TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    कट्टरपंथियों के दबाव में झुकी बांग्लादेश की यूनुस सरकार: प्राइमरी स्कूलों में म्यूजिक और पीटी टीचर भर्ती रद्द, शिक्षा प्रणाली और लोकतंत्र पर खतरा

    कट्टरपंथियों के दबाव में झुकी बांग्लादेश की यूनुस सरकार: प्राइमरी स्कूलों में म्यूजिक और पीटी टीचर भर्ती रद्द, शिक्षा प्रणाली और लोकतंत्र पर खतरा

    सागरिका घोष और कांग्रेस का फर्जी मोदी-विरोधी नैरेटिव: अमेरिका में बांग्लादेशी महिला को गुजरात बता कर भारत की छवि को किया शर्मसार

    सागरिका घोष और कांग्रेस का फर्जी मोदी-विरोधी नैरेटिव: अमेरिका में बांग्लादेशी महिला को गुजरात बता कर भारत की छवि को किया शर्मसार

    वंशवाद पर थरूर का वार, कांग्रेस बैकफुट पर, क्या राहुल-प्रियंका अब भी ‘राष्ट्रीय विकल्प’ कहे जा सकते हैं?

    वंशवाद पर थरूर का वार, कांग्रेस बैकफुट पर, क्या राहुल-प्रियंका अब भी ‘राष्ट्रीय विकल्प’ कहे जा सकते हैं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतहासिक जीत

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    कट्टरपंथियों के दबाव में झुकी बांग्लादेश की यूनुस सरकार: प्राइमरी स्कूलों में म्यूजिक और पीटी टीचर भर्ती रद्द, शिक्षा प्रणाली और लोकतंत्र पर खतरा

    कट्टरपंथियों के दबाव में झुकी बांग्लादेश की यूनुस सरकार: प्राइमरी स्कूलों में म्यूजिक और पीटी टीचर भर्ती रद्द, शिक्षा प्रणाली और लोकतंत्र पर खतरा

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    कट्टरपंथियों के दबाव में झुकी बांग्लादेश की यूनुस सरकार: प्राइमरी स्कूलों में म्यूजिक और पीटी टीचर भर्ती रद्द, शिक्षा प्रणाली और लोकतंत्र पर खतरा

    कट्टरपंथियों के दबाव में झुकी बांग्लादेश की यूनुस सरकार: प्राइमरी स्कूलों में म्यूजिक और पीटी टीचर भर्ती रद्द, शिक्षा प्रणाली और लोकतंत्र पर खतरा

    सागरिका घोष और कांग्रेस का फर्जी मोदी-विरोधी नैरेटिव: अमेरिका में बांग्लादेशी महिला को गुजरात बता कर भारत की छवि को किया शर्मसार

    सागरिका घोष और कांग्रेस का फर्जी मोदी-विरोधी नैरेटिव: अमेरिका में बांग्लादेशी महिला को गुजरात बता कर भारत की छवि को किया शर्मसार

    वंशवाद पर थरूर का वार, कांग्रेस बैकफुट पर, क्या राहुल-प्रियंका अब भी ‘राष्ट्रीय विकल्प’ कहे जा सकते हैं?

    वंशवाद पर थरूर का वार, कांग्रेस बैकफुट पर, क्या राहुल-प्रियंका अब भी ‘राष्ट्रीय विकल्प’ कहे जा सकते हैं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतहासिक जीत

    भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    हवा, पानी और जमीन तीनों सेनाएं एक साथ: मेचुका में ‘पूर्वी प्रचंड प्रहार’ से चीन के इरादों को कड़ा जवाब

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    भारत ने चुपचाप बनाई नई भू-रणनीतिक धुरी, पीओके से लेकर बलूचिस्तान तक पाकिस्तान की दरकने लगी ‘पूर्वी दीवार’, जानें क्या है तालिबान-दिल्ली डील का असली मतलब?

    कट्टरपंथियों के दबाव में झुकी बांग्लादेश की यूनुस सरकार: प्राइमरी स्कूलों में म्यूजिक और पीटी टीचर भर्ती रद्द, शिक्षा प्रणाली और लोकतंत्र पर खतरा

    कट्टरपंथियों के दबाव में झुकी बांग्लादेश की यूनुस सरकार: प्राइमरी स्कूलों में म्यूजिक और पीटी टीचर भर्ती रद्द, शिक्षा प्रणाली और लोकतंत्र पर खतरा

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    मुनीर की ताजपोशी और अमेरिका-चीन की शह: पाकिस्तान में शुरू हुआ सत्ता-सेना गठबंधन का नया संस्करण, भारत को सीधे चुनौती

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

नेहरू को इतिहास से निकाल कर कूट दिए वो भी जयराम रमेश के सामने, किरेन रिजिजू नाम है हमारा!

इतनी बेइज्जती कौन करता है भाई!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
13 October 2022
in इतिहास
किरेन रिजिजू
Share on FacebookShare on X

श्रीमद्भगवद्गीता में कहा गया है कि कर्म किए जाओ, फल की चिंता मत करो! जवाहरलाल मोतीलाल नेहरू को इस बात पर तनिक चिन्तन तो करना ही चाहिए था या जो भी उनका वास्तविक नाम था। आज बिना नेहरू की धुनाई किए वास्तविक इतिहास और भारतीयों का भोजन नहीं हजम होता।

नेहरू की हठधर्मिता

इसी क्रम में कश्मीर के विलय पर हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुनः दोहराया कि कैसे नेहरू की हठधर्मिता के कारण जम्मू और कश्मीर का सम्पूर्ण विलय संभव नहीं हो सका। साथ ही उन्होंने ये भी दोहराया कि यह नेहरू के अकर्मण्यता और लालच का ही परिणाम था कि आज तक कश्मीर हिंसा के दुष्चक्र में फंसा हुआ है।

संबंधितपोस्ट

मोहन भागवत ने बताया भारत का अगला लक्ष्य, अब PoK को कब तक रोक पाएंगे मुल्ला मुनीर?

“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे”: संघ की प्रार्थना की वैश्विक ध्वनि और भारत के उदय की गाथा

“जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

और लोड करें

पीएम मोदी के अनुसार, “हमारे देश के गृहमंत्री, लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने अन्य रियासतों के विलय से संबंधित मुद्दों को चतुराई से हल किया, लेकिन ‘एक व्यक्ति’ कश्मीर मुद्दे को नहीं सुलझा सका”।

फिर क्या था, नेहरू गान दिन प्रतिदिन जपने वाले कांग्रेस के चमचों की सुलग गई, और वे आ गए अपने आका की रक्षा में। चमचा शिरोमणि और पूर्व में केंद्रीय मंत्री रह चुके जयराम रमेश कितने तिलमिलाए हुए थे, ये महोदय के ट्वीट्स से ही पता चलता है। वे कहते हैं, “प्रधानमंत्री ने फिर से सच्चे इतिहास को झुठला दिया। वो जम्मू-कश्मीर पर नेहरू को कठघरे में खड़ा करने के लिए तथ्यों को नजरअंदाज करते हैं। ये सभी तथ्य राजमहोन गांधी द्वारा लिखित सरदार पटेल की जीवनी में दर्ज हैं।’
उन्होंने कहा कि महाराजा हरि सिंह ने विलय से इनकार किया था। तब वो आजादी का सपना देख रहे थे। लेकिन जब पाकिस्तान ने हमला किया तब हरि सिंह ने भारत में विलय किया। शेख अब्दुल्ला ने कश्मीर में भारत के विलय का मार्ग प्रशस्त किया क्योंकि वो नेहरू के दोस्त और प्रशंसक थे। अब्दुल्ला गांधी का भी आदर करते थे। सरदार पटेल तो 13 सितंबर 1947 तक कश्मीर का पाकिस्तान में विलय के समर्थक हुआ करते थे जब जूनागढ़ के नवाब ने पाकिस्तान विलय किया था”।

और पढ़ें- कॉलेजियम प्रणाली को जड़ से उखाड़ने को तैयार हैं किरेन रिजिजू

किरेन रिजिजू ने धज्जियां उड़ा दीं

परंतु जयराम को क्या पता था कि ये 2022 है, 2004 नहीं कि इन्होंने कुछ बका, और जनता ने हाथों लपक लिया। इनकी खटिया खड़ी करने हेतु केन्द्रीय विधि मंत्री एवं भाजपा के कद्दावर नेता किरेन रिजिजू ने एक के बाद एक ट्वीट्स में नेहरू की धज्जियां उड़ाते जयराम रमेश को प्रत्युत्तर में ट्वीट किया,

“जवाहर लाल नेहरू के संदिग्ध भूमिका का बचाव करने के लिए लंबे समय से कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के बारे में ऐतिहासिक झूठ बोला जा रहा है। वह ऐतिहासिक झूठ यह है कि महाराजा हरि सिंह कश्मीर का भारत में विलय के मुद्दे पर घबराए हुए थे। जयराम रमेश का झूठ उजागर करने के लिए नेहरू के बयान को ही दोहराता हूं” –

This 'historical lie', that Maharaja Hari Singh dithered on question of accession of Kashmir with India has gone on for far too long in order to protect the dubious role of J.L.Nehru. ⁰
Let me quote Nehru himself to bust the lie of @Jairam_Ramesh. 1/6⁰https://t.co/US4XUKAF8E

— Kiren Rijiju (मोदी का परिवार) (@KirenRijiju) October 12, 2022

“शेख अब्दुल्ला के साथ समझौते के बाद 24 जुलाई 1952 को लोकसभा को संबोधित किया था। नेहरू ने कहा था कि महाराजा हरि सिंह ने कश्मीर के भारत में विलय के लिए पहली बार उनसे जुलाई 1947 में बातचीत की थी। यानी, स्वतंत्रता मिलने से एक महीने पहले। लेकिन नेहरू ने महाराजा की बातों की अनसुनी कर दी और उन्हें फटकार लगाई”।

परंतु किरेन रिजिजू महोदय इतने पर नहीं रुके। उन्होंने अनेक साक्ष्यों के साथ ट्वीट्स शेयर करते हुए लिखा,

“हमारे पास कश्मीर का अनौपचारिक प्रस्ताव आया तो हमने उसे सलाह दी कि नैशनल कॉन्फ्रेंस जैसे लोकप्रिय संगठनों और उनके नेताओं के साथ-साथ महाराजा की सरकार के साथ भी हमारे संपर्क हैं। हमने दोनों को सलाह दी कि कश्मीर का मामला सबसे हटकर है और वहां जल्दबाजी करना ठीक नहीं होगा। हमने आम सिद्धांत बनाया कि खासकर कश्मीर के लोगों की राय ली जानी चाहिए। यह विभाजन और आजादी से पहले की बात थी। हमने स्पष्ट कर दिया था कि महाराजा और उनकी सरकार ने अगर भारत में विलय की इच्छा जताई होती तो भी हम उनसे कुछ और चाहते। वो यह कि यह कदम उठाने से पहले वहां के लोगों की राय ली जाए। हम नहीं चाहते थे कि किसी चालाकी से कागज पर कुछ हासिल कर लें”।
और पढ़ें-

“इसलिए हमने जुलाई 1947 में स्पष्ट कर दिया कि जम्मू और कश्मीर पर कोई कदम उठाने में जल्दबाजी नहीं की जाए। हालांकि, वहां के कई नेता व्यक्तिगत रूप से विलय चाहते थे, लेकिन उन्हें अपने लोगों का मिजाज भी पता था, इसलिए उन्होंने कहा कि लोगों की तरफ से ही पहल होनी चाहिए ना कि महारीज की सरकार की तरफ से। तभी कोई फैसला टिकाऊ होगा। हमने उनकी बात पूरी तरह स्वीकार कर लिया। इसलिए हमने महाराजा की सरकार और लोकप्रिय नेताओं को संदेश दिया कि विलय के लिए जल्दबाजी नहीं की जाए। इसके लिए तब तक इंतजार किया जाना चाहिए जब तक कि लोगों की मंशा जानने का कोई तरीका नहीं निकाल लिया जाए।’
“मुझे याद है कि संभवतः 27 अक्टूबर को हम दिनभर माथापच्ची करने के बाद शाम को इस नतीजे पर पहुंचे कि सभी जोखिमों और खतरों बावजूद हम महाराजा की अपील ठुकरा नहीं सकते और हमें अब उनकी मदद करनी ही होगी। यह आसान नहीं था।
कुल मिलाकर…
1. महाराजा जुलाई 1947 में ही भारत में कश्मीर का विलय करना चाहते थे।
2. नेहरू ने ही हरि सिंह का आग्रह ठुकरा दिया था।
3. नेहरू ने कश्मीर के लिए कुछ ‘विशेष’ सोच रखा था और वो विलय से भी ज्यादा कुछ चाहते थे।

और पढ़ें- देशद्रोह कानून को लेकर बकवास कर रहे थे राहुल गांधी, किरेन रिजिजू ने धागा ही खोल दिया

किरेन रिजिजू ने उठाया प्रश्न

किरेन रिजिजू आगे पूछते हैं, “उन्होंने क्या खास सोच रखा था? वोट बैंक की राजनीति? नेहरू ने कश्मीर को अकेला अपवाद क्यों बनाया जबकि महाराजा भारत में विलय चाहते थे, फिर भी नेहरू बहुत कुछ और भी चाह रहे थे? वो बहुत कुछ ज्यादा क्या था? सच्चाई यह है कि भारत आज भी नेहरू की गलत नीतियों की कीमत चुका रहा है”।

ठहरिए, ये बातें तनिक सुनी-सुनी सी नहीं प्रतीत होती? होती कैसे नहीं, क्योंकि नेहरू के कर्मकांडों की गूंज दूर-दूर तक है। जस्टिस एस एन अग्रवाल की पुस्तक ‘Nehru’s Himalayan Blunders’ ने इनके काले करतूतों को निस्संकोच सबके समक्ष प्रदर्शित किया है, साथ ही ये भी बताया है कि कैसे महाराजा हरी सिंह डोगरा स्वयं भारत का विलय चाहते थे, परंतु उनकी बात सम्पूर्ण भारत तक पहुंचने ही नहीं दी गयी।

ऐसा कैसे हुआ? एक कारण तो स्वयं नेहरू थे और दूसरे थे उन्हीं के ‘विश्वासपात्र’, सदर-ए-रियासत [प्रधानमंत्री], रामचन्द्र काक।  इस विषय पर TFI पोस्ट ने भी काफी गहन विश्लेषण किया था, और समय-समय पर इस गठजोड़ पर प्रकाश भी डाला है।

और पढ़ें- नेहरू की वो 3 गलतियां जिन्होंने विभाजन की विभीषिका को जन्म दिया

अंतिम निर्णय लेने से पहले…

1945-1947 के दौरान काक के पास ब्रिटिश राज से सत्ता के हस्तांतरण का कठिन काम था। किन्तु, क्या आप जानते हैं की वो काक ही थे जिन्होंने जम्मू कश्मीर के भारत में विलय को रोक कर रखा। इतना ही नहीं उन्होंने राज्य में उठ रही लोकतंत्र की मांग और भारत में विलय के आन्दोलन को भी रोकने की कोशिश की। उन्हों राज्य के विलय के लिए ब्रिटिश दबाव को भी दूर किया। वो राजशाही और कश्मीर के स्वतंत्रता के प्रखर समर्थक और भारत में विलय के मुखर विरोधी थे। यद्यपि उनका ज्यादा झुकाव जिन्ना और पाकिस्तान के तरफ था। उन्होंने अंतिम निर्णय लेने से पहले महाराजा को कम से कम एक वर्ष तक स्वतंत्र रहने की सलाह दी। किन्तु, जम्मू कश्मीर में उनकी लोकप्रियता की वजह से अगस्त 1947 में भारत और पाकिस्तान की स्वतंत्रता से कुछ समय पहले उन्हें प्रधानमंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।

जून 1947 में भारत के विभाजन के निर्णय के बाद, कश्मीर विलय पर निर्णय अटक गया। लॉर्ड माउंटबेटन ने जून (19-23 जून) में कश्मीर का दौरा किया और संवैधानिक राजतंत्र के निरंतरता की गारंटी देते हुए निर्णय लेने के लिए महाराजा के साथ-साथ काक को भी राजी किया। काक द्वारा “सही विकल्प” के बारे में पूछे जाने पर, काक की अंतिम स्थिति यह थी कि “चूंकि कश्मीर पाकिस्तान में शामिल नहीं होगा, यह भारत में शामिल नहीं हो सकता। उन्होंने महाराजा को सलाह दी कि कश्मीर को स्वतंत्र रहना चाहिए। कम से कम एक वर्ष, जब तक विलय के मुद्दे पर विचार किया जा सके।

और पढ़ें- RRR में गांधी और नेहरू को भाव न देने के पीछे एक बहुत महत्वपूर्ण कारण है

मुस्लिम लीग के नेताओं से मुलाकात

काक ने जुलाई में नई दिल्ली में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के नेताओं से मुलाकात की। जिन्ना ने उनसे कहा कि अगर कश्मीर बाद में नहीं बल्कि तुरंत मिल जाता है तो कश्मीर का बेहतर शर्तों के साथ विलय कराया जायेगा। काक ने भारत के लिए रियासतों के प्रभारी सचिव वी. पी. मेनन से भी मुलाकात की और सुरक्षा की मांग की। स्टेट फोर्सेज के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल हेनरी स्कॉट ने अपनी आखिरी रिपोर्ट में कहा था कि काक स्वतंत्रता के पक्षधर थे लेकिन पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध रखते थे। 1 अगस्त 1947 को, जब गांधी ने कश्मीर का दौरा किया और काक को बताया कि वह लोगों के बीच कितने अलोकप्रिय थे तब, काक ने इस्तीफा देने की पेशकश की थी। काक को स्वतंत्र कश्मीर के विचार का शिल्पी कहा जा सकता है। हालाँकि, काक अगर चाहते तो कश्मीर के हीरो बन सकते थे लेकिन अदूरदृष्टि और स्वार्थ के कारण उन्होंने खलनायक बनने की ठानी।

ऐसे में किरेन रिजिजू ने उस बात को स्पष्ट किया है जिसपर लोग चर्चा करने से भी कतराते थे, क्योंकि उन्हे असभ्य, अशिष्ट कहलाने का खतरा रहता था। परंतु अब और नहीं, अब समय आ चुका है दूध का दूध और पानी का पानी करने का, और किरेन रिजिजू के धुलाई भरे ट्वीट इस दिशा में प्रथम कदम है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें। 

Tags: British ruleअखंड भारतजम्मू कश्मीर का विलयमहाराजा हरि सिंह
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

भारत ने UNGA में रूस के खिलाफ मतदान नहीं किया, क्योंकि मतदान कभी हुआ ही नहीं

अगली पोस्ट

कुछ समय पहले तक TFI की रिपोर्ट का मजाक बना रहा था BYJUs, अब सच्चाई सामने है

संबंधित पोस्ट

कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम
इतिहास

कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

5 November 2025

आज कार्तिक पूर्णिमा है। कार्तिक पूर्णिमा सनातन परंपराओं में अत्यंत पवित्र दिन माना जाता है। यह केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक...

नगीना मस्जिद हमला
इतिहास

जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

31 October 2025

बात वर्ष 1939 की है।अंग्रेजी शासन के ख़िलाफ़ पूरे देशभर में भावनाएं उफान पर थीं जनता न सिर्फ अपने लिए ज्यादा से ज्यादा अधिकारों की...

सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया
इतिहास

सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

31 October 2025

31 अक्टूबर 2025 को पूरा भारत सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मना रहा है। लौहपुरुष के रूप में विख्यात सरदार पटेल केवल स्वतंत्र भारत...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Astra Mk-I Based VL-SRSAM will Power India’s Naval Air Defense Network?

How Astra Mk-I Based VL-SRSAM will Power India’s Naval Air Defense Network?

00:05:52

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

00:06:48

How Pakistan’s Navy Is Linked to the Global Meth Smuggling Network?

00:04:44

How Marya Shakil Whitewashed RJD’s Genocidal ‘Bhura Baal Saaf Karo’ Slogan?

00:07:12

Will India Finally Know The Truth About Netaji’s Death?

00:08:41
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited