हत्याकांड, इतिहास, स्वतंत्रता, Mahatma Gandhi, Nathuram Godse, Gandhi assassination, history, freedom,
Tags: FreedomGandhi assassinationHistoryMahatma GandhiNathuram Godseइतिहासगांधी हत्याकांडनाथूराम गोडसेमहात्मा गाँधीस्वतंत्रता
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

कांग्रेस को खत्म करना चाहते थे गांधी

अगली पोस्ट

महामंडलेश्वर पद से हटाई गईं ममता कुलकर्णी, किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर से भी छीना गया पद

संबंधित पोस्ट

कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा
इतिहास

कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

13 September 2025

इतिहास की धूल में दबी कुछ कहानियां ऐसी हैं, जिनकी चमक आज भी आंखें चौंधिया देती है। कोहिनूर हीरा ऐसी ही एक कहानी है। यह...

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया
अर्थव्यवस्था

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

12 September 2025

नक्शे पर देखिए—दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया। समंदरों और पहाड़ों से घिरा यह इलाका इस समय दुनिया की राजनीति का सबसे बड़ा अखाड़ा है। यहां केवल...

बैटल ऑफ सारागढ़ी
इतिहास

बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

12 September 2025

सैन्य शब्दकोश का एक शब्द है- ‘लास्ट स्टैंड’, यानी वो लड़ाई जहां एक पक्ष भले ही हार गया हो, लेकिन उसकी शूरवीरता, उसकी जांबाज़ी हार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited