TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    तमिलनाडु के पठ्यक्रम में शामिल की गईं पैगमबर मुहम्मद की शिक्षाएं, DMK की वोट बैंक राजनीति और तमिलनाडु की शिक्षा नीति

    तमिलनाडु के पठ्यक्रम में शामिल की गईं पैगमबर मुहम्मद की शिक्षाएं, DMK की वोट बैंक राजनीति और तमिलनाडु की शिक्षा नीति

    इस्लामिक NATO की ओर पहला क़दम: ट्रंप और अरब-मुस्लिम नेताओं की सीक्रेट मीटिंग के क्या हैं मायने?

    इस्लामिक NATO की ओर पहला क़दम: ट्रंप और अरब-मुस्लिम नेताओं की सीक्रेट मीटिंग के क्या हैं मायने?

    पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

    PM मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन: अब तक राष्ट्र के नाम अपने औचक संबोधनों में क्या बोले हैं प्रधानमंत्री?

    DUSU चुनाव 2025: Gen Z ने अपने वोट से राष्ट्रवाद का संदेश दिया

    DUSU चुनाव 2025: Gen Z ने अपने वोट से दिया राष्ट्रवाद का संदेश

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    अपने ही बयान से फंस गए ट्रंप, आखिर युक्रेन युद्ध से कौन बना रहा पैस

    अपने ही बयान से फंस गए ट्रंप, आखिर युक्रेन युद्ध से कौन बना रहा पैसा ?

    पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

    प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन: ‘स्वदेशी’ से विकसित भारत के संकल्प का आह्वान

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    JF17n

    बौखलाए पाकिस्तान ने अपने ही देश पर चाइनीज फाइटर जेट से बरसाए बम, महिलाओं और बच्चों समेत 30 से अधिक की मौत 

    पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

    PM मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन: अब तक राष्ट्र के नाम अपने औचक संबोधनों में क्या बोले हैं प्रधानमंत्री?

    “गवांर हो तभी बॉर्डर पे भेज दिए गए हो”: अपमान और सैनिकों के प्रति राष्ट्रीय भावनाएं

    “गवांर हो तभी बॉर्डर पे भेज दिए गए हो”: सैनिकों का अपमान, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान

    डोगराई: जब 3 JAT ने लाहौर की चौखट हिला दी

    डोगराई: जब 3 JAT ने लाहौर की चौखट हिला दी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    टेक्सास में भगवान श्री हनुमान की 90 फ़ीट की प्रतिमा का अपमान, USA में ईसाईयत के नाम पर बजरंगबली के लिए ज़हर क्यों उगल रहे हैं कट्टरपंथी?

    टेक्सास में भगवान श्री हनुमान की 90 फ़ीट की प्रतिमा का अपमान, USA में ईसाईयत के नाम पर बजरंगबली के लिए ज़हर क्यों उगल रहे हैं कट्टरपंथी?

    इस्लामिक NATO की ओर पहला क़दम: ट्रंप और अरब-मुस्लिम नेताओं की सीक्रेट मीटिंग के क्या हैं मायने?

    इस्लामिक NATO की ओर पहला क़दम: ट्रंप और अरब-मुस्लिम नेताओं की सीक्रेट मीटिंग के क्या हैं मायने?

    अपने ही बयान से फंस गए ट्रंप, आखिर युक्रेन युद्ध से कौन बना रहा पैस

    अपने ही बयान से फंस गए ट्रंप, आखिर युक्रेन युद्ध से कौन बना रहा पैसा ?

    JF17n

    बौखलाए पाकिस्तान ने अपने ही देश पर चाइनीज फाइटर जेट से बरसाए बम, महिलाओं और बच्चों समेत 30 से अधिक की मौत 

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    विदुषी संवाद- भाग 2: धर्मपारायणता और चरित्र की प्रतिमूर्ति देवी शची की कहानी

    विदुषी संवाद- भाग 2: धर्मपारायणता और चरित्र की प्रतिमूर्ति देवी शची की कहानी

    हरिद्वार में तर्पण

    धर्मरक्षा के लिए बलिदान हुए करोड़ों अज्ञात हिंदुओं का हरिद्वार में सामूहिक तर्पण

    डोगराई: जब 3 JAT ने लाहौर की चौखट हिला दी

    डोगराई: जब 3 JAT ने लाहौर की चौखट हिला दी

    फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

    फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    तमिलनाडु के पठ्यक्रम में शामिल की गईं पैगमबर मुहम्मद की शिक्षाएं, DMK की वोट बैंक राजनीति और तमिलनाडु की शिक्षा नीति

    तमिलनाडु के पठ्यक्रम में शामिल की गईं पैगमबर मुहम्मद की शिक्षाएं, DMK की वोट बैंक राजनीति और तमिलनाडु की शिक्षा नीति

    इस्लामिक NATO की ओर पहला क़दम: ट्रंप और अरब-मुस्लिम नेताओं की सीक्रेट मीटिंग के क्या हैं मायने?

    इस्लामिक NATO की ओर पहला क़दम: ट्रंप और अरब-मुस्लिम नेताओं की सीक्रेट मीटिंग के क्या हैं मायने?

    पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

    PM मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन: अब तक राष्ट्र के नाम अपने औचक संबोधनों में क्या बोले हैं प्रधानमंत्री?

    DUSU चुनाव 2025: Gen Z ने अपने वोट से राष्ट्रवाद का संदेश दिया

    DUSU चुनाव 2025: Gen Z ने अपने वोट से दिया राष्ट्रवाद का संदेश

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    अपने ही बयान से फंस गए ट्रंप, आखिर युक्रेन युद्ध से कौन बना रहा पैस

    अपने ही बयान से फंस गए ट्रंप, आखिर युक्रेन युद्ध से कौन बना रहा पैसा ?

    पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

    प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन: ‘स्वदेशी’ से विकसित भारत के संकल्प का आह्वान

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    JF17n

    बौखलाए पाकिस्तान ने अपने ही देश पर चाइनीज फाइटर जेट से बरसाए बम, महिलाओं और बच्चों समेत 30 से अधिक की मौत 

    पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

    PM मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन: अब तक राष्ट्र के नाम अपने औचक संबोधनों में क्या बोले हैं प्रधानमंत्री?

    “गवांर हो तभी बॉर्डर पे भेज दिए गए हो”: अपमान और सैनिकों के प्रति राष्ट्रीय भावनाएं

    “गवांर हो तभी बॉर्डर पे भेज दिए गए हो”: सैनिकों का अपमान, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान

    डोगराई: जब 3 JAT ने लाहौर की चौखट हिला दी

    डोगराई: जब 3 JAT ने लाहौर की चौखट हिला दी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    टेक्सास में भगवान श्री हनुमान की 90 फ़ीट की प्रतिमा का अपमान, USA में ईसाईयत के नाम पर बजरंगबली के लिए ज़हर क्यों उगल रहे हैं कट्टरपंथी?

    टेक्सास में भगवान श्री हनुमान की 90 फ़ीट की प्रतिमा का अपमान, USA में ईसाईयत के नाम पर बजरंगबली के लिए ज़हर क्यों उगल रहे हैं कट्टरपंथी?

    इस्लामिक NATO की ओर पहला क़दम: ट्रंप और अरब-मुस्लिम नेताओं की सीक्रेट मीटिंग के क्या हैं मायने?

    इस्लामिक NATO की ओर पहला क़दम: ट्रंप और अरब-मुस्लिम नेताओं की सीक्रेट मीटिंग के क्या हैं मायने?

    अपने ही बयान से फंस गए ट्रंप, आखिर युक्रेन युद्ध से कौन बना रहा पैस

    अपने ही बयान से फंस गए ट्रंप, आखिर युक्रेन युद्ध से कौन बना रहा पैसा ?

    JF17n

    बौखलाए पाकिस्तान ने अपने ही देश पर चाइनीज फाइटर जेट से बरसाए बम, महिलाओं और बच्चों समेत 30 से अधिक की मौत 

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    विदुषी संवाद- भाग 2: धर्मपारायणता और चरित्र की प्रतिमूर्ति देवी शची की कहानी

    विदुषी संवाद- भाग 2: धर्मपारायणता और चरित्र की प्रतिमूर्ति देवी शची की कहानी

    हरिद्वार में तर्पण

    धर्मरक्षा के लिए बलिदान हुए करोड़ों अज्ञात हिंदुओं का हरिद्वार में सामूहिक तर्पण

    डोगराई: जब 3 JAT ने लाहौर की चौखट हिला दी

    डोगराई: जब 3 JAT ने लाहौर की चौखट हिला दी

    फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

    फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बृहस्पति स्मृति और मनु स्मृति से भारतीय संविधान तक: न्याय में परंपरा और आधुनिकता का कैसा रहा है संगम?

प्राचीन काल में भी न्याय राज्य का प्रमुख सद्गुण था और राजा का यह प्रथम कर्तव्य था कि वह राज्य में न्याय स्थापित करे।

Dr Alok Kumar Dwivedi द्वारा Dr Alok Kumar Dwivedi
29 April 2025
in ज्ञान, धर्म
Manu's Code Of Law

मनु का विधि संहिता (Image Source: Google)

Share on FacebookShare on X

मनु ने न्याय और समानता (justice and equity) की अवधारणाओं पर विशेष बल दिया। उनका मानना था कि जो भी व्यक्ति न्याय का उल्लंघन करता है, वह सदैव घृणास्पद होता है। राजा मूल न्यायालय (original court) और अपील न्यायाधिकरण (appellate tribunal) — दोनों की भूमिका निभाता है और न्याय का संचालन करता है। वह स्वयं न्यायपालिका का प्रधान होता है और इसमें उसका सहयोग ब्राह्मणों और अनुभवी सभासदों द्वारा किया जाता है। न्याय का निर्धारण धर्मशास्त्रों के सिद्धांतों और स्थानीय परंपराओं (regional customs) के अनुसार होना चाहिए।

यदि किसी कारणवश राजा स्वयं न्याय नहीं कर पाता, तो वह एक विद्वान ब्राह्मण तथा तीन सभ्यों (सहायक न्यायाधीशों) को नियुक्त करता है जो मामलों का निपटारा करें। मुकदमे की कार्यवाही में यदि प्रतिवादी (defendant) आरोपों से इनकार करता है, तो वादी (complainant) को गवाहों को प्रस्तुत करना चाहिए या प्रमाण प्रस्तुत करने चाहिए। यदि गवाहों के कथनों में विरोधाभास हो, तो राजा को बहुसंख्यक गवाहों की गवाही को निर्णायक मानना चाहिए। यदि कोई गवाह उपलब्ध न हो, तो न्यायाधीशों को जाँच आधारित दृष्टिकोण (investigative approach) अपनाना चाहिए।

संबंधितपोस्ट

लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

“विहिप भी बोली: हटाइए ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’, इमरजेंसी की देन क्यों ढोएं?”

नए उप-राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया शुरू, जानें कैसे होता है VP का चुनाव?

और लोड करें

प्रमाणों का वर्गीकरण

याज्ञवल्क्य ने प्रमाणों को तीन भागों में वर्गीकृत किया है:
1. लेख्य प्रमाण (Documents)
2. साक्षी (Witnesses)
3. स्वामित्व या वस्तु का अधिकार (Possessions)

यह वर्गीकरण मनु के प्रमाण विषयक विचारों को और अधिक व्यवस्थित करता है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया अधिक स्पष्ट और तर्कसंगत बनती है। इस प्रकार मनु का विधि सिद्धांत धर्म, परंपरा और प्रमाण पर आधारित एक समन्वित न्याय व्यवस्था को प्रस्तुत करता है।

प्राचीन काल में भी न्याय राज्य का प्रमुख सद्गुण था। राजा का यह प्रथम कर्तव्य था कि वह राज्य में न्याय स्थापित करे। लगभग सभी स्मृतियों में कानून व्यवस्था और न्याय स्थापित करने कि बात विस्तार से वर्णित है। न्याय व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ करने के लिए वृहस्पति स्मृति में मनु के सिद्धांतों को और भी परिष्कृत रूप में प्रस्तुत किया गया है।

बृहस्पति ने मनु द्वारा वर्णित 18 विधि शीर्षकों के प्रावधानों को को दो मुख्य वर्गों में विभाजित किया:

1. सिविल (नागरिक) कानून
2. क्रिमिनल (दंडात्मक) कानून।
यह वर्गीकरण हिंदू विधिक परंपरा के विकास में एक बड़ा मील का पत्थर है।

बृहस्पति स्मृति के अनुसार, सिविल कानून (नागरिक विधि) के अंतर्गत जिन विषयों को सूचीबद्ध किया गया है, वे निम्नलिखित हैं:
• धन उधार देना (ऋण देना)
• धरोहर (जमानत या जमा)
• साझेदारी (सहभागिता) के मामलों से जुड़ी चिंताएं
• मजदूरी या वेतन का न मिलना
• भूमि विवाद
• स्वामित्व के बिना बिक्री
• क्रय-विक्रय (खरीद-फरोख्त)
• अनुबंध (वाचा) का उल्लंघन
• पति-पत्नी के संबंध
• चोरी और उत्तराधिकार (विरासत)
• जुआ, जो कि धन से उत्पन्न होने वाले विवादों से संबंधित है।
इन सभी विषयों का संबंध व्यक्तिगत या सामाजिक धन और संपत्ति से है, अतः इन्हें सिविल मामलों के रूप में वर्गीकृत किया गया।

दूसरी ओर, क्रिमिनल कानून (दंडात्मक विधि) के अंतर्गत वे विषय आते हैं जो किसी व्यक्ति को शारीरिक या मानसिक क्षति पहुँचाते हैं, जैसे:
• दो प्रकार के अपमान (मानहानि)
• हिंसा
• पर-स्त्री से अवैध संबंध, जो कि दूसरों को हानि पहुँचाने वाले कार्य हैं।

वर्तमान में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 132-134 के अनुसार चार प्रकार के मामलों को सुप्रीम कोर्ट में अपील के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है:
1. संविधान की व्याख्या से संबंधित अपील
2. दीवानी अपील (Civil Appeal)
3. आपराधिक अपील (Criminal Appeals)
4. विशेष अनुमति के साथ की गई अपील (Appeal with Special Permission)

ये चारों प्रकार की प्रक्रियाएँ सिद्धांततः मनु और वृहस्पति स्मृति में वर्णित दीवानी और आपराधिक मामलों से भिन्न नहीं हैं। ये स्मृतियाँ आज के भी कानून और उनके विभाजन का आधार हैं। आज के समय में जिस प्रकार की सामाजिक न्याय (social justice) की अवधारणा है, वह मनु की न्याय संबंधी दृष्टि में पहले से ही समाहित थी। उन्होंने इसे “न्याय का सामाजिक उद्देश्य” (social purpose of justice) कहा, जिसमें राजा का यह कर्तव्य था कि वह उन लोगों के अधिकारों की रक्षा करे जो स्वयं अपने लिए खड़े नहीं हो सकते हैं।

मनु के अनुसार

• नाबालिग (minor) के उत्तराधिकार (inheritance) और अन्य संपत्ति की रक्षा राजा को तब तक करनी चाहिए जब तक वह गुरुकुल से लौट कर वयस्क न हो जाए।
• राजा को विशेष रूप से अनाथों (orphans), बांझ महिलाओं, बिना संतान वाले पुरुषों, पतियों से रहित स्त्रियों (विधवाओं) तथा रोगग्रस्त महिलाओं की देखभाल करनी चाहिए।

इस प्रकार मनु की न्याय प्रणाली न केवल विधिक न्याय पर बल देती है, बल्कि सामाजिक दायित्व और संवेदनशील शासन की भी वकालत करती है, जो आज के कल्याणकारी राज्य (welfare state) के सिद्धांतों से काफी मेल खाती है। मनु के समय में यह विशाल उपमहाद्वीप विभिन्न जातीय और भाषायी समूहों का निवास स्थान था, जिनकी दृष्टिकोणों और नैतिक मूल्यों में अत्यधिक विविधता थी। मनु इस सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को एक सजीव और संगठित इकाई के रूप में बनाए रखने की आवश्यकता को भली-भांति समझते थे। मनुस्मृति में जीवन के लगभग सभी पहलुओं—राजनीतिक, आर्थिक, विधिक, सामाजिक आदि—का समावेश है। यह एक विशाल ग्रंथ है, जिसकी प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है।

प्राचीन स्मृति शास्त्र और आधुनिक विधिक प्रणाली में वैचारिक अंतर

1. काल-सापेक्षता (Temporal Context):
मनुस्मृति और बृहस्पति स्मृति लगभग 3000 वर्ष पूर्व की सामाजिक, धार्मिक, और नैतिक व्यवस्थाओं को ध्यान में रखकर रची गई थीं। उन शास्त्रों में उस समय की समाज संरचना, दोष भावना (guilt psychology), धर्म, और सामाजिक उत्तरदायित्व की छवि झलकती है, जो आज की अपेक्षा एकदम अलग थी।

2. समाज-केन्द्रित बनाम व्यक्ति-केन्द्रित दृष्टिकोण:
स्मृति शास्त्रों में समाज के हित और धर्म-अनुशासन को प्रमुखता दी गई है, जबकि आधुनिक कानून, जैसे भारतीय संविधान, व्यक्ति की स्वतंत्रता, समानता, और अधिकारों पर आधारित है।

3. नियमों की स्थिरता बनाम परिवर्तनशीलता:
भारत का संविधान 26 नवम्बर 1949 को अंगीकृत हुआ था और तब से अब तक उसमें अनेक बार संशोधन हो चुका है। यदि केवल 70-72 वर्षों में ही समाज और समस्याएं इतनी बदल सकती हैं, तो 3000 वर्ष पूर्व की व्यवस्था को शब्दश: आज की कसौटी पर जाँचना न्यायसंगत नहीं होगा।

4. तत्कालीन न्यायिक प्रणाली की गहराई:
आचार्य मनु और बृहस्पति ने उस समय की न्यायिक व्यवस्थाओं को विस्तृत रूप से परिभाषित किया। मनु ने धर्म के मूल तत्वों के अनुसार राजधर्म और न्याय का निर्धारण किया, वहीं बृहस्पति ने न्यायालयों की विभिन्न श्रेणियाँ, साक्ष्य के प्रकार, और सिविल व क्रिमिनल कानून के वर्गीकरण जैसे आधुनिक तत्वों को आधार बनाया।
मनु धर्म और राजनीति को सततता के उपकरण (instruments of continuity) के रूप में प्रयोग करके, जीवन को आदर्श रूप से स्थापित लक्ष्यों की पूर्ति हेतु दिशा देने का कार्य करते हैं। यह ग्रंथ प्राचीन भारत के एक महान चिंतक की नैतिक दृष्टि की अभिव्यक्ति है, जो व्यावहारिकता (pragmatism) और आदर्शवाद (idealism)—दोनों को समान रूप से महत्व देता है।

के. श्रीरंजनी सुब्बा राव ने अपने लेख “Manu’s Ideas on Administration” (मनु के प्रशासन संबंधी विचार) में कहा है कि — मनु के प्रशासन संबंधी विचार आधुनिक प्रशासनिक शक्तियों के विकेंद्रीकरण की अवधारणा को प्रतिबिंबित करते हैं। यही शायद इस ग्रंथ की सबसे विशिष्ट विशेषता है—इसमें एक ओर जहाँ सार्वभौमिकता (universality) की झलक है, वहीं दूसरी ओर यह कालातीत होते हुए भी विशिष्टताओं के साथ संतुलन बनाए रखता है।

स्रोत: Manu, Manusmriti, Indian Constitution, Social Justice, मनु, मनुस्मृति, भारतीय संविधान, सोशल जस्टिस
Tags: Indian ConstitutionManuManusmritiSocial Justiceभारतीय संविधानमनुमनुस्मृतिसोशल जस्टिस
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल में कुछ गलत नहीं है’, सुप्रीम कोर्ट बोला- राष्ट्रहित सर्वोपरि

अगली पोस्ट

‘ना डरेंगे, ना छिपेंगे’: पहलगाम हमले वाली आतंकी सोच को हिंदू ऐसे दे रहे जवाब

संबंधित पोस्ट

टेक्सास में भगवान श्री हनुमान की 90 फ़ीट की प्रतिमा का अपमान, USA में ईसाईयत के नाम पर बजरंगबली के लिए ज़हर क्यों उगल रहे हैं कट्टरपंथी?
AMERIKA

टेक्सास में भगवान श्री हनुमान की 90 फ़ीट की प्रतिमा का अपमान, USA में ईसाईयत के नाम पर बजरंगबली के लिए ज़हर क्यों उगल रहे हैं कट्टरपंथी?

23 September 2025

पश्चिमी देश-खासकर अमेरिका दशकों से ख़ुद को मानवतावाद और बहुलतावाद के चैंपियन और सेक्युलिरिज्म के मसीहा के रूप में पेश करता रहा है। प्राय: वो...

विदुषी संवाद- भाग 2: धर्मपारायणता और चरित्र की प्रतिमूर्ति देवी शची की कहानी
इतिहास

विदुषी संवाद- भाग 2: धर्मपारायणता और चरित्र की प्रतिमूर्ति देवी शची की कहानी

23 September 2025

भारतीय पौराणिक परंपरा में जिन नारी चरित्रों ने अपनी धर्मनिष्ठा, बुद्धिमत्ता और असाधारण चारित्रिक दृढ़ता से इतिहास रचा है, उनमें देवराज इंद्र की अर्धांगिनी और...

हरिद्वार में तर्पण
इतिहास

धर्मरक्षा के लिए बलिदान हुए करोड़ों अज्ञात हिंदुओं का हरिद्वार में सामूहिक तर्पण

22 September 2025

21 सितंबर 2025 यानी रविवार को हरिद्वार के चण्डी घाट पर एक बेहद ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला, जिसने हर हिंदू हृदय को झकझोर दिया।...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

What A Space War Looks Like – And How India Is Preparing For it?

What A Space War Looks Like – And How India Is Preparing For it?

00:06:35

Story of The Battle of Dograi & Valiant Soldiers of 3 JAT

00:06:25

Why Kerala Is Facing a Deadly ‘Brain-Eating Amoeba’ Outbreak Like Never Before?

00:06:07

What Pakistan Planned After Hyderabad’s Surrender Will Shock You| Untold Story of Op Polo

00:03:43

Inside the Waqf Case: What SC’s Interim Order Really Means?

00:19:34
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited