भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर में सफलता के बाद लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई का प्रमोशन हुआ है। लेफ्टिनेंट जनरल घई को भारतीय सेना के उप सेना प्रमुख (रणनीति) बनाया गया है। उनकी पदोन्नति की जानकारी सोमवार को सामने आई। उप सेना प्रमुख के रूप में वह अब सेना के रणनीतिक मामलों को देखेंगे। यानी अब लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई उप सेना प्रमुख होने के साथ-साथ डीजीएमओ का कार्यभार भी संभाल रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में अपनी सफल भूमिका निभाई थी। उन्होंने डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) के पद रहते हुए रणनीति बनाने में अहम भागीदारी निभाई थी।
कंधो पर होगी दोहरी जिम्मेदारी
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई बतौर उप सेना प्रमुख वह रणनीति मामलों को देखेंगे। इस पद पर प्रमोशन मिलने के बावजूद राजीव घई पूर्व की तरह फिलहाल डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन यानी DGMO का कार्यभार भी संभालते रहेंगे।
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कितना महत्वपूर्ण है पद
उप सेना प्रमुख (स्ट्रैटजी) का पद बेहद महत्वपूर्ण है। सेना के सभी ऑपरेशनल कार्यक्षेत्र इसी कार्यालय को रिपोर्ट करते हैं। इसके अलावा भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य बातचीत का नेतृत्व डीजीएमओ ही करते हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इसके बाद पाकिस्तान ने इसी कार्यालय से संपर्क किया था।
पुरस्कार और सम्मान
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई योग्य और सम्मानित अधिकारी हैं। उन्होंने डीजीएमओ रहते हुए बहुत से अनुकरणीय कार्य किए हैं। विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर उन्होंने कूटनीतिक पहलुओं को संभाला है। जनरल राजीव घई को अनुकरणीय सेवा के लिए कई सैन्य सम्मान मिले हैं।
- उत्तम युद्ध सेवा पदक (UYSM)
- अति विशिष्ट सेवा पदक (AVSM)
- सेना पदक (SM)
शिक्षा और प्रारंभिक कैरियर
राजीव घई ने भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से स्नातक किया है। इसके बाद उन्होंने सेना में अपना सफर दिसंबर 1989 में कुमाऊं रेजिमेंट में कमीशन मिलने के बाद किया था। अपने 33 साल के करियर में वो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों तैनात रहे। इस दौरान उन्होंने फील्ड में कर्नल जनरल स्टाफ, सेना मुख्यालय में ब्रिगेडियर जैसे पदों की जिम्मेदारी निभाई। राजीव घई ने पश्चिमी क्षेत्र में एक बटालियन, एक ब्रिगेड और उत्तरी सीमाओं पर एक डिवीजन की कमान अपने हाथों में संभाली है।