अगरतला की प्रभुबाड़ी पूजा: नित्यानंद महाप्रभु के वंशजों द्वारा शुरू की गई 170 वर्ष पुरानी पूजा क्यों है विशेष और क्या है इतिहास ?
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    घुसपैठ, बाढ़ और चार दिवाली: अररिया से अमित शाह का चुनावी गणित

    घुसपैठ, बाढ़ और चार दिवाली: अररिया से अमित शाह का चुनावी गणित

    'मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है', बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

    ‘मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है’, बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

    बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

    बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता: वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता, वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    अमेरिका के बदले सुर: अब ट्रंप और मोदी के मुलाकात की तैयारी

    अमेरिका के बदले सुर: अब ट्रंप और मोदी के मुलाकात की तैयारी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    UNGA में पाकिस्तानी पीएम के बयान पर भारत का करारा पलटवार

    UNGA में पाकिस्तानी पीएम के बयान पर भारत का करारा पलटवार

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता: वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता, वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

    भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

    MiG-21 का प्रणाम: राष्ट्र-आकाश में पराक्रम की अमिट छाप छोड़कर विदाई, शौर्य, पराक्रम और पराकाष्ठा का 62 वर्षों की गाथा को विराम

    MiG-21 का प्रणाम: राष्ट्र-आकाश में पराक्रम की अमिट छाप छोड़कर विदाई, शौर्य, पराक्रम और पराकाष्ठा का 62 वर्षों की गाथा को विराम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    UNGA में पाकिस्तानी पीएम के बयान पर भारत का करारा पलटवार

    UNGA में पाकिस्तानी पीएम के बयान पर भारत का करारा पलटवार

    UNGA में नेतन्याहू की चेतावनी: बंधकों को तुरंत छोड़ो, हथियार डालो या परिणाम भुगतोगे

    UNGA में नेतन्याहू की चेतावनी: बंधकों को तुरंत छोड़ो, हथियार डालो या परिणाम भुगतोगे

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता: वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता, वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अगरतला की प्रभुबाड़ी पूजा: नित्यानंद महाप्रभु के वंशजों द्वारा शुरू की गई 170 वर्ष पुरानी पूजा क्यों है विशेष और क्या है इतिहास ?

    अगरतला की प्रभुबाड़ी पूजा: नित्यानंद महाप्रभु के वंशजों द्वारा शुरू की गई 170 वर्ष पुरानी पूजा क्यों है विशेष और क्या है इतिहास ?

    देवी माँ कात्यायनी कौन हैं? नवरात्रि के छठे दिन उनकी पूजा क्यों की जाती है?

    देवी मां कात्यायनी कौन हैं? नवरात्रि के छठे दिन उनकी पूजा क्यों की जाती है?

    भारत में पर्यटन: आस्था से अर्थव्यवस्था तक

    तीर्थ, संस्कृति और समृद्धि: क्यों भारत का पर्यटन है अनोखा

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    घुसपैठ, बाढ़ और चार दिवाली: अररिया से अमित शाह का चुनावी गणित

    घुसपैठ, बाढ़ और चार दिवाली: अररिया से अमित शाह का चुनावी गणित

    'मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है', बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

    ‘मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है’, बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

    बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

    बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता: वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता, वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    अमेरिका के बदले सुर: अब ट्रंप और मोदी के मुलाकात की तैयारी

    अमेरिका के बदले सुर: अब ट्रंप और मोदी के मुलाकात की तैयारी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    UNGA में पाकिस्तानी पीएम के बयान पर भारत का करारा पलटवार

    UNGA में पाकिस्तानी पीएम के बयान पर भारत का करारा पलटवार

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता: वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता, वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

    भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

    MiG-21 का प्रणाम: राष्ट्र-आकाश में पराक्रम की अमिट छाप छोड़कर विदाई, शौर्य, पराक्रम और पराकाष्ठा का 62 वर्षों की गाथा को विराम

    MiG-21 का प्रणाम: राष्ट्र-आकाश में पराक्रम की अमिट छाप छोड़कर विदाई, शौर्य, पराक्रम और पराकाष्ठा का 62 वर्षों की गाथा को विराम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    UNGA में पाकिस्तानी पीएम के बयान पर भारत का करारा पलटवार

    UNGA में पाकिस्तानी पीएम के बयान पर भारत का करारा पलटवार

    UNGA में नेतन्याहू की चेतावनी: बंधकों को तुरंत छोड़ो, हथियार डालो या परिणाम भुगतोगे

    UNGA में नेतन्याहू की चेतावनी: बंधकों को तुरंत छोड़ो, हथियार डालो या परिणाम भुगतोगे

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता: वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता, वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अगरतला की प्रभुबाड़ी पूजा: नित्यानंद महाप्रभु के वंशजों द्वारा शुरू की गई 170 वर्ष पुरानी पूजा क्यों है विशेष और क्या है इतिहास ?

    अगरतला की प्रभुबाड़ी पूजा: नित्यानंद महाप्रभु के वंशजों द्वारा शुरू की गई 170 वर्ष पुरानी पूजा क्यों है विशेष और क्या है इतिहास ?

    देवी माँ कात्यायनी कौन हैं? नवरात्रि के छठे दिन उनकी पूजा क्यों की जाती है?

    देवी मां कात्यायनी कौन हैं? नवरात्रि के छठे दिन उनकी पूजा क्यों की जाती है?

    भारत में पर्यटन: आस्था से अर्थव्यवस्था तक

    तीर्थ, संस्कृति और समृद्धि: क्यों भारत का पर्यटन है अनोखा

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अगरतला की प्रभुबाड़ी पूजा: नित्यानंद महाप्रभु के वंशजों द्वारा शुरू की गई 170 वर्ष पुरानी पूजा क्यों है विशेष और क्या है इतिहास ?

‘प्रभुबाड़ी’ का अर्थ है राजवंश के आध्यात्मिक गुरु (गुरु घराना) का निवास स्थान। त्रिपुरा के भारत संघ में विलय होने तक ये पूजा राजपरिवार के साथ गहराई से जुड़ी रही।

Vibhuti Ranjan द्वारा Vibhuti Ranjan
27 September 2025
in इतिहास, ज्ञान, धर्म, धार्मिक कथा, संस्कृति
अगरतला की प्रभुबाड़ी पूजा: नित्यानंद महाप्रभु के वंशजों द्वारा शुरू की गई 170 वर्ष पुरानी पूजा क्यों है विशेष और क्या है इतिहास ?

अब त्रिपुरा सरकार मंदिर और पूजा का पूरा खर्च उठाती है।

Share on FacebookShare on X
अगरतला की प्रभुबाड़ी पूजा
अगरतला की प्रभुबाड़ी पूजा

उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य में शुरू हुई ‘प्रभुबाड़ी’ की दुर्गा पूजा वैष्णव परंपराओं के अनुसार संपन्न होती है और त्रिपुरा की सबसे प्राचीन धार्मिक परंपराओं में से एक मानी जाती है। इस ऐतिहासिक पूजा में अब भी त्रिपुरा के प्राचीन राजसी गौरव व इतिहास की झलक दिखाई देती है। पूजा का मौजूदा स्वरूप दर्शाता है कि त्रिपुरा के राजाओं ने गौड़ीय वैष्णव धर्म को किस प्रकार सिर्फ संरक्षण दिया, बल्कि उसके मूल स्वरूप और मूल भावना को भी जीवंत रखने में सहयोग दिया।

‘प्रभुबाड़ी’ का अर्थ है राजवंश के आध्यात्मिक गुरु (गुरु घराना) का निवास स्थान। त्रिपुरा के भारत संघ में विलय होने तक ये पूजा राजपरिवार के साथ गहराई से जुड़ी रही। पिछले लगभग 170 वर्षों से यह पूजा राजपरिवार के लिए अत्यधिक आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व रखती है। यहाँ की दुर्गा प्रतिमा को पूरे राजकीय सम्मान के साथ विसर्जित किया जाता है, ठीक वैसे ही जैसे राजपरिवार के दुर्गाबाड़ी मंदिर की प्रतिमा का विसर्जन होता है। परंपरा के अनुसार, सबसे पहले ‘प्रभुबाड़ी’ की प्रतिमा का विसर्जन होता है, उसके बाद ‘दुर्गाबाड़ी’ की प्रतिमा और फिर सामुदायिक तथा गृह पूजा की प्रतिमाएँ विसर्जन स्थल की ओर जाती हैं।

संबंधितपोस्ट

डिजिटल दोस्ती: बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर ने प्रेमी दत्ता यादव से मिलने के लिए अवैध रूप से पार की सीमा, BSF ने दोनों को पकड़ा

त्रिपुरा में मंत्रिपरिषद विस्तार कल, किसको मिलेगा मौका? किसकी होगी छुट्टी?

त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम को टाला गया

और लोड करें

ऐतिहासिक विवरणों के अनुसार, ‘प्रभुबाड़ी’ की पूजा महाराजा ईशनचंद्र माणिक्य के शासनकाल में शुरू हुई थी। उन्होंने अपने आध्यात्मिक गुरु प्रभुपाद बिपिन बिहारी गोस्वामी और उनके पूरे परिवार के लिए अगरतला के लक्ष्मीनारायण बाड़ी के पास स्थायी निवास की व्यवस्था की थी।
गोस्वामी को महाराजा ने अपना प्रधानमंत्री भी नियुक्त किया क्योंकि राजा का मानना था कि शासन में न्याय और व्यवस्था के लिए संत का आध्यात्मिक मार्गदर्शन आवश्यक है।

बिपिन बिहारी गोस्वामी, नित्यानंद महाप्रभु के वंशज थे, जिनका संबंध चैतन्य महाप्रभु से भी माना जाता है। चैतन्य महाप्रभु बंगाल में भक्ति आंदोलन के प्रवर्तक थे। वैष्णव परंपरा के अनुसार, नित्यानंद महाप्रभु को ‘बलराम’ (भगवान श्रीकृष्ण के अग्रज) का अवतार माना जाता है।
माधवबांदा गोस्वामी, जो उस समय के आध्यात्मिक गुरु के वंशज हैं, बताते हैं, “प्रभु बिपिन बिहारी गोस्वामी का माणिक्य राजवंश से संबंध एक चमत्कारिक घटना के बाद जुड़ा। उस समय राजकुमार गंभीर रूप से बीमार थे। प्रभु अगरतला में अपने धार्मिक भ्रमण पर पहुँचे थे। वहाँ उन्हें राजकुमार की हालत के बारे में पता चला और उन्होंने महल जाकर उनका उपचार करने की इच्छा जताई। तीन दिनों तक उन्होंने लक्ष्मीनारायण बाड़ी में ध्यान किया और तीसरे दिन जब वे राजकुमार के पास पहुँचे, तो एक चमत्कार घटित हुआ- राजकुमार उनके सानिध्य में आते ही पूरी तरह स्वस्थ हो गए। इससे प्रभावित होकर महाराजा ईशनचंद्र माणिक्य ने उनसे ‘दीक्षा ग्रहण’ की, साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री पद संभालने की विनती की।

शुरुआत में प्रभु ने यह कहते हुए पद स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि उनका परिवार बंगाल में है। लेकिन राजा के आग्रह पर उनके पूरे परिवार को अगरतला लाकर बसाया गया। साथ ही प्रभु अपने साथ पूजनीय शालिग्राम शिला भी लाए जिसे राधा नीलकंठ मणि जिउ देवता मंदिर में प्रतिष्ठित किया गया।

गोस्वामी बताते हैं, “महाराजा के आदेश पर उस शिला के लिए हाथीदांत का एक सिंहासन तैयार कराया गया जो राजसिंहासन की तरह था। लेकिन उसकी ऊँचाई राजसिंहासन के कम निकली- तो इसके नीचे एक और सिंहासन लगाया गया, ताकि ईश्वर की सत्ता राजसत्ता से ऊपर रहे। वह शिला आज भी मंदिर में प्रतिष्ठित है।”

तब से परंपरा यह रही है कि दशमी के दिन राजमहल में सबसे पहले प्रभुबाड़ी की प्रतिमा को धार्मिक रीति-रिवाजों से ग्रहण किया जाता है और उसके बाद दुर्गाबाड़ी की प्रतिमा आती है। फिर दोनों को एक साथ विसर्जन स्थल ले जाया जाता है।

महाराजा ईशनचंद्र माणिक्य 1849 से 1862 तक गद्दी पर रहे। इस पूजा की विशेषता के बारे में गोस्वामी कहते हैं, “इस पूजा की सारी विधियाँ मत्स्य पुराण के अनुसार होती हैं। मत्स्य पुराण अठारह महापुराणों में से एक है और संस्कृत साहित्य की सबसे प्राचीन और संरक्षित कृतियों में इसकी गिनती होती है। ये पूरा आयोजन शुद्ध वैष्णव रीति से किया जाता है।”

माधवबांदा गोस्वामी बताते हैं कि राजशाही काल में चकला रोशनाबाद (अब बांग्लादेश में) की रियासत से वसूले जाने वाले राजस्व का एक हिस्सा पहले उनके परिवार और मंदिर के लिए तय था। परंतु राजशाही के खत्म होने के बाद ये पूजा और अन्य धार्मिक गतिविधियां निजी स्तर पर आयोजित होने लगीं। हालांकि अब त्रिपुरा सरकार मंदिर और पूजा का पूरा खर्च उठाती है।
आज भी ये पूजा न सिर्फ त्रिपुरा की सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों का प्रतीक है, बल्कि त्रिपुरा के सनातन धर्म के साथ गहन जुड़ाव को भी प्रदर्शित करती है।

ये लेख टीएफआई के लिए मृणाल कांति बानिक ने लिखा है। त्रिपुरा में रहने वाले मृणाल पूर्वोत्तर भारत के जाने-माने पत्रकार हैं, व पूर्वोत्तर भारत के इतिहास, संस्कृति और समाजिक मुद्दों पर लगातार लेखन करते हैं।

Tags: AgartalaGovernment of TripuraMaharaja Ishanchandra ManikyaNityananda MahaprabhuPrabhubari PujaTripuraअगरतलात्रिपुरात्रिपुरा सरकारनित्यानंद महाप्रभुप्रभुबाड़ी पूजामहाराजा ईशनचंद्र माणिक्य
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

घुसपैठ, बाढ़ और चार दिवाली: अररिया से अमित शाह का चुनावी गणित

संबंधित पोस्ट

देवी माँ कात्यायनी कौन हैं? नवरात्रि के छठे दिन उनकी पूजा क्यों की जाती है?
इतिहास

देवी मां कात्यायनी कौन हैं? नवरात्रि के छठे दिन उनकी पूजा क्यों की जाती है?

27 September 2025

इस वर्ष नवरात्रि का छठा दिन 27 सितंबर को है। नौ दिवसीय हिंदू त्योहार 22 सितंबर से शुरू हुआ और 2 अक्टूबर को समाप्त होगा।...

'मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है', बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान
क्राइम

‘मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है’, बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

27 September 2025

लखनऊ में आयोजित विकसित उत्तर प्रदेश विजन @2047 के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली में हुए बवाल को लेकर बड़ा बयान दिया। सीएम...

बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल
क्राइम

बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

27 September 2025

उत्तर प्रदेश के बरेली में पिछले शुक्रवार को जो कुछ हुआ, वह महज़ एक स्थानीय दंगा नहीं था। यह भारतीय समाज और लोकतंत्र के सामने...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

When Bharat Was One: “The Shakti Peeths That Now Lie in Pakistan”

When Bharat Was One: “The Shakti Peeths That Now Lie in Pakistan”

00:05:11

Why Sanjeev Sanyal Says India Can’t Become Viksit Bharat Without Judicial Reform?

00:07:30

What A Space War Looks Like – And How India Is Preparing For it?

00:06:35

Story of The Battle of Dograi & Valiant Soldiers of 3 JAT

00:06:25

Why Kerala Is Facing a Deadly ‘Brain-Eating Amoeba’ Outbreak Like Never Before?

00:06:07
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited